दोष-सिद्धि की दर बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास जरूरी -कलेक्टर
सतर्कता एवं माॅनिटरिंग समिति की बैठक सम्पन्न
रतलाम 30 दिसम्बर (इ खबर टुडे)। कलेक्टर राजीव दुबे ने कहा कि जिले में अनुसूचित वर्गों पर अत्याचार के मामलों में दोष-सिद्धि की दर तर्कसंगत रूप से उपयुक्त स्तर पर पहुंचाये जाने के लिए गंभीर प्रयास जरूरी हंै। उन्होंने मौजूदा दोष-सिद्धि की दर को शोचनीय करार दिया। बैठक में रतलाम ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामर भी मौजूद थे।
श्री दुबे आज यहां जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॅानिटरिंग समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बारे में अभियोजन स्तर पर जरूरी कदम उठाये जाना चाहिए। श्री दुबे ने समिति सदस्यों से चर्चा करते हुए कहा कि वे अनुसूचित वर्गों पर अत्याचार के सम्बन्ध में जिला प्रशासन या आदिवासी विकास विभाग से जुडे़ किसी भी मसले पर बेहिचक चर्चा कर सकते हंै। कलेक्टर ने गंभीर अपराधों में जांच अधिकारी और एस.डी.एम. द्वारा संयुक्त स्थल निरीक्षण के निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा इस सम्बन्ध में प्रतिवेदन तत्परतापूर्वक प्रस्तुत किये जाएं। कलेक्टर ने उप पुलिस अधीक्षक थाना अजाक, विशेष लोक अभियोजन एवं उप संचालक लोक अभियोजन के स्तर से पालन प्रतिवेदन समय से प्रस्तुत किये जाने पर जोर दिया। कलेक्टर ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती मधु गुप्ता को निर्देश दिये कि समिति के जो सदस्य यथेष्ट रूचि प्रदर्शित नहीं कर रहे हंै उनके स्थान पर नियमानुसार नये सदस्यों का समिति में चयन किया जाए।
बैठक में पुलिस अधीक्षक डाॅ. जी. के.पाठक ने अनुसूचित वर्गों पर अत्याचार के मामलों में संयुक्त स्थल निरीक्षण का महत्व प्रतिपादित करते हुए कहा कि जांच अधिकारी और सम्बन्धित क्षेत्र के एसडीएम के बीच समन्वय बेहद जरूरी है। उन्होंने दोषमुक्ति के मामलों में निहित कारणों की पड़ताल को जरूरी बताया ताकि इनका निवारण किया जा सके। उन्होने कहा कि जिला लोक अभियोजन अधिकारी से अपेक्षित है कि वे अपने स्तर पर ऐसे कारणों को रेखांकित कर समिति के समक्ष रखें।
बैठक में सहायक आयुक्त श्रीमती गुप्ता ने बताया कि जिला स्तर की भंाति उपखण्ड स्तरीय सतर्कता एवं माॅनिटरिंग समितियां भी गठित की जानी हैं। इस समिति के अध्यक्ष सम्बन्धित अनुविभागीय अधिकारी हांेगे। श्रीमती गुप्ता ने जानकारी दी कि बीते त्रैमास के दौरान अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार अधिनियम के अंतर्गत पुलिस थानों में कुल 21 प्रकरण दर्ज कराये गए हैं। अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार के 16 दर्ज मामलों में से सात में तथा अनुसूचित जनजाति के लोगांे पर अत्याचार के पांच दर्ज मामलों में से तीन में विवेचना पूरी कर ली गई है। सहायक आयुक्त ने न्यायालयीन प्रकरणों की स्थिति का विस्तृत ब्यौरा भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश आकस्मिकता योजना के अंतर्गत बीते त्रैमास के दौरान अनुसूचित वर्गों के लोगों पर अत्याचार के 15 प्रकरणों में कुल 11लाख 85 हजार रूपये की राहत राशि वितरित की गई है।
बैठक में जावरा एसडीएम हरजिंदर सिंह, आलोट एसडीएम अवधेश शर्मा के अलावा संयुक्त कलेक्टर आर.के. नागराज, महिला एवं बाल विकास अधिकारी पासी, मण्डल संयोजक शिवेन्द्रसिंह सोलंकी तथा सहायक लोक अभियोजन अधिकारी लालसिंह मईड़ा भी मौजूद थे।