November 15, 2024

दूसरे दिन भी बन्द रहे तमाम बाजार (all markets are totally closed second day also)

व्यापारियों ने एकजुट होकर जताया विरोध, 

रतलाम,10 अप्रैल (इ खबरटुडे)। व्यापारियों के प्रदेशव्यापी महाबंद के दुसरे दिन भी बाजारों में सूनापन छाया रहा। खाने-पीने की दुकाने और होटले बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। चाय नहीं मिलने को लेकर सबसे यादा परेशानी नजर आई। बंद के दुसरे दिन स्थानीय रानीजी के मंदिर पर व्यापारियों ने एकजुट होकर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के विरोधकिया।शाम को महाआरती की गई।मंगलवार दोपहर को व्यापारियों ने शहर के प्रमुख बाजारों से रैली भी निकाली।बुधवार को व्यापारी कलेक्टर को ज्ञापन देगें।

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को लेकर सोमवार से शुरु हुएतीन दिवसीय बंद का दुसरा दिन भी सफल रहा। बाजारों में सन्नाटा छाया रहा। खाद्य पदार्थो से जुड़ी और कानुन से प्रभावित होने वाले व्यवसाय के अलावा मंगलवार को दुसरी दुकाने खुली रही।मंगलवार को दवाई दुकाने भी खुल गई।साड़ी, कपड़ा और सराफा बाजार भी खुला रहा।

प्रावधानों के खतरे बताए

रतलाम व्यापारी महासंघ और संयुक्त व्यापारी संघके बैनर तले किए जा रहे आंदोलन में दोनों संगठन आज एक हो गए।आंदोलन मंच पर मंगलवार को व्यापारी नेताओं ने अन्य व्यापारी और आमजन को इस कानुन से होने वाली मुश्किलों के बारे में बताया। व्यापारियों ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम केवल लाइसेंस के जटिल प्रवाधानों तक ही सीमित नहीं है। इस अधिनियम के अंतर्गत हर खाद्य पदार्थ और उनसे बनी हुई वस्तुओं के मानक स्तर तय कर दिए गएहै।जका सी त्रुटी होने पर भारी जुर्माना और कठोर दंड का प्रावधान है।व्यापारी नेताओं ने कहा कि इस कानुन में व्यवसाय करने के लिएजिन बाइजनिक कंडिंसंस का विवरणदिया गया है, उससे एसा लगता है कि कानून बनाने वाले शायद यह समझते है कि भारत में सड़के दिन में दो बार धुलती है।   व्यापारी नेताओं ने कहा कि अधिनियम के अनुसार आटा, हल्दी, सुजी, बेसन, तेल आदि वस्तुएं खुली में नहीं बिक पाएगी। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार मामुली गलती होने पर भी 6  माह से लेकर उम्रकैद की सजा और 2 लाखरुपएसे लेकर 10 लाखरुपएतक के जुर्माने का प्रावधान है।व्यापारी नेताओं ने कहा कि इस अधिनियम से फुटकर व्यापार चौपट होने की स्थिती में पहुंच जाएगा।

शाम को हुई महाआरती

रतलाम व्यापारी महासंघद्वारा मंगलवार10 अप्रैल को रानी जी के मंदिर पर सुबह 11 बजे व्यापारियों ने एकत्रित होकर इस कानुन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और संबोधित किया।शाम को  5100 दीपों के साथ रानीजी के मंदिर पर महाआरती हुई। 11 अप्रैल को रानी जी के मंदिर से सुबह 11 बजे वाहन रैली निकलेगी, जो शहर के प्रमुखमार्गो से होते हुए  कलेक्टोरेट पहुंचगी।मंगलवार को हुए दर्शन के अवसर पर रतलाम व्यापारी महासंघ अध्यक्ष बाबूलाल राठी, उपाध्यक्ष महेश शर्मा, फुटकर दूध विक्रेता संघ अध्यक्ष मुरली गुर्जर, होटल हलवाई संघ अध्यक्ष सुरेश पापटवाल, मप्र क्लाथ मर्चेंट एसोसिएशन सचिव अशोक चत्तर, फुटकर किराना एवं जनरल व्यापारी संघ के सचिव राधेश्याम पंडया, पान बीड़ी मसाला संघ अध्यक्ष वर्धमान गुगलिया, साग-सब्जी फल-फ्रुट एसोसिएशन अध्यक्ष सलीम मोहम्मद, रतलाम व्यापारी महासंघ के वरिष्ठ सदस्य हीरानंद बुध्दानी, रतलाम शू मर्चेंट एसोसिएशन अध्यक्ष इरफान भाई, नमकीन व्यापारी संघ के पुरुषोत्तम शर्मा, नामली व्यापारी संघ के संजय कावडिया, सत्येंद्र परिहार आदि मौजुद थे।वहीं संयुक्त व्यापारी संघद्वारा दिए गए

इन्होने दिया धरना

मप्र शकर व्यापारी महासंघ सचिव मनोज झालानी, भाजपा व्यापारी मोर्चा प्रदेश संयोजक महेंद्र कोठारी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष अशोक चौटाला, ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन अध्यक्ष सुरेंद्र चत्तर, दाल-बाटी एसोसिएशन अध्यक्ष नेहरू व्यास, नमकीन विक्रेता संघ अध्यक्ष विपिन खिलोसिया, दाल मिल एसोसिएशन अध्यक्ष सुरेंद्र सुरेखा, जिला औषधि विक्रेता संघ अध्यक्ष जय छजलानी, दूध विक्रेता संघ अध्यक्ष बाला पटेल, मावा विक्रेता संघ अध्यक्ष सुभाष भंडारी, जनरल गुड्स वितरक संघ अध्यक्ष अनिल गादिया, विक्रम धभाई, रावटी व्यापारी संघ अध्यक्ष इंदरमल गांधी, रतलाम मार्केटिंग अध्यक्ष राजेंद्र राठौर आदि धरने में मौजुद रहे।

बंद के खिलाफ कार्रवाई की मांग

व्यापारिक  संगठनों द्वारा किएजा रहे बंद के विरोधमें भी अब स्वर उठने लगे है। मंगलवार को कुछ लोगों ने बंद को अवैधानिक बताते हुए जिला प्रशासन से कार्रवाई की ंमांग की है।कांग्रेस नेता डीपी धाकड़, राजेशपुरोहित, मुन्नालाल चौधरी, कन्हैयालाल पाटीदार आदि ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में कहा कि व्यापारी संगठनों द्वारा पिछले दिनों से अलग-अलग मुद्दों को लेकर बंद किया जा रहा है।व्यापारी अपनी मनमानी कर सरकार के खिलाफप्रदर्शन कर रहे है और प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।बंद से परेशानी आम जनता को उठानी पड़ रही है।ज्ञापन में कहा गया कि वर्तमान में तीन दिन के बंद से आवश्यक वस्तुएं बाजार में उपलब्धनहीं हो पा रही है। सब्जी मंडी तक बंद है।इसके लिए व्यापारियों पर कार्रवाई होना चाहिए।शासन ने शुध्दता के लिएकानुन बनाया तो मिलावटखोर इसका विरोधकर रहे है।ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन से आम जनता की मुश्किलों को देखते हुए तत्काल बाजार खुलवाने की मांग की गई है।

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