November 22, 2024

नागचंद्रेश्वर दर्शन के लिये आस्था-श्रध्दा बेकाबू हुई

पुलिस को लाठियों से गदर रोकना पड़ा, बेकाबू पुलिस जवानों की शहर के प्रथम नागरिक से अभद्रता,7 घंटे लगे सामान्य श्रध्दालुओं को दर्शन में, 2 लाख श्रध्दालुओं के दर्शन का अनुमान, बड़े गणेश मंदिर की पूजा में विघ्न

उज्जैन 2 अगस्त(इ खबरटुडे)।  नागपंचमी पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में भीड़ प्रबंधन और श्रध्दालुओं पर नियंत्रण के लिये की गई व्यवस्थाएं फैल हो गई। प्रशासन और पुलिस की सभी कोशिशें यहां नाकाम साबित हुई। इसके चलते श्रध्दालुओं का गदर मच गया। पुलिस को लाठियों से इस गदर को रोकना पड़ा है। बिगड़े हालातों में बेकाबू हुए पुलिस जवान शहर के प्रथम नागरिक से ही अभद्रता कर बैठे। श्रध्दालुओं को 7 घंटे बाद जैसे-तैसे नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन हो सके हैं। पुलिस की हठधर्मिता का आलम यह रहा कि श्री बड़े गणेश मंदिर की पूजा में विघ्न पड़ गया। बमुश्किल एक घंटे तमाम हस्तक्षेप के बाद एक पुजारी को पूजन के लिये जाने दिया गया।
गुरुवार रात से श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्री नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शनों का सिलसिला शुरु हुआ था। भगवान नागचंद्रेश्वर की दुर्लभ भित्ती प्रतिमा और नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शनों के लिये आस्था और श्रध्दा का सैलाब उमड़ा था। व्यवस्थाओं में दोष और भीड़ के बढ़ते दबाव के कारण श्रध्दालु बेकाबू हो रहे थे। इसी दरमियान रात 3 बजे के लगभग पुलिस को इन्हें नियंत्रित करने के लिये लाठियों का सहारा लेना पड़ा। श्रध्दालुओं का गदर श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार के सामने ही हुआ। जैसे-तैसे पुलिस ने इस गदर पर काबू पाया। इस दौरान एक महिला श्रध्दालु के घायल होने की खबर सामने आई है। सुनिताबाई नामक महिला को बाद में जिला अस्पताल में उपचार के लिये भर्ती कराया गया है। इस गदर में अन्य श्रध्दालुओं को भी मामूली चोटें आई हैं।

7 घंटे में दर्शन

श्रध्दा और आस्था का सैलाब नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिये इस तरह बेताब था कि श्री महाकालेश्वर मंदिर से लेकर हरसिध्दि मंदिर तक श्रध्दालुओं की कतार अनवरत लगी रही। 2-2 की संख्या में यह कतार बेरिकेट्स में लगवाई गई थी। करीब 3 कि.मी. से अधिक लम्बी कतार बताई जा रही है। इस कतार के साथ ही श्रध्दालुओं को बेरिकेट्स के अंदर झिक-झेक में चलाया गया। महाकाल मंदिर मैदान में लगे इस झिक-झेक के साथ ही मंदिर में भी अंदर श्रध्दालुओं को भी झिक-झेक में चलाया जा रहा था। इसके बाद अस्थाई मार्ग पर श्रध्दालुओं को प्रवेश देते हुए उन्हें नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिये छोड़ा जा रहा था। सुबह 7 बजे जो श्रध्दालु कतार में लगे थे, उन्हें सामान्य दर्शन करने में 7 घंटे से अधिक का समय लग रहा था। दोपहर 1 बजे बाद ही ये श्रध्दालु मंदिर से बाहर निकल सके थे। श्रध्दालुओं का कहना था कि व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जा सकती थी। इसके बावजूद व्यवस्थाओं में दोष रखे गये। कई श्रध्दालुओं ने कहा कि पूर्व से ही श्रध्दालुओं के उतनी संख्या में आने का अनुमान होने के बावजूद व्यवस्थाएं ढीली रखी गई। इसी कारण से परेशानियां उभरी हैं।

1.87 लाख ने किये दर्शन

इधर मंदिर समिति से जुड़े हुए आंतरिक सूत्रों का कहना है कि करीब 1 लाख 87 हजार श्रध्दालुओं ने इस दरमियान भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन किये हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के दर्शन के लिये भी लंबी कतार लगी हुई थी। प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने श्री महाकालेश्वर भगवान का पूजन-अर्चन किया है।

… तो एक सेकंड में कितने श्रध्दालुओं ने किये दर्शन?

गुरुवार-शुक्रवार दरमियानी रात श्री नागचंद्रेश्वर भगवान के मंदिर के पट खुले थे। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्री प्रकाशपुरी जी महाराज ने श्रध्दालुओं के साथ पहुंचकर यहां पूजन किया था। रात सवा बजे उपरांत सामान्य श्रध्दालुओं के दर्शन का क्रम शुरु हुआ था। पुलिस की बेरिकेटिंग व्यवस्था 2-2 श्रध्दालुओं के एक साथ चलने की की गई थी। 23 घंटे मंदिर के पट सामान्य श्रध्दालुओं के लिये खुले रहे। शुक्रवार रात 10.30 बजे बाद नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शनों के लिये श्रध्दालुओं को कतार में नहीं लगने दिया गया। इस प्रकार से कुल 23 घंटे श्रध्दालुओं ने अनवरत भगवान के दर्शन किये हैं। इस मान से अगर हिसाब लगाया जाये तो 82 हजार 800 सेकंड का समय आम श्रध्दालुओं को मिला था। प्रत्येक सेकंड में 2 श्रध्दालुओं के दर्शन के मापदंड को भी लिया जाये तो यह आंकड़ा पौने दो लाख से अधिक नहीं होता। इसके अतिरिक्त अगर 3 श्रध्दालु भी मान लिये जाये तो आंकड़ा 2 लाख 48 हजार 400 श्रध्दालुओं का बनता है। श्रध्दालुओं की बहुत बड़ी संख्या का बवंडर खड़ा करने के पीछे भी कुचक्र माना जा रहा है। व्यवस्थाओं के फेल होने के कारण इस तरह का एक मिथ्या आंकड़ा खड़ा किया जा रहा है। यही कारण है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति सबकुछ होने के बावजूद काउंटर लगाने से बचती रही है। श्रध्दालुओं का एक मिथ्या आंकड़ा खड़ा कर देने से व्यवस्थाओं के दोष छुपाये जा सकते हैं और अव्यवस्था का ठिकरा श्रध्दालुओं के सिर पर फोड़ा जाना बहुत आसान है। मंदिर समिति के प्रशासक के साथ पुलिस और प्रशासन इस पूरे मैच को दोनों तरफा खेल रहे हैं। अधिकारियों के मध्य श्रध्दालुओं के आंकड़े को लेकर 4 लाख की चर्चा भी दिन से ही सुनी जा रही थी।

शाम तक 2.27 लाख ने किये दर्शन

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि शाम तक 2 लाख 27 हजार श्रध्दालुओं ने दर्शन किये हैं।

एक घंटे देरी से बड़े गणेश का पूजन

नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शनों के लिये जाने वाले श्रध्दालुओं की कतार बड़े गणेश मंदिर के सामने से होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर के लिये जा रही थी। हरसिध्दि मंदिर तक गई यह कतार बराबर चलती रही। श्रध्दालुओं के गदर के कारण पुलिस ने इस क्षेत्र में पूरी सख्ती कर दी थी। इसी के चलते शुक्रवार सुबह बड़े गणेश मंदिर के पुजारी जब मंदिर में जाने के लिये पहुंचे तो उन्हें भी क्षेत्र में प्रवेश नहीं मिला। पुलिसकर्मियों से अनुनय-विनय करने के बावजूद उनके लिये राह नहीं दी गई। बाद में इस बात की जानकारी वरिष्ठ योतिषाचार्य तक पहुंची थी। मामला काबिना मंत्री तक पहुंचा। उसके बाद प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा हुई। तब जाकर पंडित को पूजन के लिये अकेले ही मंदिर जाने का रास्ता मिल सका। इस कारण से बड़े गणेश मंदिर में नियमित होने वाली निर्धारित समय का पूजन एक घंटे देरी से हो सका है।

बाहरी श्रध्दालु लाइन का पता पूछते रहे

श्री नागचंद्रेश्वर भगवान के पट वर्ष में एक बार ही खुलते हैं। उनके दर्शन के लिये बड़ी संख्या में श्रध्दालु बाहर से भी आते हैं। गुरुवार-शुक्रवार रात्रि में बाहर से आये श्रध्दालु सामान्य दर्शनार्थियों की कतार में लगने के लिये बेहद परेशान हुए। पुलिस ने महाकाल के पास से हरसिध्दि जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया था। यहां बेरिकेट्स लगे हुए थे। गदर के बाद यह पूरा क्षेत्र सिर्फ श्रध्दालुओं के आगमन भर के लिये था, जबकि श्रध्दालुओं की कतार का अंतिम छोर हरसिध्दि मंदिर के आसपास था। ऐसी स्थिति में होटलों और धर्मशालाओं से निकलकर आये बाहरी श्रध्दालु काफी समय तक गुमराह होते रहे। ऐसे सैकड़ों श्रध्दालुओं से अवंतिका प्रतिनिधि रूबरू हुए हैं।
खोया-पाया केन्द्र ढूंढना पड़ा
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने नागपंचमी की व्यवस्थाओं के तहत खोया-पाया केन्द्र की स्थापना की थी। गुरुवार और शुक्रवार को श्रध्दालुओं की भीड़ के आगे खोया-पाया केन्द्र खुद ही खोया हुआ नजर आया। एक समय तो इसे लेकर हास्यास्पद स्थिति भी निर्मित हो गई। क्षेत्र में श्रध्दालुओं के कोलाहल के आगे केन्द्र की घोषणा सुनाई देना मुश्किल हो रहा था।

दुर्घटना के बाद नहीं उठा बेरियर

गुरुवार शाम महाकाल घाटी चौराहे पर लगाया गया बेरियर विद्युत तार को तोड़ता हुआ नीचे आ गिरा था। दुर्घटना में एक श्रध्दालु की मौत हुई थी और एक महिला श्रध्दालु घायल हुई थी। दुर्घटना के बाद भी यह बेरियर क्षेत्र में ऐसे ही पड़ा रहा। शुक्रवार को भी इस बेरियर को व्यवस्थित नहीं किया गया था।
दोपहर 12 बजे शासकीय पूजा
शुक्रवार दोपहर 12 बजे भगवान श्री नागचंद्रेश्वर का शासकीय पूजन स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन, संभागायुक्त शिवशेखर शुक्ला, आईजी व्ही. मधुकुमार, कलेक्टर बी.एम. शर्मा, मुख्य वनसंरक्षक पी.सी. दुबे, एसपी अनुराग की उपस्थिति में हुआ।
18 लाख से अधिक की आय
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक दोपहर 4 बजे तक 151 की विशेष दर्शन व्यवस्था टिकट से समिति को 13 लाख 81 हजार 499 एवं प्रसाद से 4 लाख 14 हजार 160 रुपये की आय हुई थी।
झलकियाँ
नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिये घंटों कतार में खड़े रहने वाले श्रध्दालु जब ऊपर मंदिर में पहुंचे तो आधे से अधिक को तो यह पता ही नहीं चला कि कब नागचंद्रेश्वर की भित्ती प्रतिमा के समक्ष से वे गुजर गये। इसके ऊपर नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन के दौरान उन्हें थोड़ा-बहुत समझ आया। पलक झपकते ही वहां तैनात पुलिसकर्मी श्रध्दालुओं को आगे बढ़ाते रहे।
सशुल्क दर्शन का टिकिट 151 रु. में लेने के बाद भी श्रध्दालुओं को दो घंटे में दर्शन हुए।
प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने परिवार सहित नागचंद्रेश्वर और महाकाल मंदिर दर्शन किये।
दर्शन के लिये इतनी भीड़ उमड़ी की कई बार व्यवस्था चरमरा गई। श्रध्दालुओं को नियंत्रित करने के लिये कई बार पुलिसकर्मियों को सख्ती करना पड़ी।
सेवा दे रहे कर्मचारियों को चाय-पानी भी नसीब नहीं हुआ तो वे अधिकारियों को कोसते नजर आए।
नागचंद्रेश्वर और महाकाल मंदिर दर्शन के लिये रात को 10.30 बजे से गेट पर ताले जड़ दिये गये। इसके बाद भी श्रध्दालु कतारबध्द होकर करीब एक घंटे तक दर्शन की अभिलाषा में खड़े रहे।

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