December 25, 2024

देवास-भोपाल फोरलेन पर हजारों आवारा पशुओं का कब्जा,दुर्घटनाएं बढी,पशुओं को हटाने की कोई व्यवस्था नहीं

fourlane animals

भोपाल,18 जुलाई (इ खबरटुडे)। देवास से भोपाल के बीच बने फोरलेन रोड पर इन दिनों हजारों आवारा पशुओं ने कब्जा कर लिया है। इससे फोरलेन पर होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में खासी वृध्दि हुई है और कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड रहा है। सड़कों पर जमा आवारा पशुओं को हटाने की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिम्मेदारों के पास इस समस्या का कोई हल उपलब्ध नहीं है।

देवास से भोपाल के 140 किमी लम्बे फोरलेन का ठेका देवास भोपाल कारिडोर प्रा.लि.कंपनी के पास है। यह फोरलेन प्रदेश के सर्वाधिक व्यस्त फोरलेन में से एक है। इस फोरलेन पर प्रतिदिन ग्यारह हजार वाहन निकलते है। इस फोरलेन पर चलने वाले वाहनों की औसत गति सौ किमी प्रति घण्टा है। ऐसी स्थिति में रोड पर आवारा पशुओं की मौजूदगी रोड पर चलने वाले लोगों की मौत का कारण बनती है।
तेज गति से चलते वाहन के सामने अगर अचानक कोई पशु आ जाता है,तो गंभीर दुर्घटना होना तय है और ऐसे में वाहन चालकों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड सकता है। बारिश के दिनों में फोरलेन पर हजारों गाय बैलों ने इसी फोरलेन को अपना ठिकाना बना रखा है। कई स्थानों पर तो ये पशु पूरी सड़क को घेर कर बैठ जाते है।
बारिश के दिनों में पशु कीचड में रहना नहीं चाहते और ठोस और सूखे स्थान की तलाश में वे फोरलेन पर आ जाते है। लेकिन फोरलेन पर आए इन हजारों आवारा पशुओं को फोरलेन से हटाने की कोई व्यवस्था नहीं है।
फोरलेन पर मौजूद पशुओं के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। फोरलेन पर स्थित दुकानदारों के मुताबिक आए दिन वाहन चालक इन पशुओं से टकराते है। इन दुर्घटनाओं से मानव जीवन पर भारी खतरे मण्डराने लगते है,वहीं पशु भी घायल हो रहे है।
देवास भोपाल कारिडोर प्रा.लि.के प्रोजेक्ट मैनेजर एस के मिश्रा ने बताया कि सड़क पर आवारा पशुओं के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो रही है। हांलाकि उनकी पैट्रोलिंग टीम सड़कों पर चढ आए पशुओं को खदेडने का काम निरन्तर करती रहती है,लेकिन वे फिर से सड़कों पर आ जाते है। इसका स्थाई समाधान मिल नहीं पा रहा है। यदि वे इन पशुओं को वाहन में भरकर कहीं दूर छोडने का प्रयास करते है,तो ग्रामीणजन और पशुमालिक विवाद करते है। ऐसी स्थिति में वे फोरलेन से जुडे तीन जिलों भोपाल,सीहोर और देवास के कलेक्टरों को इस सम्बन्ध में मदद करने हेतु पत्र लिख रहे है। इसके अलावा मार्ग से जुडे नगर परिषदों और नगर पंचातयों से भी इस समस्या को हल करने में मदद मांगी जा रही है।
एमपीआरडीसी के चीफ इंजीनियर (मेन्टनेन्स) आलोक चतुर्वेदी ने इस संवाददाता से चर्चा करते हुए कहा कि यह समस्या लगभग सभी प्रमुख मार्गों पर है। ठेकेदार कंपनी के कर्मचारी पशुओं को खदेडने का काम करते है,लेकिन वे फिर से सड़क पर आ जाते है। इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए वे फील्ड स्टाफ से चर्चा करेंगे और इसे उच्च स्तर पर भी पंहुचाएगें ताकि इस समस्या का हल निकाला जा सके।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds