November 15, 2024

त्रिस्तुतिक संघ के गच्छाधिपति व आचार्यश्री का भव्य नगर प्रवेश

संघ की महत्वपूर्ण जवाबदारी का निवर्हन करेंगे: श्री नित्यसेनसूरिजी

रतलाम,20 जनवरी (इ खबरटुडे)। लोकसन्त, पुण्य सम्राट श्री जयन्तसेन सूरीश्वरजी के पट्टधर, गच्छाधिपति, आचार्यश्री नित्यसेन सूरीश्वरजी, आचार्यश्री जयरत्न सूरीश्वरजी म.सा. के पदारोहण पश्चात मुनिमण्डल के साथ प्रथम नगर आगमन पर भव्य चल समारोह निकाला गया। सैलाना वालों की हवेली मोहन टॉकीज पर धर्मसभा का आयोजन हुआ।

गच्छाधिपति श्री नित्यसेन सूरीश्वरजी ने धर्मसभा में कहा कि श्रीसंघ व साधुवृन्द संघ हित में समभावपूर्वक मिलकर कोई कार्य करते है, तो प्रत्येक कार्य में सफलता अवश्य मिलती है। आपने वर्ष 2016 में रतलाम में काश्यप परिवार द्वारा आयोजित चातुर्मास के बारे में कहा कि लोकसन्तश्री ने अपने इस पचासवें चातुर्मास के बारे में स्वयं कहा था कि रतलाम का यह चातुर्मास सभी प्रकार से ऐतिहासिक व बेमिसाल रहा। आपने कहा कि लोकसन्तश्री ने जीवन पर्यन्त समाज के बारे में चिन्तन किया। रतलाम से विहार के बाद उन्होंने मालवांचल मेें 22 दिन में 6 प्रतिष्ठाएं सम्पन्न कराई। हमें संघ की महत्वपूर्ण जवाबदारी देकर वे गए है, जिसका हम निर्वहन करेंगे।

रतलाम का संघ उन्नत ऊर्जावान: श्री जयरत्नसूरिजी
आचार्यश्री जयरत्न सूरीश्वरजी ने कहा कि जो व्यक्ति सद्गुणी सदाचारी बनना चाहता है, वह हमेशा आगे रहेगा। दुर्लभ मानव भव हमें मिला है, जिसको प्राप्त करने के लिए देवता भी तरसते है। ऐसे में हमारा लक्ष्य जिनवाणी श्रवण कर स्व-कल्याण प्राप्त करना होना चाहिए। यही ज्ञान हमें लोकसन्तश्री ने दिया है। आपने कहा कि मालवांचल के हर गांव में पुण्य सम्राट का साम्राज्य विस्तृत है। अनेक समर्पित गुरूभक्त है। आपको उन्होंने जितना ज्ञान दिया उसका अनुसरण कर अपने जीवन को धन्य बनाएं। रतलाम आगमन पर आचार्यश्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यहां का संघ उन्नत, ऊर्जावान है। संघ ने हमेशा गुरू परम्परा का सम्मान किया है। हम दोनों आचार्य समाज को एकता के सूत्र में बांधेंगे।
लोकसन्तश्री अनन्त ऊर्जा देकर गए, उसका उपयोग करें: श्री निपुणरत्नविजयजी
मुनिराजश्री निपुणरत्नविजयजी ने कहा कि लोकसन्त श्रीमद् जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. के अंतिम चातुर्मास से रतलाम की पुण्यधरा धन्य, पावन, पवित्र और ऊर्जावान बन गई है। गुरूदेवश्री का जयन्तसेन धाम में काश्यप परिवार ने ऐतिहासिक, स्वर्णिम चातुर्मास करवाकर इस धरा को गुरूदेवश्री के आध्यात्मिक जीवन से जोड़ दिया है और चातुर्मास काल में आप सभी को शुभभावना में रहने का उपदेश देकर आत्मा के शुद्ध स्वरूप का बोध करवाया है। लोकसन्तश्री रतलाम की इस धरती को अनन्त ऊर्जा, शुभ परमाणु देकर गए है। आप सभी को उसका उपयोग कर श्रीसंघ की उन्नति, प्रगति का प्रयास करना चाहिए। मुनिराजश्री चारित्ररत्नविजयजी म.सा. ने भी सम्बोधित किया।
चातुर्मास को जन-जन ने ऐतिहासिक बनाया: काश्यप
मुख्य अतिथि त्रिस्तुतिक जैन श्रीसंघ के राष्ट्रीय परामर्शदाता, राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष, विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा कि धर्म नगरी में कई चातुर्मास हुए है, लेकिन वर्ष 2016 में जयन्तसेन धाम में लोकसन्तश्री का चातुर्मास एक अमिट छाप छोड़ गया है। उनके मन में रतलाम संघ के प्रति विशेष अनुराग था। लोकसन्तश्री के रतलाम चातुर्मास को यहां के जन-जन ने ऐतिहासिक बनाया। आपने कहा कि आचार्यश्री यतीन्द्रसूरिजी ने समाज को संगठित किया एवं अर्द्धशताब्दी महोत्सव आयोजित कर श्री मोहनखेड़ा तीर्थ को प्रकाश में लाए। रतलाम का सौभाग्य रहा कि श्री गगलदास संघवी के नेतृत्व में आयोजित महोत्सव में रतलाम से कन्हैयालालजी काश्यप व डॉ. प्रेमसिंह राठौड़ को प्रतिनिधित्व मिला। समाज संगठन के क्षेत्र में उनका भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। आपने कहा कि लोकसन्तश्री के पट्टधरद्वय का पदार्पण निश्चित ही एक सौभाग्य है। मालवांचल में दोनों आचार्यों की अगवानी में उमड़ा श्रद्धा व भक्ति का सैलाब भविष्य के लिए अच्छा संकेत है।
अतिथि निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल ने कहा कि समाज को नई दिशा व मार्गदर्शन प्रदान करने के लि गुरूदेव का पदार्पण गौरव की बात है। आपके आशीर्वाद से समाज ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास किया है। स्वागत भाषण देते श्री संघ अध्यक्ष डॉ. ओ.सी. जैन ने कहा कि जयन्तसेन धाम में सम्पन्न लोकसन्तश्री के चातुर्मास की कीर्ति का आभास हमें हो रहा है। रतलाम त्रिस्तुतिक श्रीसंघ का मालवा के श्रीसंघों मंे विशिष्ठ स्थान है। ऐसी पावन भूमि पर लोकसन्तश्री पट्टधरों का पदार्पण सुखद् संयोग है।
आचार्यद्वय को काम्बली ओढाने का लाभ कांतिलाल राजकमल ऋतिक दुग्गड़ ने व वासक्षेप पूजा का मनोहरलाल लोढा रामपुरावाला ने लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ गच्छाधिपति के मंगलाचरण से हुआ। अतिथियों श्री काश्यप, श्री पोरवाल व डॉ. जैन, परिषद् प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित तांतेड़, संघ के राजेन्द्र लुणावत, सतीश खेड़ावाला, पंकज राठौड, परिषद् अध्यक्ष राजेश खाबिया ने दादा गुरूदेव के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया। महिला परिषद् की श्रीमती मधु गंग व श्रीमती रीना कोठारी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। अर्पण बाफना व नन्हें बच्चों ने भी अपनी गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन प्रो. विजय जैन एवं आभार परिषद् सचिव प्रवीण बरबोटा ने माना। उक्त जानकारी परिषद् राष्ट्रीय महामंत्री राजकमल जैन ने दी।

 

नगर में निकला भव्य चल समारोह:
गच्छाधिपति श्री नित्यसेन सूरीश्वरजी व आचार्यश्री जयरत्न सूरीश्वरजी म.सा., मुनिमण्डल का नगर प्रवेश चल समारोह प्रातः 9.30 बजे घास बाजार से प्रारंभ हुआ। त्रिस्तुतिक जैन श्रीसंघ के राष्ट्रीय परामर्शदाता, राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष, विधायक चेतन्य काश्यप, निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल सहित गणमान्यजन चल समारोह में शामिल हुए। चल समारोह में आगे पॉच अश्वारोही युवक जैन ध्वजा थामे धर्म संदेश दे रहे थे। मंगल प्रतीक चिन्हों के पीछे 6 पूर्वाचार्यों के फोटो बग्गी में आसीन थे। नवयुवक व तरूण परिषद् सदस्यों ने जुलूस का संचालन किया। महिला परिषद् की सदस्याएं सिर पर मंगल कलश धारण किए चल रही थी। पंखानृत्य ने सभी का मनमोह लिया। वहीं बालिका परिषद् का गरबानृत्य आकर्षण का केन्द्र रहा। मार्ग मंे अनेक स्वागत द्वार व बैनर तोरण लगे थे। आचार्यश्री के समक्ष अनेक स्थानों पर श्रद्धालुओं ने गहुली कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मार्ग में आचार्यद्वय ने खेरादीवास स्थित नीमवाला उपाश्रय पहुॅचकर जिनमंदिर व गुरूमंदिर व उपाश्रय में पूर्वाचार्यों के प्राचीन व्याख्यान पाट के दर्शन किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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