तपस्या के लिए आ गए हैं अच्छे दिन : मुनिराजश्री
रतलाम 23 जुलाई(इ खबरटुडे)। गुरुदेव राष्ट्रसन्त जैनाचार्य श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. के सान्निध्य में तप-आराधना करने का बहुत ही आनन्द मिलता है । सेव-कचौरी खाते-खाते जिन्दगी गुजर गई, अब थोड़़ा शरीर का मोह छोड़़े और तपस्या करो। तपस्या के लिए अच्छे दिन आ गए हैं। विधायक चेतन्य काश्यप ने चातुर्मास आयोजन का लाभ लिया है । लेकिन आप सबको लाभ लेना है, तो तप-आराधना के रुप में व्यक्तिगत प्रयास करना होंगे। बड़़ी तपस्या ना कर सको तो छोटी तपस्या का मन बनाओ। राष्ट्रसन्तश्री की निश्रा में चातुर्मास का यह अवसर बार-बार आने वाला नहीं है।
यह बात मुनिराज श्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने कही। उन्होंने जयन्तसेन धाम में धर्मसभा को संबोधित करते हुए २४ जुलाई से प्रारम्भ होने वाली मासक्षमण की तप-आराधना के लिए आराधकों से अधिक से अधिक तैयार होने का आह्वान किया और कहा कि लोगों की बातें सुन-सुनकर मानव जीवन में कई बदलाव लाए हों, लेकिन सच यह है कि लोगों की मानते हुए जिंदगी पूरी हो जाएगी और कुछ नहीं मिलेगा। जन्म-मरण के भवों में भटकते हुए कई जीवन पूरे हो गए हैं, आखिर कब तक भटकोगे? भटकाव से मुक्ति के लिए आत्मकल्याण का मार्ग पकडो। आत्मा पर कल्याण करने का सर्वोत्तम उपाय तपस्या है।
मुनिराजश्री ने कहा कि मानव अपने जीवन में सबकी बात मानता है। डाक्टर कहता है तो मानता है, मित्र, परिजन और अन्य कोई कहता है तो भी मानता है, लेकिन परमात्मा द्वारा कही गई बातों को नहीं मानता। परमात्मा की बातों का अनुसरण नहीं होता, इसीलिए जीवन में परिवर्तन नहीं आता है। शरीर से अधिक मोह नहीं रखना चाहिए। शरीर को दी जाने वाली सभी चीजें गंदी हो जाती हैं, यह किसी को शुद्ध नहीं रहने देता, फिर इस काया से इतना प्रेम क्यों रखना चाहिए। संसार को देखना है तो परमात्मा की नजर से देखो। चमडे की आंख से देखोगे तो संसार में भटक जाओगे। आपने कहा व्यक्ति के साथ उसके द्वारा किया गया धर्म ही चलता है अन्यथा संसार के लोग ज्यादा से ज्यादा श्मशान तक ही साथ देते हैं। रतलाम में चातुर्मास आयोजक व विधायक चेतन्य काश्यप ने बहुत बड़़ा दिल रखा है। चातुर्मास को सफल करने में कोई कसर नहीं छोड़़ रहे हैं, इसका फल उन्हें मिलेगा लेकिन सबको यदि फल पाना है तो तप-आराधना का मार्ग मंजिल तक पहुंचाएगा। धर्मसभा में चातुर्मास आयोजक परिवार की ओर से मातुश्री तेजकुंवरबाई काश्यप एवं श्रीमती नीता काश्यप ने तपस्वी सुनीता राकेश मेहता और मंजू मेहता का बहुमान किया। दादा गुरुदेव की आरती का लाभ राजेन्द्र कुमार मालक ने लिया। संचालन राजकमल जैन द्वारा किया गया।
पहले रविवार को विशेष प्रवचन –
चातुर्मास के पहले रविवार जयन्तसेन धाम में राष्ट्रसन्त जैनाचार्य श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। ‘मुझे गुस्सा क्यों आता है’ विषय पर प्रात: ९.०० से ११.०० बजे तक प्रवचन का आयोजन होगा। दोपहर २.०० से ४.०० बजे आत्मा की अनुभूति कराने वाली वीडियो प्रस्तुती का आयोजन होगा।
चातुर्मास आयोजक ने किया बहुमान –
शनिवार को आचार्यश्री के दर्शन-वन्दन के लिए देश के विभिन्न स्थानों से अनुयायी जयन्तसेन धाम पहुंचे। अहमदाबाद से एल.डी. इंस्टीट्यूट आफ इंडोलॉजी के संचालक जितेन्द्र भाई शाह ने रतलाम पहुंचकर दर्शन-वन्दन का लाभ लिया। चातुर्मास आयोजक व विधायक चेतन्य काश्यप ने उनका बहुमान किया। इस दौरान सिद्धार्थ काश्यप व मुकेश जैन उपस्थित थे। मुम्बई, पूणे व जावरा के गुरुभक्तों ने भी आशीर्वाद प्राप्त किया। पिपलौदा श्रीसंघ के जिनेन्द्र जैन और नरेन्द्र बोहरा का चातुर्मास आयोजक परिवार के सिद्धार्थ काश्यप ने बहुमान किया। प्रवीण संघवी, अभय सकलेचा आदि मौजूद थे।