दलितों के विरोध से जले 10 राज्य, 11 की मौत, आज कई स्कूल-कॉलेज बंद
नई दिल्ली,03अप्रैल(इ खबरटुडे)।एससी/एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के बदलाव के फैसले के विरोध में 2 अप्रैल (सोमवार) को दलित संगठनों के भारत बंद के चलते कल कई राज्यों में प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनों के दौरान 10 राज्य जल उठे और पूरे देश से 11 लोगों की मौत हो गई। मध्य प्रदेश से सबसे ज्यादा 6 लोगों ने अपनी जान गंवाई वहीं उत्तर प्रदेश से 3 और राजस्थान से एक की मौत हो गई। इस हिंसक प्रदर्शन के बाद केंद्र ने हिंसा वाले राज्यों से रिपोर्ट मांगी है। वहीं भिंड में दो पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। साथ ही आज एहतियात बरतते हुए कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।केंद्र ने हिंसा वाले कई राज्यों से रिपोर्ट मांगी
प्रदर्शन को देखते हुए देश में कई जगहों पर कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया. केंद्र सरकार ने यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और बिहार से हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने और कानून- व्यवस्था बनाये रखने का निर्देश दिया है।
कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज बंद मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और पंजाब सहित अन्य स्थानों पर आगजनी, गोलीबारी और तोड़फोड़ की खबरों के बीच कई राज्यों ने बंद के मद्देनजर स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया है।
आज सुनवाई की मांग
आज केंद्र सरकार के सबसे बड़े वकील एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल सुप्रीम कोर्ट से SC/ST एक्ट मामले पर जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं। सोमवार को केंद्र ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर ये मांग की थी कि कोर्ट हाल ही में दिए फैसले से पहले की स्थिति बहाल करे।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया था?
फैसले में कोर्ट ने SC/ST उत्पीड़न की शिकायतों में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शिकायत की शुरुआती जांच करें। शिकायत की शुरुआती पुष्टि होने के बाद ही मामला दर्ज किया जाए।
मध्यप्रदेश: जली चंबल, कई जिलों में कर्फ्यू
मध्य प्रदेश में दलितों के भारत बंद के दौरान सबसे ज्यादा हिंसा ग्वालियर, भिंड, और मुरैना में हुई। ग्वालियर में एएसपी को भीड़ ने पीट दिया। हिंसा के बाद ग्वालियर, मुरैना और भिंड में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही भिंड में सेना बुलाई गई। हिंसा प्रभावित जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। भिंड में बजरंग दल और भीम सेना के कार्यकर्ताओं में भी भिड़ंत हुई। भोपाल में भीड़ ने बस को जला दिया। सतना, बालाघाट और सागर में भी प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई। प्रदेश में कई ट्रेनों को भी प्रदर्शनकारियों ने रोका।
पुलिस सूत्रों के अनुसार बंद समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष सोमवार सुबह 10.30 बजे उस वक्त शुरू हुआ जब भिंड जिले के मालनपुर इलाके में बंद समर्थक प्रदर्शनकारी लाठी लेकर सड़कों पर उतरे और वाहनों के कांच और दुकानों पर तोड़फोड़ करने लगे। इसके बाद हिंसा अन्य इलाकों में भी बढ़ती चली गई।
यूपी: पश्चिम में जमकर हिंसा, पूर्व के भी कई जिले अशांत
दलित संगठनों ने सोमवार को देशभर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। दलित आंदोलन की आग से पश्चिमी यूपी सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। मेरठ, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, हापुड़, बिजनौर और बुलंदशहर सहित पश्चिमी यूपी के जिलों में जमकर तोड़फोड़ और हिंसा हुई।
भारत बंद:दलित संगठनों का विरोध हिंसक,10 की मौत, जल उठे 10 राज्य
मेरठ मे उग्र प्रदर्शनकारियों ने कई जगह बसों में आग लगा दी। हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने धारा 144 लगा दिया। मेरठ में बसपा विधायक योगेश वर्मा सहित 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, आजमगढ़ में सगड़ी तहसील परिसर के बाहर प्रदर्शन के हिंसक होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। कई राउंड गोलियां चलने की भी खबर है। हालांकि प्रदेश में ज्यादातर स्थानों पर दलितों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। लखनऊ में के प्रदर्शनकारी काली पट्टी बांधकर अंबेडकर प्रतिमा पर जमा हुए और खूब नारेबाजी की। फैजाबाद जिले में भी कहीं भारत बंद का असर नहीं दिखा। कानपुर में चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के पास भारतीय दलित पैंथर समिति और छात्रों ने जाम लगाया।
राजस्थान: पुलिस फायरिंग में एक की मौत
राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, सीकर, बाड़मेर, करौली, भरतपुर, अजमेर और अलवर में दलितों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई। अलवर में पुलिस फायरिंग में पवन कुमार (27) की मौत हो गई। अलवर में प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग लगा दी साथ ही दुकानों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। भीड़ ने पुलिस पर भी पथराव किया। जोधपुर में भीड़ ने सब इंस्पेक्टर को घेरकर पीटा। इसके बाद से सब इंस्पेक्टर आईसीयू में भर्ती है। बाड़मेर में करणी सेना और दलित संगठनों के बीच झड़प में दर्जनों लोग घायल। पुष्कर में कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई।
बिहार: सड़क से लेकर विधानसभा तक बवाल
भारत बंद के दौरान बिहार में सोमवार को जमकर बवाल हुआ। दलित संगठनों के साथ विपक्षी दलों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और जगह-जगह उपद्रव किया। एनएच और एसएच पर आगजनी कर जाम लगा दिया। जगह-जगह पुलिस के साथ उपद्रवियों की झड़प हुई। पटना स्टेशन पर भीड़ ने जबरदस्ती टिकट काउंटर को बंद कराया। कई जगहों पर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया।
पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया। करीब चार घंटे तक एनएच 31 जाम रहा। भारत बंद का मुद्दा बिहार विधानसभा में भी उठा। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विपक्ष वेल में उतरा और 8 मिनट में ही सदन की पहली पाली की कार्यवाही स्थगित हो गई। सत्ता पक्ष के भी कुछ विधायकों ने विधानसभा के बाहर नारेबाजी की।
भारत बंद: ओडिशा में रोकी गई ट्रेन,पंजाब में परिवहन,इंटरनेट सेवाएं बंद
वहीं, नेता विपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की अगुआई में राजद नेताओं ने दलितों के अधिकार हनन का मुद्दा उठाते हुए विधानसभा से डाकबंगला चौराहे तक मार्च किया। राजधानी की सड़कों पर उपद्रव का हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पटना एसएसपी मनु महाराज को तलब किया है।
झारखंड: 800 से ज्यादा गिरफ्तार
झारखंड में व्यापक असर रहा। रांची, साहिबगंज, दुमका, देवघर, बोकारो, गिरिडीह, कोडरमा, पलामू, लातेहार समेत कई इलाकों में बंद समर्थकों ने उग्र प्रदर्शन किया। पुलिस ने रांची से दो सौ और पूरे राज्य से लगभग 800 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। शहरों में दुकानें बंद कराई गईं। यात्री ट्रेनें रोकी गईं। इस दौरान लंबी दूरी के यात्री वाहन नहीं चले। कोयला खदानों से कोयले की ढुलाई प्रभावित हुई है। रांची समेत कई स्थानों पर हिंसक झड़पें हुईं। धनबाद में प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया। मामले में पूरे राज्य में 5112 लोगों को हिरासत में लिया गया है। साहिबगंज और धनबाद में ट्रेनें भी रोकी गईं। जमशेदपुर में बंद समर्थकों ने एक ट्रक फूंक दी। मेदिनीनगर के बैरिया में बंद समर्थकों और दुकानदारों में मारपीट हुई। हजारीबाग-रामगढ़ में कोयला ढुलाई प्रभावित हुआ।
छत्तीसगढ़ में मिला-जुला असर:
भारत बंद का छत्तीसगढ़ में मिला जुला असर रहा है। इस दौरान अलग अलग संगठनों ने बंद का समर्थन किया। बंद के दौरान राजधानी रायपुर समेत राज्य के अन्य शहरों बिलासपुर, रायगढ़ में दुकानें बंद रही। वहीं कुछ स्कूलों में बच्चों को छुट्टी दे दी गई थी।