निरन्तर शिव महापुराण का पांचवा दिन, भक्तिमय हुआ पूरा बाजन खेड़ा
रतलाम,22 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। मोहनलाल मुरली वाला के संयोजन में आयोजित श्रीमद् शिव महापुराण कथा में कथा व्यास डॉक्टर राम नारायण त्रिपाठी ने पंचम दिवस की कथा में कहा की शिव कल्याण के देवता हैं तथा नंदी पर सवार होते हैं। भगवान शिव का परिवार आदर्श गृहस्थ अस्त परिवार का श्रेष्ठतम उदाहरण है। विषमताओं से भरा हुआ है। पार्वती जी का वाहन शेर है तथा शिव जी का वाहन बैल है ,दोनों एक दूसरे के दुश्मन हैं।
वही कार्तिकेय का वाहन मोर है तो गणेश जी का वाहन चूहा यह दोनों भी एक दूसरे के दुश्मन हैं, फिर भी सभी सामंजस्य से रहते हैं.भगवान शिव के गले में काल रूप सर्प है। जो काल को भी नियंत्रित करें वही महांकाल कहलाते हैं। इसलिए सारा देव दानव मानव समुदाय उन्हें पूजता है। तारकासुर का वध करते ही भगवान शिव के तेज से सर कंडों के बीच एक शिशु पैदा हो गया ,जिसका पालन कार्तिकेय नक्षत्र लोक ने कीया जिसके कारण वह कार्तिकेय कहलाए कार्तिकेय जी उत्तर और दक्षिण की संस्कृति को एक करने हेतु अगस्त्य जीके निवेदन पर मल्लिकार्जुन आंध्र प्रदेश चले गए।
इस पुत्र वियोग के कारण माता पार्वती जी ने अपने अंग लेप से मनुष्य की आकृति बना उसमें प्राण दिल डाल दिया जो गणेश कहलाए ,शिव पार्वती जी के प्रत्यक्ष कोई संतान नहीं है दोनों ही अयोनिग संताने हैं । त्रिपाठी जी ने कहा देवाधिदेव भूत प्रेत पिशाचों जो समाज के उपेक्षित होते हैं उन सब के उद्धारक और कल्याण करने वाले हैं इसलिए भगवान शिव को पशुपतिनाथ भी कहते हैं।
कथा पश्चात मोहनलाल मुरली वाला परिवार द्वारा समाज सेवा का सम्मान किया गया। नंद किशोर शर्मा, शंकर लाल पटेल, नीरज बरमेचा ,जितेंद्र प्रजापत, गोवर्धन चौहान ,महेश शर्मा, श्रीमती रीना चौहान ,विक्रम पाटीदार, नंदलाल पाठक आदि लोगों का सम्मान किया गया