April 27, 2024

तनाव के हालात पर हावी रही राजनीति

बिगडी हुई साख को सम्हालने की नाकाम कोशिश करते रहे शहर विधायक

रतलाम,1 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। रतलाम के इतिहास का यह शायद पहला मौका होगा जब कि कफ्र्यू में ढील देने के प्रशासनिक फैसले का भी श्रेय लेने के हास्यास्पद प्रयास किए गए। पूरे घटनाक्रम के दौरान उद्योगपति शहर विधायक अपनी बिगडी हुई साख को बचाने की नाकाम कोशिशें करते नजर आए। सोश्यल मीडीया को इसका मंच बनाया गया,हांलाकि विधायक और उनके समर्थकों के ये प्रयास छबि को सुधारने की बजाय बिगाडने के ही काम आए।
शनिवार को कांग्रेस नेत्री यास्मीन शैरानी पर अज्ञात लोगों द्वारा हमला और इसकी प्रतिक्रिया में बजरंग दल पदाधिकारी समेत दो युवकों की नृशंस हत्या के बाद पूरा शहर तनाव की गिरफ्त में आ चुका था। प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण बनाने के लिए शहर में कफ्र्यू लागू कर दिया था। उस दिन योग संयोग से शहर विधायक चैतन्य काश्यप शहर में नहीं थे। उनके अन्य समर्थकों ने भी शायद पहले दिन मामले को गंभीरता से नहीं लिया था। भाजपा के काश्यप समर्थक नेता पहले दिन  सक्रिय नजर नहीं आए थे।
रविवार को मृत कपिल राठौड के अंतिम संस्कार के समय जब शहर विधायक चैतन्य काश्यप उसके निवास पर पंहुचे,तो वहां मौजूद विहिप के नेता और कार्यकर्ता उनपर भडक गए। विधानसभा चुनाव में हजारों मतों की ऐतिहासिक जीत हासिल कर चुके श्री काश्यप के लिए यह पहला मौका नहीं था। कुछ महीनों पूर्व एक नन्ही बालिका के बलात्कार के असफल प्रयास के मामले में भी उनके खिलाफ जमकर chaitany kनारेबाजी हो चुकी है। कपिल राठौड के निवास पर लोगों का आक्रोश देखने के बावजूद विधायक श्री काश्यप त्रिवेणी मुक्तिधाम तक पंहुचे। लेकिन तब मामला और बिगडा। अंतिम संस्कार में भाग लेने आए युवक श्री काश्यप को देखकर भडक गए और आखिरकार उन्हे मुक्तिधाम से बाहर कर दिया गया।
मुक्तिधाम पर लगे इस झटके के बाद श्री काश्यप को लगा कि उनकी छबि बहुत बुरी तरह से बिगड सकती है। उन्होने फौरन अपने पूरे सिस्टम को सक्रिय कर दिया,जिससे कि उनकी बिगडी हुई साख को सुधारा जा सके। उनके वैतनिक कर्मचारी और राजनीति में नए आए छुटभैये समर्थकों ने सोश्यल मीडीया  को इसका माध्यम बनाया और फेसबुक वाट्सएप के जरिये श्री काश्यप की छबि सुधारने का अभियान शुरु कर दिया गया।
हांलाकि इस अभियान में की गई हास्यास्पद मूर्खताओं की वजह से छबि सुधारने का यह अभियान छबि को और अधिक बिगाडने का माध्यम बन गया। काश्यप समर्थकों ने शवयात्रा में श्री काश्यप के बहिष्कार के आरोपों को झूठा बताने के लिए मृत कपिल की अर्थी को कन्धा देते हुए श्री काश्यप का एक फोटो सोश्यल मीडीया पर जारी कर दिया । शवयात्रा में शामिल प्रत्यक्षदर्शियों के  मुताबिक किसी भी व्यक्ति ने श्री काश्यप को कन्धा देते हुए नहीं देखा था। यह अपने आप में शर्मनाक बात है कि कोई व्यक्ति किसी की अर्थी को कन्धा दिए जाने के फोटो खींच कर लोगों को बताता फिरे। किसी की अंतिमयात्रा में कन्धा देना प्रचार करने की बात नहीं होती,लेकिन छबि चमकाने की चिन्ता में शहर विधायक और उनके समर्थकों को इतनी सी बात समझ में नहीं आई। वे बेशर्मी से अर्थी को कन्धा देने के फोटो दिखाते रहे। हांलाकि कुछ कम्प्यूटर जानकारों का कहना है कि यह फोटो फोटोशाप में बनाया गया है।
शहर विधायक और उनके समर्थक यहां नहीं रुके। मृतक के यहां शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए वे गए तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनेक पदाधिकारियों को भी अपने साथ ले गए। आमतौर पर संघ के पदाधिकारी अपने नाम खबरों में प्रकाशित कराना उचित नहीं समझते। लेकिन शहर विधायक यह प्रदर्शित करना चाहते थे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पूरा समर्थन उनके साथ है,इसलिए विधायक जी के वैतनिक कर्मचारियों ने तमाम पदाधिकारियों के पदनाम के  साथ यह खबर सोश्यल मीडीया पर वायरल की।
शहर विधायक यहीं नहीं रुके। कफ्र्यू में ढील का फैसला जिला प्रशासन ने कानून व्यवस्था की स्थिति का आकलन करके लिया। लेकिन शहर विधायक और उनके समर्थक कफ्र्यू में ढील के निर्णय का श्रेय लेने में जुट गए। वाट्सएप पर सन्देश शुरु कर दिए गए कि श्री काश्यप के कहने पर कफ्र्यू में ढील दी गई है। इस तरह प्रदर्शित किया जाने लगा जैसे कि यदि विधायक जी नहीं होते तो दो चार महीनो तक कफ्र्यू हटता ही नहीं।
संघ के पदाधिकारियों के नामों का अपने साथ उपयोग कर स्वयं की विशीष्टता दिखाने के मामले में भी शहर विधायक ने कोई कसर नहीं छोडी। जिस दिन प्रशासन ने गरबे की अनुमति दी,विधायक जी कई गरबा स्थलों पर पूजा करने गए। लेकिन यहां भी उनके कर्मचारियों ने सोश्यल मीडीया पर डाली खबरों में संघ पदाधिकारियों के नामों का जिक्र जरुर किया।
बहरहाल इमेज मेकिंग की इन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हे अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई। लोग अब इतने नासमझ नहीं रहे कि इस तरह के सतही प्रचार के झांसे में आ जाए। इधर विधायक जी की टीम इमेज मेकींग में जुटी हुई थी,उधर मुक्तिधाम पर हुए घटनाक्रम की मोबाइल के जरिये बनाई गई विडीयो क्लिपिंग्स वाट्सएप पर हजारों मोबाइल्स में बंटती रही। पूरे शहर में चर्चा यह है कि वर्तमान विधायक ने अपनी इन हरकतों से पिछले विधायक को भी पीछे छोड दिया है।

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