नागरिक सुविधाओं के लिये नगरीय निकाय और जन-प्रतिनिधि मिलकर काम करें-नगरीय विकास एवं आवास मंत्री
मंत्री श्रीमती माया सिंह की अध्यक्षता में विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक
भोपाल 28 नवम्बर (इ खबर टुडे )।नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने नागरिक सुविधाओं को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिये नगरीय निकायों और जन-प्रतिनिधियों से मिलकर काम करने को कहा है। श्रीमती सिंह आज विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक को संबोधित कर रही थीं। समिति के सदस्य विधायक सुरेन्द्रनाथ सिंह और सुदेश राय उपस्थित थे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती सिंह ने कहा कि नागरिक सुविधाओं के लिये नियोजित प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में आबादी बढ़ी है। इससे कई चुनौतियाँ नगरीय निकायों के सामने हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कर हम यह सुनिश्चित करें कि लोगों को अधिक से अधिक सुविधा मुहैया हो और वे एक बेहतर शहरी जीवन बिता सके। श्रीमती माया सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत योजना, मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास और मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना की जानकारी देते हुए कहा कि इनके क्रियान्वयन में समय-सीमा और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये।
बैठक में बताया गया कि अमृत योजना में प्रदेश देश में अकेला राज्य है, जिसने 5 साल की एकजाई योजना भारत सरकार को सौंपी है। उन्होंने कहा कि योजना का मध्यप्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी एक लाख से अधिक आवासों का निर्माण काम शुरू हो चुका है। लक्ष्य है कि 31 मार्च, 2017 तक ढाई लाख मकान और 31 मार्च, 2018 तक ढाई लाख मकान बनकर तैयार हो जायें, ताकि मुख्यमंत्री का 5 लाख लोगों को आवास उपलब्ध करवाने का लक्ष्य पूरा हो सके। बैठक में बताया गया कि पेयजल और सीवरेज के काम मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास कार्यक्रम हो रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश की 60 प्रतिशत आबादी इससे लाभान्वित हो। वर्तमान में यह कव्हरेज मात्र 6 प्रतिशत है। स्मार्ट सिटी में 23 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट 7 शहर के लिये बनाये गये हैं, जिन पर नियोजित तरीके से काम किया जा रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन में खुले में शौच-मुक्त और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये तेजी से कार्य किया जा रहा है। लक्ष्य है कि 31 दिसम्बर तक अमृत योजना के 34 शहर ओडीएफ घोषित हो जायें। उन्होंने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये प्रदेश के नगरीय निकायों को 24 क्लस्टर में बाँटा गया है। स्व-रोजगार योजना में प्रशिक्षण और रोजगार देने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिये कौशल विकास विभाग से समन्वय किया गया है। बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास मलय श्रीवास्तव और आयुक्त नगरीय विकास विवेक अग्रवाल उपस्थित थे।