दिल्ली हाई कोर्ट का अनोखा फैसला, ’50 पौधे लगाओगे तो बंद हो जाएगा बिजली चोरी का केस’
नई दिल्ली,12 अगस्त(इ ख़बर टुडे)। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बार फिर मिसाल कायम करने हुए बिगड़ते पर्यावरण को सुधारने वाला फैसला दिया है। जस्टिस संजीव सचदेवा ने बिजली चोरी के मामले को बंद करने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि यदि आरोपित सामाजिक सेवा के अंतर्गत 50 पौधे लगाए तो उसका मुकदमा बंद कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ये सभी पौधे एक महीने के अंदर लगाकर उप-वन संरक्षक को इसकी रिपोर्ट देनी होगी। आरोपी को यह यह पौधे केंद्रीय वन क्षेत्र, बुद्धा जयंती पार्क व वंदे मातरम मार्ग पर लगाने होंगे। कोर्ट ने कहा कि पौधों की उम्र कम से कम तीन साल और लंबाई छह फीट होने के साथ ही इसकी प्रजाति अलग-अलग होनी चाहिए।
इसमें गूलर, पिलखन, जामुन, बरगद, आम, महुआ, सागौन समेत अन्य प्रजाति शामिल हैं। पीठ ने आरोपित व्यक्ति व वन विभाग को आदेश का अनुपालन करने के बाद शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। आदेश का अनुपालन नहीं करने पर दोबारा मुकदमा शुरू कर दिया जाएगा।
पीठ ने वन विभाग के अधिकारी को इन पौधों का छह महीने तक रखरखाव करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि छह महीने के बाद उस समय के फोटो अदालत में पेश करें। आरोपित व्यक्ति के खिलाफ बिजली विभाग ने बिजली चोरी का मामला दर्ज किया था।
बिजला चोरी का है आरोप
आरोपित ने सार्वजनिक पोल से अलग से अपनी दुकान में कनेक्शन लिया था। उसे कोर्ट में कहा कि उसने दुकान किराये पर दी थी और बिजली के बिल का भुगतान नहीं करने के वजह से कनेक्शन काट दिया गया था। किरायेदार ने बगैर उसकी जानकारी के बिजली चोरी की थी।
मामले में किरायेदार के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए उसको भी आरोपित बनाया गया था क्योंकि बिजली चोरी उसकी सहमति से हो रही थी। मध्यस्थता के दौरान आरोपित और बिजली विभाग के बीच 18267 रुपये का भुगतान करने को लेकर समझौता हो गया था। इसके बाद मुकदमा समाप्त करने के लिए याचिका दायर की गई थी।