दोषी विनय की भी दया याचिका खारिज,फांसी रोके जाने के आदेश के खिलाफ केंद्र पहुंचा हाईकोर्ट
नई दिल्ली,01 फरवरी (इ खबर टुडे)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड के चार दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा की भी दया याचिका शनिवार को खारिज कर दी। उसने बुधवार को यह याचिका लगाई थी। इसके पहले पिछले महीने राष्ट्रपति ने एक अन्य दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज कर दी थी। लेकिन अब तीसरे दोषी अक्षय ठाकुर ने शनिवार को दया याचिका लगाई है।
मामले के चार दोषियों – मुकेश, विनय, अक्षय तथा पवन को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। डेथ वारंट जारी होने के बावजूद इन चारों की फांसी दो बार टल गई है। इन्हें 22 जनवरी और एक फरवरी को फांसी देने की तारीख मुकर्रर की गई थी। लेकिन दोषियों की याचिका/आवेदन लंबित होने से कोर्ट ने डेथ वारंट को स्थगित करने आदेश दिया है।
शुक्रवार को कोर्ट द्वारा दोषियों की फांसी ‘अगले आदेश” तक के लिए स्थगित किए जाने पर निर्भया की मां आशा देवी ने निराशा जताते हुए कहा था, ‘इन दोषियों को जीने का कोई हक नहीं है। व्यवस्था से हमें निराशा हो रही है। लेकिन दोषियों को फांसी पर चढ़ाए जाने तक मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी।”
फांसी रोके जाने के आदेश के खिलाफ केंद्र पहुंचा हाई कोर्ट
दूसरी ओर, केंद्र सरकार दोषियों की फांसी ‘आगामी आदेश” तक रोकने के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंची है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ट्रायल कोर्ट के शुक्रवार के आदेश को चुनौती दी है।
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि निर्भया केस भारत के इतिहास में इस रूप में जाना जाएगा कि जघन्य अपराध के दोषी देश के धैर्य की परीक्षा लेने की कोशिश कर रहे हैं। दोषियों ने कानून प्रक्रिया को ‘जॉइराइड” की तरह लिया है और फांसी टालने के लिए बारी-बारी से काम कर रहे हैं।