ट्रॉले ने बाइक को 50 फीट तक घसीटा, आग, तीन की मौत
धामनोद (धार),21 जनवरी (इ खबरटुडे)। मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन के गणपति घाट पर रविवार को करीब दोपहर 4 बजे गेहूं से भरे एक ट्राॅले की चपेट में बाइक सवार तीन लोग आए। इसके बाद ट्रॉला इन्हे घसीटते हुए करीब 50 फुट दूर ले गया। ऐसे में बाइक में पेट्रोल होने के कारण घर्षण से आग लग गई। इसमें बाइक सवार तीन लोगों की जलने से मौत हो गई।प्राथमिक रूप से यही माना जा रहा है कि इनकी मौत टक्कर की बजाए जलने से हुई है। फिलहाल मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। शव को देखकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें एक महिला, एक बच्चा तथा एक पुरूष शामिल है।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार शाम 4 बजे इंदौर गेंहू भरकर महाराष्ट्र की ओर जा रहे ट्राला क्रमांक पीएन 67-3909 ने अपने आगे चल रही मोटर साइकल को टक्कर मारी। यह बाइक टक्कर लगने के बाद असंतुलित हुई और कंटेनर क्रमांक एनएल 01 जी 6077 की चपेट में आ गई।
इन लोगों की जान बच सकती थी लेकिन कंटेनर से टकराने के बाद में फिर से उसी ट्रॉले ने बाइक सवार लोगों को कुचल भी दिया। यह ट्राॅला करीब 50 फुट दूर तक बाइक को घसीटते हुए ले गया। ट्राॅले के ब्रेक फेल होन की बात भी सामने आ रही है। इस दौरान घर्षण के कारण आग लगी। कुछ ही सेकंड में आग ने गंभीर रूप धारण कर लिया। साथ ही टायर भी फट गया। ऐसे में ट्रॉले के आगे वाले हिस्से में फंसे हुए तीनों लोग की हादसे और जलने से मौत हो गई। तीनों ही बुरी तरह से जल गए है।
नंबर प्लेट भी जल गई
शव की पहचान कर पाना मुश्किल हो गया है। वहीं बाइक की नंबर प्लेट भी जल गई है ऐसे में पहचान करना और भी मुश्किल हो गया है। आग पर काबू पाने के लिए मौके पर धामनोद, मानपुर, पीथमपुर सहित कई दमकल मौके पर पहुंचे। वहीं घटना में ट्राॅला व उसमें भरा गेहूं भी जलकर खाक हो गया। थाना प्रभारी मोहन जाट ने बताया कि प्रथम दृष्टया एक बच्चे सहित दो व्यक्ति की मौत हुई है। इधर घटना के बाद जाम भी लगा।
जान बचाकर भाग निकले
ट्रॉले के चालक और क्लीनर जान बचाकर भाग निकले है। दूसरी ओर पुलिस यह मान रही है कि इनमें से किसी एक को चोट आई होगी इसलिए वे उपचार के लिए कहीं गए है।
पहले भी जलने से हुई थी मौत
इधर घटना के बाद लंबा जाम भी लग गया। गत 27 अक्टूबर को भी एक ट्रॉले में आग लगी थी। तब भी ड्रायवर की जलने से मौत हुई थी।
क्या है समस्या
गणपति घाट के एक हिस्से में ग्रेडिएंट यानी ढलान बहुत अधिक है जो कि तकनीकी रूप से सहीं नहीं है। ऐसे में यहां पर अक्सर वाहन के ब्रेक फैल होने और संतुलन बिगड़ने की स्थिति बनती है। इन्ही कारणों से आग भी लग जाती है। घाट के 1 किमी के हिस्से में अधिक ढलान है।