July 5, 2024

प्रदेश में 8 मॉर्डन फूड पार्क स्थापित,एग्री बिजनेस और फूड प्रोसेसिंग यूनिट की अच्छी संभावनाएँ

भोपाल,19 अक्टूबर(इ खबरटुडे)।प्रदेश में 6 सरकार के और 2 निजी क्षेत्र के फूड पार्क चल रहे हैं। इनमें सरकारी क्षेत्र में भिण्ड जिले के मालनपुर में, मण्डला के मनेरी में, छिन्दवाड़ा के बोगाँव में, मंदसौर के जग्गाखेड़ी में, खरगोन के निमरानी और होशंगाबाद जिले के पिपरिया-बाबई में फूड पार्क हैं। प्रायवेट सेक्टर में खरगोन में इण्डस और देवास में अवंती फूड पार्क कार्य कर रहे हैं। इन पार्क में कई फूड प्रोसेसिंग कम्पनी अपनी यूनिट चला रही हैं।

प्रदेश में पिछले 3 वर्ष में कृषि विकास दर औसत रूप से 20 प्रतिशत के लगभग बनी हुई है। कृषि विकास दर की वजह से प्रदेश को 4 बार कृषि कर्मण अवार्ड भी मिला है। राज्य में फूड प्रोसेसिंग यूनिट को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने फूड प्रोसेसिंग यूनिट के संचालन के लिये अनेक रियायत भी दी हैं। प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग के लिये फल, सब्जी और फूल की खरीद पर मण्डी शुल्क से छूट की सुविधा दी हुई है। कोल्ड स्टोरेज के निर्माण को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने पाँच साल के लिये भी विद्युत शुल्क में रियायतें दी हुई हैं।

10 साल में चावल उत्पादन प्रति हेक्टेयर 818 से 2438 किलोग्राम हुआ
प्रदेश में दावत फूड्स लिमिटेड ने प्रिमियम क्वालिटी के बासमती के कारण ग्लोबल मार्केट में अपनी अलग पहचान बनायी हुई है। कम्पनी का बासमती चावल देशभर में तो लोकप्रिय है ही, साथ ही यूएसए, यूके, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, मिडिल ईस्ट, ऑस्ट्रेलिया जैसे अनेक देश में इसका निर्यात हो रहा है। डीएफएल (दावत फूड्स लिमिटेड) ने वर्ष 2008 में मण्डीदीप में 60 करोड़ की लागत से अल्ट्रा मॉडर्न मेगा फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाया था। प्लांट लगने से प्रदेश के किसानों को बासमती चावल लगाने में प्रोत्साहन मिला है। मण्डीदीप में चावल की फूड प्रोसेसिंग यूनिट होने के कारण बासमती चावल के उत्पादन में होशंगाबाद और रायसेन जिले के किसानों को प्रोत्साहन मिला है।

इन क्षेत्रों में किसानों द्वारा पैदा किये गये चावल को डीएफएल द्वारा प्रमुखता से खरीदा जा रहा है। चावल की क्वालिटी सुधारने के लिये किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन दिया गया है। इन प्रोत्साहन के कारण वर्ष 2004-05 में जहाँ प्रति हेक्टेयर चावल का उत्पादन 818 किलोग्राम रहा करता था, वह उल्लेखनीय रूप से बढ़कर वर्ष 2014-15 में बढ़कर 2438 किलोग्राम हो गया है।

प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में कोकाकोला, पेप्सीको, पारले एग्रो, केडबरी, रुचि ग्रुप, ब्रिटेनिया जैसी कम्पनियाँ भी अपना उत्पाद कर रही हैं। प्रदेश चना, सोयाबीन, दाल उत्पादन देश में नम्बर-1, गेहूँ, प्याज और हरे मटर के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। दूध उत्पादन के मामले में प्रदेश की पहचान 3 प्रमुख राज्य में होती है।

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