September 29, 2024

प्रशांत किशोर का बड़ा एलान, 20 फरवरी से ‘बात बिहार की’ कार्यक्रम की करेंगे शुरुआत

नई दिल्ली,18 फरवरी(इ खबरटुडे)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए किसी पार्टी का ऐलान या फिर गठबंधन को समर्थन देने की अटकलों के बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और ऐसी किसी संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया। पटना में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से मतभेद की वजहें भी बताईं और कहा कि नीतीश कुमार गोडसे की विचारधारा वाले लोगों के साथ हैं, जबकि वे कहते हैं कि वे गांधी, लोहिया और जेपी को मानते हैं। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से सवाल किया कि आखिर आप बिहार को लीड करना चाहते हैं या फिर पिछलग्गू बनकर कुर्सी पर बने रहना।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश जी से उनका संबंध विशुद्ध राजनीतिक नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि 2015 में जब हम मिले, उसके बाद से नीतीश जी ने मुझे बेटे की तरह ही रखा है। जब मैं दल में था तब भी और नहीं था तब भी। नीतीश कुमार मेरे पिता तुल्य ही हैं। उन्होंने जो भी फैसला लिया, मैं सहृदय स्वीकार करता हूं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि जितना नीतीश जी को जानता हूं, वो हमेशा कहते रहे हैं कि वे गांधी, जेपी और लोहिया की बातों को नहीं छोड़ सकते। मेरे मन में दुविधा रही है कि जब नीतीश जी गांधी के विचारों पर आवाज उठा रहे हैं तो फिर उसी समय में गोडसे की विचारधारा वाले लोगों के साथ कैसे खड़े हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते।

उन्होंने कहा कि गांधी और गोडसे की विचारधारा को लेकर हम दोनों में मतभेद रहा है। हम दोनों के बीच मतभेद की पहली वजह रही है कि गांधी और गोडसे की विचारधारा। नीतीश कुमार गोडसे की विचारधारा वाले लोगों के साथ हैं। दूसरी वजह रही है कि जिस भाजपा के साथ 2004 के बाद से रहे हैं और आज जिस तरह से रहे हैं। उसमें जमीन आसमान का फर्क हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर आपके झुकने से भी बिहार का विकास हो रहा है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। क्या बिहार की इतनी तरक्की हो गई, जिसकी आकांक्षा यहां के लोगों की है। क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्ज मिल गया?

प्रशांत किशोर ने कहा कि पटना यूनिवर्सिटी में नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर विनती की थी, मगर केंद्र ने आज तक विशेष राज्य के दर्जे की बात नहीं सुनी। जहां तक बिहार के विकास की बात है कि मैं जब भी उनके साथ था तब भी यह भी मानता था कि बिहार में उनके राज में विकास हुआ है। मैं इसे आज भी नहीं झूठला सकता। उनके 15 साल के राज में बिहार में खूब विकास हुआ है। मगर क्या आज के मानकों पर खरा उतरता है यह विकास?

उन्होंने आगे कहा कि मगर बिहार की स्थिति आज भी अन्य राज्यों के मुकाबले पुरानी ही है। नीतीश जी ने साइकिल बांटी, पोशाक भी दिए, मगर अच्छी शिक्षा नहीं दे पाए। शिक्षा के मामले में बिहार आज भी नीचले स्तर का स्टेट है। बिहार सरकार अच्छी शिक्षा नहीं दे पाई।

उन्होंने कहा कि बिजली हर घर में पहुंची है पिछले दस साल में, मगर हाउसहोल्ड के स्तर पर बिजली उपभोग में बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार लालू राज से तुलना कर अपने विकास का गुनगान करवा रहे हैं। मगर मैं पूछता हूं कि वे हरियाणा-गुजरात के विकास से तुलना क्यों नहीं करते? क्यों 2005 की तुलना कर रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि दिल्ली में 40 से ज्यादा लोग जलकर मर गए। ज्यादातर लोग बिहार-यूपी के थे। अगर 15 साल में खूब तरक्की हुई है तो फिर बिहार के लोग वहां जाकर क्यों मर रहे हैं। किसी का पिछलग्गु बना नेतृत्व बिहार की स्थिति नहीं बदल सकता। लोग ये सुनकर थक गए हैं कि लालू राज में ये खराब था, वो खराब था, अब लोग ये देखना चाहते हैं कि आपने अन्य राज्यों के मुकाबले क्या किया और कैसा है अपना बिहार?

उन्होंने कहा कि जब तक जीवित हूं बिहार के लिए समर्पित हूं। चाहे जितना दिन लगे। हम बिहार के गांव-गांव जाकर लड़कों को जगाएंगे-जोड़ेंगे जो बिहार को बदलना चाहते हैं। बिहार चुनाव में लड़ने-लड़ाने के लिए मैं नहीं बैठा हूं। पिछले दो साल पहले अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की है। मैं ऐसे यंग लड़कों को जोड़ना चाहता हूं जो राजनीति में आने का सपना देख रहे हैं। मैं चाहता हूं कि ऐसे युवाओं को जोड़ूं जो अच्छे मुखिया बनकर आए। मैं 20 तारीख से एक नया कार्यक्रम शुरू करने जा रहा हूं, बात बिहार की। इसके तहत एक हजार ऐसे लोग ज्यादातर युवा को चुनना और उनसे जुड़ना जो ये मानते हैं कि अगले दस साल में बिहार अग्रणी राज्य बने। सो कॉल्ड विकास के बाद बिहार में प्रति व्यक्ति आय के मामले में 22वें पर है। बिहार को वो चलाएगा जिसके पास कुछ कर दिखाने का सपना और ब्लूप्रिंट हो।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार बेहतर कैसे बने हो, अगर नीतीश कुमार भी इसमें शामिल हैं तो उनका भी स्वागत है।बिहार हमेशा पोस्टकार्ड वाला ही राज्य बना रहे, यह मैं नहीं चाहता हूं। फेसबुक और ट्विटर पर सिर्फ गुजरात के लोगों का एकाधिकार नहीं। गुजरात के लोगों को सीखाने वाले भी बिहार के ही थे। मैं चाहता हूं कि बिहार के लड़के भी ट्विटर और फेसबुक चलाएं। हम लोग बेवकूफों के राज्य से थोड़े न हैं? आप क्यों चाहते हैं कि बिहार हमेशा गरीब ही रहे।

नीतीश कुमार को प्रशांत किशोर ने कहा कि आप आगे आइए। अगर आप बिहार के हर आदमी को बताएंगे कि अगले दस साल में कैसे प्रति व्यक्ति आय बढ़ाएंगे, कैसे बिहार का विकास करेंगे, बिहार के लोगों का जीवन आयु कैसे बढ़ाएंगे, अगर वे बिहार के लिए ऐसा वह ब्लूप्रिंट लेकर आते हैं तो आपको सब सपोर्ट करेंगे। प्रशांत किशोर ने सवाल किया कि आप बिहार को लीड करना चाहते हैं या पिछलग्गू बनकर कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं। किसी गठबंधन या राजनीतिक दल के कार्यक्रम में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं यहां किसी की पार्टी को बिगाड़ने या बनाने नहीं आया हूं।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds