November 16, 2024

पीएम मोदी बायोपिक के निर्माता पहुंचे SC, कहा- चुनाव आयोग ने घोंटा आर्टिस्टिक आजादी का गला

नई दिल्ली,12अप्रैल (इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के जीवन पर आधारित फिल्म के प्रदर्शन पर निर्वाचन आयोग द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को सुनवाई करने की सहमति दे दी है। फिल्म निर्माता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने आर्टिस्टिक आजादी का गला घोंटा है।

इससे पहले चुनाव आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी राजनीतिक दल या राजनेता को चुनावी लाभ पहुंचाने वाली फिल्म की रिलीज की अनुमति देने से इंकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर आधारित बायोपिक सहित दो अन्य फिल्मों के प्रदर्शन पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी थी। आयोग ने बुधवार को अपने आदेश में कहा, ‘चुनाव के दौरान ऐसी किसी फिल्म को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या सिनेमाघरों में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती है जिससे किसी राजनीतिक दल या राजनेता को चुनावी लाभ मिलने की संभावना हो। उल्लेखनीय है कि बायोपिक ‘पीएम नरेन्द्र मोदी को 11 अप्रैल को रिलीज किया जाना था। सात चरण में होने वाले 17वीं लोकसभा के चुनाव के लिये पहले चरण का मतदान भी 11 अप्रैल को ही है।’

माकपा सहित अन्य विपक्षी दलों की शिकायत पर आयोग ने इसके प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। शिकायत में कहा गया है कि मोदी पर आधारित बायोपिक को चुनाव के दौरान प्रदर्शित करने का मकसद भाजपा को चुनावी फायदा पहुंचाना है। इसलिये चुनाव के दौरान इसके प्रदर्शन की अनुमति देने से चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन होगा। इससे पहले मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज करते हुये कहा था कि याचिकाकर्ताओं को इसके लिये उपयुक्त मंच (चुनाव आयोग) पर जाना चाहिये।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा, निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा ने आदेश में कहा कि आयोग को तीन फिल्मों (पीएम नरेन्द्र मोदी, एनटीआर लक्ष्मी और उदयमा सिमहम) के प्रदर्शन से किसी राजनीतिक दल या राजनेता को चुनाव में लाभ पहुंचने की आशंका के मद्देनजर इन पर रोक लगाने की मांग की गयी थी। आयोग ने कहा कि इस तरह की फिल्मों का प्रदर्शन चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों के अनुकूल नहीं है।

You may have missed