November 18, 2024

तीन तलाक: सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को भेजा मामला, 11 मई से सुनवाई

नई दिल्ली,30 मार्च (इ खबरटुडे)। ट्रिपल तलाक मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ 11 मई से सुनवाई शुरू करेगी. गर्मियों की छुट्टियों में पांच जजों की पीठ इस पर सुनवाई करेगी. CJI खेहर ने कहा कि यही वक्त है कि मामले में सुनवाई पूरी की जाए. अगर सब पक्ष तैयार नहीं हैं तो हम भी अपनी छुट्टियों का लुफ्त उठाएंगे. फिर कोई ये नहीं कह पाएगा कि मामले की जल्द सुनवाई हो, क्योंकि फिर सालों तक यह मामला अटका रहेगा. इसी दौरान दो अन्य मामलों में भी संविधान पीठ सुनवाई करेगी. ट्रिपल तलाक के लिए सभी पक्ष मुद्दों को सुप्रीम कोर्ट में देंगे और संविधान पीठ ही तय करेगी कि किन मुद्दों पर सुनवाई हो.

इससे पहले ट्रिपल तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लिखित जवाब दाखिल कर कहा है कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ दाखिल याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. साथ ही कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ को संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत प्रोटेक्शन है. उसे मूल अधिकार के कसौटी पर नहीं आंका जा सकता. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि कोर्ट पर्सनल लॉ को दोबारा रिव्यू नहीं कर सकती उसे नहीं बदला जा सकता. कोर्ट पर्सनल लॉ में दखल नहीं दे सकती.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा था कि तमाम पक्षकार इस मामले में लिखित जवाब पेश करें. इसी के तहत सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब पेश किया गया है. इसके तहत कई सवाल मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से कोर्ट के सामने रखे गए. कहा गया कि क्या ये ट्रिपल तलाक आदि के खिलाफ दाखिल याचिका विचार योग्य है. क्या पर्सनल लॉ को मूल अधिकार की कसौटी पर टेस्ट हो सकता है. क्या कोर्ट धर्म और धार्मिक लेख की व्याख्या कर सकता है. मुस्लिम पर्सनल लॉ संविधान के अनुच्छेद-25, 26 व 29 में प्रोटेक्टेड है और क्या इसका व्याख्या या रिव्यू हो सकता है.

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