December 24, 2024

नीति आयोग की बैठक जारी, मोदी बोले-राज्यों के सहयोग से ही विकास मुमकिन

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नई दिल्ली,23 अप्रैल (इ खबरटुडे)।दिल्ली में आज नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की तीसरी बैठक हो रही है. राष्ट्रपति भवन में दिन भर चलने वाली इस मीटिंग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा नीति आयोग के सदस्य और विशेष रूप से आमंत्रित विशेषज्ञ शामिल है. हालांकि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में शरीक ना होने का फैसला किया है.

सहयोग पर जोर
बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नए भारत का निर्माण सभी राज्यों और उनके मुख्यमंत्रियों के सहयोग से ही मुमकिन है. उन्होंने साफ किया कि मुख्यमंत्रियों को परियोजनाओं की मंजूरी के लिए नीति आयोग के चक्कर काटने की जरुरत नहीं है. पीएम के मुताबिक आयोग अब सिर्फ सरकारी इनपुट्स पर निर्भर नहीं है और इसमें पेशेवर और विशेषज्ञों को शामिल किया गया है. पीएम का कहना था कि मुख्यमंत्रियों के उप-समूहों ने कई सरकारी योजनाओं पर कीमती सुझाव दिये हैं. उनका दावा था कि ये पहला मौका है जब मुख्यमंत्रियों को केंद्रीय योजनाओं में योगदान के लिए कहा गया है और फंड की कमी के बावजूद उनकी सिफारिशों को स्वीकार किया गया है.

बैठक का एजेंडा
बैठक के दौरान केंद्र सरकार के विजन दस्तावेज पर चर्चा हो रही है. दस्तावेज में अगले 15 साल के दौरान देश की आर्थिक तरक्की की रफ्तार बढ़ाने के लिए खाका तैयार किया गया है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगरिया ने विजन डॉक्यूमेंट में सुझाए रोडमैप के अहम पहलुओं पर प्रेजेंटेशन दिया है. इसके अलावा 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा हो रही है. सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मीटिंग में पिछली दो बैठकों के दौरान लिए गए फैसलों पर लिए गए एक्शन पर भी चर्चा की जाएगी.

पिछली बैठकों में क्या हुआ?
काउंसिल की पहली बैठक 8 फरवरी 2015 में हुई थी. इस मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने नीति आयोग के एजेंडा को साफ किया था. इसमें अहम सरकारी योजनाओं की निगरानी के साथ सहयोगात्मक संघवाद यानी को-ऑपरेटिव फेडरेलिज्म को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया था. बैठक में तय हुआ था कि नीति आयोग सरकार के थिंक टैंक की तरह काम करेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आयोग केंद्र और राज्यों के बीच कड़ी का काम करेगा. इशके अलावा गरीबी उन्मूलन और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्रियों के सब-ग्रुप और दो टास्क फोर्स बनाए गए थे. 15 जुलाई 2015 को हुई दूसरी मीटिंग में इन उप-समूहों और टास्क फोर्स के काम की समीक्षा की गई थी. नीति आयोग को साल 2030 तक तेज आर्थिक विकास के लिए दस्तावेज तैयार करने को भी कहा गया था.

मोदी-महबूबा मीटिंग पर होगी नजर
बैठक में जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी शरीक हो रही हैं. दिल्ली में वो प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार के दूसरे सीनियर मंत्रियों से भी मिलेंगी. कश्मीर में चिंताजनक हालात और पीडीपी-बीजेपी गठबंधन में मतभेदों के मुफ्ती के दिल्ली दौरे को खासा अहम माना जा रहा है. समझा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात में महबूबा प्रधानमंत्री को कश्मीर के जमीनी हालात से वाकिफ करवाएंगी और हालात को बेहतर बनाने के लिए कदम सुझाएंगी. राज्य में एमएलसी चुनाव में जम्मू से पीडीपी उम्मीदवार एक वोट से हार गए थे. इसके बाद कयास लग रहे हैं कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा सकती है. खबरों के मुताबिक इस महीने के अंत में अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे के बाद इस बारे में आखिरी फैसला लिया जा सकता है.

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