May 17, 2024

दिल्ली में प्रदूषण पर केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, आधी गाड़ियां ही चलेंगी रोजाना

दिल्ली 04 दिसम्बर(इ खबरटुडे)।देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए केजरीवाल सरकार एक बड़ा प्रस्ताव लेकर आई है. इस फॉर्मूले के मुताबिक राजधानी में एक दिन सम तो दूसरे दिन विषम नंबर प्लेट की गाड़ियां चलेंगी. इसका मतलब होगा एक झटके में राजधानी की सड़कों पर गाड़ियों की संख्या आधी कर देना. ये फैसला 1 जनवरी से लागू करने की योजना है.

 
बंद होंगे दिल्ली के थर्मल पावर प्लांट
इसके साथ ही केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में सभी थर्मल पावर प्लांट बंद करने का फैसला किया है. राजधानी में कोयले से चलने वाले बिजली प्लांटों को महीने के बीच में ही बंद करने का फैसला किया गया है. इसके जरिये राजधानी में धुंआ देने वाले मशीनों का इस्तेमाल घटाने की योजना पर सरकार काम करेगी.
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रदूषण को लेकर कड़ा फैसला किया था. हाई कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का वर्तमान स्तर चिंताजनक स्थिति तक पहुंच गया है और यह गैस चैंबर में रहने जैसा है. अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार को प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए विस्तृत कार्य योजनाएं पेश करने का निर्देश दिया था.
 
धूल सुनिश्चित किए बगैर निर्माण नहीं
अदालत ने कहा था कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के दो प्रमुख कारण धूलकण और वाहनों से निकलने वाला धुआं है. अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पहले कम से कम धूल सुनिश्चित किए बगैर किसी इमारत या सड़क का निर्माण नहीं हो. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि नेशनल ग्रीन ट्रि‍ब्यूनल के निर्देश के मुताबिक, लोगों द्वारा खुले में कूड़ा और पत्तियां नहीं जलाई जाएं. बेंच ने शहर प्रशासन को पिंट्र, ऑडियो और विजुअल मीडिया के जरिए इस तरह के क्रियाकलापों पर प्रतिबंध के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया.
 
स्कूल बंद करने का प्रस्ताव
इससे पहले राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति के मद्देनजर आम आदमी पार्टी की सरकार ने स्कूल बंद करने का प्रस्ताव भी दिया था. दिल्ली के प्रदूषण की तुलना बीजिंग से की जा रही है, दिल्ली में सहे जा सकने प्रदूषण से 10 से 16 गुणा ज्यादा प्रदूषण है. आप सरकार की एडवायजरी बॉडी के दिल्ली डायलॉग कमीशन के अध्यक्ष आशीष खेतान का कहना है कि अगर प्रदूषण उस हद तक पहुंच चुका है, जहां वह लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करने लगा है तो हम स्कूल और बाजार बंद कर देंगे.
मंगलवार को यूएस एम्बेसी मॉनिटरिंग सिस्टम से एयर क्वालिटी इंडेक्स मापा गया, जहां पांच इलाकों में से दो इलाके ऐसे हैं जिनके प्रदूषण का लेवल लोगों के लिए जोखिम भरा हुआ है.
दिल्ली के आनंद विहार में यह लेवल 919 पहुंच चुका है. पंजाबी बाग, मंदिर मार्ग और आरके पुरम में 261, 269 और 308 है. वहीं, दिल्ली सरकार के स्कूल बंद करने के प्रस्ताव पर दिल्ली प्रदूषण बोर्ड का तर्क है कि क्या घरों में प्रदूषण का स्तर स्कूल से कम है?
 
सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण मापने का उपकरण
दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता जताने का बाद, कोर्ट परिसर में वायु प्रदूषण मापने का उपकरण लगाया गया है. गुरुवार को हाई कोर्ट ने राजधानी दिल्ली की तुलना गैस चैंबर से की थी. अक्टूबर में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ने कहा था कि प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि उनके पोते को भी मास्क लगाकर चलना पड़ता है. हाईकोर्ट ने भी दिल्ली के प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा है कि दिल्ली में रहना गैस चेंबर में रहने जैसा है. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार की कार्य योजनाओं को भी नाकाफी बताया और कहा कि इसमें प्राधिकरणों की जिम्मेदारी तय नहीं है. ना काम करने के लिए उन्हें कोई समय सीमा दी गई है. दिल्ली हाईकोर्ट 21 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगी.
 
क्या है कारण?
दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती भागती लाखों गाड़ियों से निकलता धुआं. राजधानी में मौजूद फैक्ट्रियों से निकलता काला जहर. बिजलीघरों की चिमनी से निकलता धुआं और मौसम में बढ़ने जा रही धुंध मिलकर प्रदूषण का एक ऐसा कॉकटेल तैयार कर रही हैं जो दिल्ली का दम घोट रहा है.

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds