प्रधानमंत्री मोदी बताएं, उन्हें किससे जान का खतरा है -कांग्रेस नेता आनंद शर्मा
संसद शीतकालीन सत्र
नई दिल्ली, 16 नवम्बर(इ खबरटुडे)। नोटबंदी के फैसले को लेकर संसद में सरकार पर जोरदार प्रहार करते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि वे बताए उन्हें किससे जान का खतरा है.देश भर में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के फैसले और उसके प्रभाव पर राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए आनंद शर्मा ने कहा, ‘आज, आप (प्रधानमंत्री) हमें बताएं कि आपको कौन धमका रहा है, कौन आपको मारना चाहता है, संसद को बताएं, हम इसे बर्दास्त नहीं कर सकते. अगर प्रधानमंत्री की जान को खतरा है तो पूरा सदन इसकी निंदा करता है.’
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीती रविवार गोवा की एक जनसभा में बिना किसी का नाम लिए कहा था, ‘मैं जानता हूं मैंने कैसी कैसी ताकतों से लड़ाई मोल ले ली है. जानता हूं कैसे लोग मेरे खिलाफ हो जाएंगे. मुझे ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे… मुझे बर्बाद कर देंगे, क्योंकि 70 वर्षों की उनकी लूट आज बेकार हो गई, लेकिन मैं हार नहीं मानूंगा.’
प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए शर्मा ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री की लंबी उम्र की कामना करते हैं, कृपया हमें बताएं आपके पास (धमकी की) क्या जानकारी है.’इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट अचानक बंद कर देश में ‘आर्थिक अराजकता’ पैदा कर दी, और आज लाखों लोग नकदी के लिए बैंकों और एटीएम की कतार में खड़े हैं. उन्होंने कहा, ‘आपने ऐसा माहौल बना दिया है, जहां कोई सवाल नहीं कर सकता है. अगर आप सवाल पूछते हैं, तो आपकी देशभक्ति पर सवाल उठाया जाता है.’
शर्मा ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री की निंदा करता हूं. वह अपनी टिप्पणी पर माफी मांगें, जिसमें उन्होंने पाचं-छह दिनों से कतार में खड़े लोगों को घोटालेबाज कहा था. ‘ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘क्या यही कानून है? क्या यह कालेधन के खिलाफ लड़ाई है? आपने देश में आर्थिक अराजकता ला दी’.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि आतंकवाद, काला धन, भ्रष्टाचार, नकली मुद्रा के मुद्दे पर पूरा सदन एकजुट है और इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री की अचानक की गई इस घोषणा से देश में आपात स्थित पैदा हो गई है और लोग बुरी तरह परेशान हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने न सिर्फ आर्थिक अराजकता पैदा की, बल्कि नगदी से चलने वाली अर्थव्यवस्था की रीढ़ ही तोड़ दी.
उन्होंने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था नगदी के लेन देन की है और आम आदमी, छोटे व्यापारी, किसान, गृहणियां अपने साथ क्रेडिट कार्ड और चेकबुक लेकर नहीं चलते. जब प्रधानमंत्री ने काले धन की बात कही, तब क्या उन्होंने इस बात को ध्यान में रखा था. क्या बाजार में, घरों में, किसानों, मजदूरों, सरकारी कर्मियों के पास काला धन था? क्या खेतों में अनाज उगाकर मंडी लेकर आने वाला किसान अपने साथ काला धन लाता और ले जाता है.’ शर्मा ने कहा कि दुनिया भर में यह संदेश गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में काले धन का बोलबाला है. उन्होंने कहा ‘देश को कृपया कलंकित न करें.’
राज्यसभा में कांग्रेस नेता ने कहा, ‘आपने किसी की सुनी नहीं और बस आगे बढ़कर घोषणा कर दी. और आम लोगों से साथ देने की मांग करते हैं.’ उन्होंने कहा कि जब यह ऐलान किया गया तब देश में 16 लाख 63 हजार के करेंसी नोट सर्कुलेशन में थे और इनमें से 86.4 फीसदी नोट 500 और 1000 रुपये के नोटों के थे. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह 86.4 फीसदी नोट काले धन का था, जो बाजार में लगा था.’
आनंद शर्मा ने इस फैसले की गोपणीयता को लेकर भी सवाल किया और आरोप लगाया कि सरकार ने अपने चुनिंदा ‘करीबी लोगों’ को पहले ही इस बारे में बता दिया था.पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, ‘आप कहते हैं कि इसे गोपणीय रखना जरूरी था, वर्ना गुंडे और आतंकवादी भी इसके बारे जान जाते. लेकिन आपने इसे गोपनीय नहीं रखा, आपने चुनिंदा लोगों को पहले ही इसे लीक कर दिया. बीजेपी इकाई ने बैन से ठीक पहले करोड़ों रुपये बैंक में जमा कर दिए.’कांग्रेस नेता ने सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, ‘यहां सब सर्जन बन गए हैं और हर चीज सर्जिकल स्ट्राइक बन जा रही है.’