पहली सवारी में ही शाही सवारी की श्रध्दा उमड़ी
प्रजा पालक बाबा महाकाल निकले दर्शन देने, हर तरफ जयकारों की गूंज
उज्जैन,4 अगस्त (इ खबरटुडे)। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान श्री महाकाल ने श्रावण के प्रथम सोमवार को नगर भ्रमण कर प्रजा के हाल जानने निकले। पहली सवारी पर ही बाबा की एक झलक पाने के लिए इस तरह से भीड़ थी कि जैसे अंतिम व शाही सवारी पर दिखाई पड़ती है। बाबा ने मन महेश रुप में दर्शन देकर भक्तों को कृतार्थ किया। इधर श्रावण मास के पहले सोमवार पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की पत्नी साधनासिंह भी महाकाल पहुंची तथा दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया।
परंपरानुसार श्रावण मास की प्रथम सवारी सोमवार श्रावण कृष्ण तृतीया को धूमधाम से निकली। अधिपति महाकाल बाबा सायं 4 बजे प्रजा का हाल जानने के लिये चाँदी की पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर परम्परागत मार्ग से निकले। सवारी के पूर्व चांदी द्वार के समीप सभामंडप में पं.घनश्याम पुजारी आदि ने भगवान मनमहेश के मुखौटे का पूजन-अर्चन किया। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने भगवान श्री महाकाल के मुखौटे का पूजन-अर्चन किया। हरियाणा प्रान्त के कृषि एवं सिंचाई मंत्री ओमप्रकाश धनखड, कलेक्टर कवीन्द्र कियावत एवं पुलिस अधीक्षक एमएस वर्मा ने पालकी को कांधा देकर नगर भ्रमण की ओर रवाना किया। पूजन-अर्चन के अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी एवं श्रध्दालुजन उपस्थित थे।
श्री महाकालेश्वर भगवान की पालकी मन्दिर के प्रमुख द्वार पर पहुंचीए जहां पर सशस्त्र सेना के जवानों ने सलामी दी। सवारी के आगे-आगे घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान, स्वयं सेवी संगठनों के कार्यकर्ता तथा विभिन्न भजन मंडली ओम नम: शिवाय के जयकारों के साथ चल रहे थे। सवारी गुदरी चौराहा, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुँची, जहाँ शिप्रा तट पर भगवान श्री मनमहेश का शिप्रा के जल से अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई। पालकी में विराजित भगवान श्री मनमहेश के दर्शन के लिये सड़क के दोनों ओर खड़े हजारों दर्शनार्थियों ने पुष्पवर्षा कर त्रिकाल देव के दर्शन-लाभ लिये। शिप्रा तट पर पूजन-अर्चन के पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी श्री रामानुज कोट, कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार से गुदरी बाजार होते हुए पुन: श्री महाकालेश्वर मन्दिर पहुँची। कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, पुलिस अधीक्षक एमएस वर्मा नंगे पैर चल रहे थे। इस अवसर पर डीआईजी राकेश गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार, सिंहस्थ मेला अधिकारी अविनाश लवानिया, अपर कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी, अपर कलेक्टर संतोष वर्मा, श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रशासक आरपी तिवारी, पूर्व प्रशासक जयन्त जोशी, सहायक प्रशासक धर्मराज प्रधान आदि प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
साधनासिंह ने पूजे महाकाल
श्रावण मास के पहले सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की पत्नी साधनासिंह महाकालेश्वर पहुंची तथा पूजन- अर्चन किया। वे प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में सोमवार को यहां पूजन के लिए पहुंचती है। मुख्यमंत्री भी श्रावण मास के किसी एक सोमवार को सवारी में शामिल होकर अधिपति बाबा महाकाल की पूजा अर्चना कर श्रावण मास का धार्मिक लाभ लेते हैं।
रामानुजकोट तथा रामघाट पर धक्का-मुक्की
प्रशासन के लाख दावे के बावजूद भी पहली सवारी के दौरान ही रामानुजकोट तथा रामघाट पर पालकी के दौरान धक्का-मुक्की की स्थिति निर्मित हुई, इससे पहले दोनों ही स्थानों पर प्रवेश को लेकर पुलिसकर्मियों से श्रध्दालुओं की झड़प होती रही।
व्यवस्था बनाम वीआईपी सहूलियत
महाकालेश्वर मंदिर में जहां श्रावण मास के पहले सोमवार को व्यवस्था के नाम पर इतनी अधिक पुलिस तैनात थी कि जैसे कोई बड़ा नेता या वीआईपी आने वाला हो। आम श्रध्दालु इतनी अधिक पुलिस तथा बार-बार हो रही रोक-टोक को देख चकित थे। वहीं नेतागण, अधिकारियों के परिजन बेरोकटोक वीआईपी मार्ग से मंदिर के भीतर तक पहुंच रहे थे। दर्शनार्थियों की प्रतिक्रिया यह थी कि मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था बनाम वीआईपी की सहूलियत नामक किवदंती बनकर रह गई है। रविवार को भी महाकाल मंदिर में प्रवेश को लेकर आम श्रध्दालुओं की सुरक्षाकर्मियों से तकरार हुई थी। प्रतिबंध के बावजूद भाजपा से जुड़े संत के साथ 150 से यादा लोग एक घंटे तक गर्भगृह में रहे और पूजा-अर्चना की। सोमवार को भी रह-रहकर व्यवस्थाओं से खिलवाड़ किया जाता रहा।