December 24, 2024

नातिन के दुष्कर्मी कलियुगी नाना को दोहरा आजीवन कारावास

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उज्जैन,28 दिसंबर (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार )। उज्जैन जिले की नागदा तहसील के अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश विक्रम सिंह बुले ने नातिन के साथ दुष्कर्म को अंजाम देने के आरोपी राजूलाल उर्फ राजू, उम्र 50 वर्ष निवासी नागदा को दोहरे आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।न्यायालय ने आरोपी को धारा 376(2)(एन) भादवि में आजीवन कारावास एवं धारा 5/6 लैगिंग अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 में आजीवन कारावास एवं कुल 24,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है।

उप-संचालक (प्रशासन) डॉ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि थाना औद्योगिक क्षेत्र जावरा से अपराध क्रं0 0/17 की देहाती नालसी धारा 376 भादवि एवं 11/12 पोक्सो एक्ट की असल कायमी हेतु थाना नागदा को प्राप्त हुई थी, जिसमें पीडिता द्वारा रिपोर्ट लिखाई गई थी कि ’’मैं नागदा की रहनी वाली हूं मुझे मेरी मॉ व नानी ने गोद ले लिया था तब से वह अपनी मम्मी के पास रह रही थी। मम्मी उससे घर का सारा काम करवाती थी उसकी मम्मी ने उसका स्कूल जाना भी बंद करवा दिया था। उसकी मम्मी उसे उसके नाना के घर नागदा ले जाती थी, तो नाना उनके कमरे में उसे बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म करते थे।

यह बात उसने अपनी मम्मी को बताई तो वह उसकी मम्मी उसकी बात पर यकिन नहीं करती थी, उसने मम्मी से कही बार कहा कि मैं नाना के घर नही चलूंगी। तब भी मम्मी उसे कई बार नाना के घर लेकर जाती थी। नाना ने उसके साथ कई बार गंदा काम किया है। पीडिता की रिपोर्ट पर थाना नागदा द्वारा आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया । अनुसंधान के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।

दण्ड के प्रश्न पर अभियुक्त के अधिवक्ता ने निवेदन किया कि आरोपी को कोई पूर्व आपराधिक चरित्र नही है, उसके प्रति सहानूभूति पूर्वक विचार किया जाये। अभियोजन अधिकारी द्वारा निवेदन किया गया कि आरोपी द्वारा एक अवयस्क बालिका के साथ दुष्कर्म किया है, वह किसी सहानुभूति का पात्र नही है।न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं के साथ यौन अपराधों में अत्यंत बढोतरी हुई है जिस पर अंकुश लगाने के लिये ऐसे अपराधों में कठोर दण्ड देना अपेक्षित है। प्रकरण में पीडिता की मॉ को सबूत के अभाव में न्यायालय ने दोषमुक्त किया है।

न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री रेवत सिंह ठाकुर, विशेष लोक अभियोजक नागदा, जिला उज्जैन ने पैरवी की ।

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