नसबंदी के टारगेट पर घिरी कमलनाथ सरकार ने वापस लिया ऑर्डर, निदेशक को हटाया
भोपाल,21 फरवरी(इ खबर टुडे)।मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के नसबंदी को लेकर जारी किए गए फरमान के बाद बवाल मच गया। विवाद शुरू होने के बाद राज्य सरकार ने ऑर्डर को वापस ले लिया है। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि राज्य सरकार ने ऑर्डर को वापस ले लिया है।
इसके साथ ही सरकार ने ऑर्डर जारी करने वाली राज्य में नेशनल हेल्थ मिशन की निदेशक छवि भारद्वाज को पद से हटा दिया है। उन्हें राज्य सचिवालय में विशेष ड्यूटी (ओएसडी) के रूप में नियुक्त किया गया है।
कमलनाथ सरकार द्वारा जारी ऑर्डर में सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को पुरुषों की नसबंदी को लेकर टारगेट दिया था। इसमें कहा गया है कि अगर वह टारगेट को पूरा नहीं कर सकेंगे तो उनकी सैलरी काटी जाएगी और अनिवार्य रिटायरमेंट भी दिया जा सकता है।
राज्य सरकार ने परिवार नियोजन प्रोग्राम में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए मेल मल्टी पर्पस हेल्थ कर्मचारी (MPHWs) को यह फरमान जारी किया। इसमें राज्य सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को हर महीने 5 से 10 पुरुषों की नसबंदी का ऑपरेशन करने का टारगेट दिया।
बता दें कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में सिर्फ 0.5 प्रतिशत पुरुष ने ही नसबंदी कराई है। मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने शीर्ष जिला अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचएमओ) से ऐसे पुरुष कर्मचारियों की पहचान करने को कहा। अधिकारियों ने कहा गया कि ‘जीरो वर्क आउटपुट’ वाले कर्मचारी पर ‘नो वर्क नो पे’ का सिद्धांत को लागू किया जाए। यदि वे 2019-20 की अवधि में कम से कम एक मामले में एंट्री नहीं करते हैं जो अगले महीने समाप्त होता है। एनएचएम मिशन डायरेक्टर ने 11 फरवरी को यह फरमान जारी किया था।