December 24, 2024

पुलवामा हमले के खिलाफ राजनीतिक दलों में दिखी एकजुटता, शिवसेना की राय, अब समय है आर-पार की लड़ाई का

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नई दिल्ली,16 फरवरी(इ खबरटुडे)। पुलवामा हमले को लेकर देश के आक्रोश को भांपते हुए सभी राजनीतिक दलों ने शनिवार को एकजुट होकर आंतकवाद को पूरी तरह नष्ट करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

एकमत से प्रस्ताव भी पारित किया गया, लेकिन सीधे तौर पर कहीं भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने पुलवामा में हुई घटना और उसके बाद उठाए गए कदमों की जानकारी दी, साथ ही सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की भी बात दोहराई।

बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी राजनीतिक दलों को भरोसा दिलाया कि सरकार हमले का कड़ा जवाब देगी।

साथ ही बताया कि जम्मू-कश्मीर की जनता अमन चाहती है, लेकिन पड़ोसी देश लगातार इसे खत्म करने पर तुला है जो सीमा पार से आतंकियों को भेजकर लगातार ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहा है।

बैठक में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को हमले से जुड़ी जानकारियों को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया गया। इस दौरान सीआरपीएफ के आला अधिकारी भी मौजूद रहे।

बैठक में शिवसेना के सुर सबसे अलग थे जिसने साफ किया कि पाकिस्तान के साथ युद्ध ही विकल्प है। जबकि विपक्ष के अधिकतर दलों ने इसे आखिरी विकल्प करार दिया।

इस पर जरूर दृढ़ता थी कि करारा जवाब दिया जाना चाहिए। बैठक में मौजूद फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीरियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और कहा कि आतंकवाद सिर्फ गोलियों से खत्म नहीं हो सकता।

बैठक में कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा, माकपा के डी. राजा, लोजपा से रामविलास पासवान, रालोसपा से उपेंद्र कुशवाहा, राजद से जयप्रकाश नारायण मौजूद थे।

बताते हैं कि कुछ शब्दों के संशोधन के बाद प्रस्ताव को एकमत से पारित कर दिया गया। वैसे एक दो सदस्यों ने खुफिया जानकारी के बावजूद हुई घटना पर सवाल भी उठाया।

ये प्रस्ताव किए गए पारित

1. दुख की इस घड़ी में हम सभी देशवासियों और शहीद परिवारों के साथ खड़े हैं।

2. सीमा पार से समर्थित आतंकवाद की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।

3. भारत पिछले तीन दशकों से सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है। इस लड़ाई में पूरा देश एकजुट है। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों के साथ पूरी ताकत के साथ खड़े हैं।

किसने क्या कहा…
अगली स्ट्राइक असली पाकिस्तान में करने की जरूरत है। सर्जिकल स्ट्राइक तो पीओके में किया जाता है।
– संजय राउत, शिवसेना

मैंने मांग की है कि प्रधानमंत्री जी को सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के अध्यक्षों की बैठक बुलानी चाहिए और उनके साथ विचार-विमर्श करना चाहिए। सभी दलों ने इस मांग का समर्थन भी किया है।

1947 के बाद से अब तक युद्ध को छोड़कर पहली ऐसा घटना है, जिसमें एक साथ इतने सुरक्षा बलों की मौत हुई है। हम पूरी तरह सरकार के साथ हैं।

 

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