November 8, 2024

दिवंगतों को श्रध्दांजलि देने पर भी गुटबाजी का असर

बडे नेता को दी श्रध्दांजलि लेकिन कार्यकर्ता को भूले

रतलाम,28 जून (इ खबरटुडे)। भाजपा में पनपी गुटबाजी अब इस स्तर तक पंहुच गई है कि दिवंगत नेता और कार्यकर्ता भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं। दिवंगत नेता और कार्यकर्ताओं को भी गुटों हिसाब से श्रध्दांजली दी जाने लगी है। श्रध्दासुमन अर्पित करने में भी बडे और छोटे का भेदभाव किया जाने लगा है। रविवार को दिवंगत सांसद दिलीपसिंह भूरिया के लिए आयोजित श्रध्दांजली कार्यक्रम में यही कुछ देखने को मिला।
रविवार को रंगोली सभागृह में दिवंगत सांसद दिलीपसिंह भूरिया को श्रध्दांजली देने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्र म में म.प्र. वित्त आयोग चेयरमेन हिम्मत कोठारी,महापौर डॉ सुनीता यार्दे,शहर विधायक चैतन्य काश्यप समेत जिले के तमाम पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि बुलाए गए थे।
श्रध्दांजली सभा को सम्बोधित करते हुए वित्त आयोग चैयरमेन हिम्मत कोठारी ने कहा कि लोकप्रिय सांसद दिलीपसिंह भूरिया का निधन हुआ है,साथ ही हमारे एक पुराने कार्यकर्ता गोपाल सोनी ने कुछ दिनों पूर्व आत्महत्या कर ली है। इस मौके पर दिलीपसिंह भूरिया जी के साथ स्व.गोपाल सोनी को भी श्रध्दांजली दी जाना चाहिए। श्री कोठारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीतिक स्तर पर किसी के साथ मतभेद होने के बावजूद मृतात्मा को श्रध्दांजली देने में कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। श्री कोठारी का साफ इशारा शहर विधायक चैतन्य काश्यप की ओर था।श्री कोठारी के बाद शहर विधायक चैतन्य काश्यप ने हिम्मत कोठारी की बात पर मुहर भी लगा दी। चैतन्य काश्यप ने अपने सम्बोधन में स्पष्ट कहा कि यह आयोजन दिलीपसिंह भूरिया को श्रध्दांजली देेने के लिए आयोजित किया गया है और उन्हे मैं श्रध्दांजली देता हूं। लेकिन चैतन्य काश्यप ने स्व.गोपाल सोनी का जिक्र तक नहीं किया।
उल्लेखनीय है कि गोपाल सोनी को हिम्मत कोठारी समर्थक माना जाता था। उन्होने विगत दिनों जहर खाकर अपने जीवन का अंत कर लिया था। उनकी पत्नी वर्तमान में भाजपा की पार्षद है,जबकि स्वयं गोपाल सोनी भी भाजपा के पार्षद रह चुके है। उनकी मृत्यु के बाद न तो नगर विधायक वहां शोक संवेदना व्यक्त करने गए और ना ही पार्टी स्तर पर कोई श्रध्दांजली का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस बात को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में चर्चाओं का बाजार गर्म था कि जब सांसद का निधन हुआ तो शहर विधायक फौरन वहां पंहुच गए ,लेकिन एक छोटे कार्यकर्ता की मौत हुई तो शहर विधायक ने वहां जाना उचित नहीं समझा। वे श्रध्दांजली देने जैसे मामले में भी भेदभाव बरतते रहे।
रंगोली में श्रध्दांजली सभा के बाद पत्रकारों के पूछे जाने पर हिम्मत कोठारी ने कहा कि गोपाल सोनी भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे और राजनीतिक मतभेद होने के बावजूद  पार्टी स्तर पर श्रध्दांजली का कार्यक्रम किया जाना चाहिए था। जब उनसे पूछा गया कि शहर विधायक चैतन्य काश्यप ने अपने सम्बोधन में गोपाल सोनी का जिक्र तक नहीं किया श्री कोठारी का कहना था कि यह उनकी सोच है। भाजपा जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी इन सवालों से बचते नजर आए। इस घटनाक्रम के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में शहर विधायक की संवेदनहीनता को लेकर चर्चाएं जोर पकड रही है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds

Patel Motors

Demo Description


Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds