November 9, 2024

टोल प्लाजा के 20 किमी के दायरे में रहने वाले लोगो के पास क्यों नहीं बने

क्षेत्र प्रभारियों से अतिक्रमण हटाने में खर्च राशि वसूली जायेगी – कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर

रतलाम 21 दिसम्बर(इ खबरटुडे)। कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने शहर में किये जा रहे अतिक्रमण को बहुत गम्भीरता से लेते हुए इसे नगर निगम के क्षेत्र प्रभारियों की गम्भीर लापरवाही माना है। उन्होने आज निर्देशित किया कि जहा कही भी अतिक्रमण होता हैं तो क्षेत्र प्रभारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी और अतिक्रमण को हटाने में व्यय होने वाली राशि क्षेत्र प्रभारियों से वसुल की जायेगी। उन्होने आज बैठक में शासन के निर्देशानुसार सड़क मार्गो पर बने टोल प्लाजा के 20 किमी के क्षेत्र में रहने वाले वाहन चालकों को पास बनाकर वितरित करने संबंधी निर्देश दिये गये। बैठक में रतलाम के प्रवेश मार्ग महू रोड़ पर बन रहे सीमेंट कांक्रीट मार्ग की गुणवत्ता का नियमित रूप से निरीक्षण्ा किये जाने हेतु लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देशित किया। आज की बैठक में नगर निगम के समस्त क्षेत्र प्रभारियों को, जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने संबंधी कार्य में लेटलथीफी करने वाले समस्त प्राचार्यो को कारण बताओं सूचना पत्र जारी करने के निर्देश दिये गये।

प्रति सोमवार आयोजित होने वाली समयसीमा की बैठक में कलेक्टर ने म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के अधीक्षण यंत्री पाटीदार से ट्रांसफार्मर की वस्तुस्थिति के बारे में पड़ताल की। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में पॉच ट्रांसफार्मर खराब है। कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर के पुछने पर बताया गया कि अधिकतम तीन दिन में खराब हुए ट्रांसफार्मर बदल दिये जाते है। पाटीदार ने यह भी बताया कि बिजली के बिल मीटर रिडिंग के आधार पर ही उपभोक्ताओं को दिये जा रहे है। क्योंकि लगभग सभी उपभोक्ताओं को मीटर उपलब्ध करा दिये गये है। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया हैं कि वे प्रकरणों का निपटारा समयसीमा में करना सुनिश्चित करें ताकि स्वयं का वर्क लोड भी कम हो और जनता को राहत शीघ्रता से मिल सकें।

अतिक्रमण को रोकने की जिम्मेदारी क्षेत्र प्रभारियों की

कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने आज बैठक में नगर निगम के सभी क्षेत्र प्रभारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि क्षेत्र में होने वाली अतिक्रमण से क्षेत्र प्रभारी अनभिज्ञ नहीं रह सकते। उन्होने कहा कि अतिक्रमण को रोकने और अतिक्रमण न होने देने की जिम्मेदारी क्षेत्र प्रभारियों की भी है। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि किसी भी क्षेत्र में होने वाले अतिक्रमण की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र प्रभारी की होगी। अतिक्रमण को हटाने में व्यय होने वाली राशि को क्षेत्र प्रभारियों से वसुला जाये।

विभागीय सम्भागीय अधिकारी जिले में आकर समीक्षा करें

कलेक्टर की ओर से शासन स्तर पर पत्र भेजा जायेगा

बैठक में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की विभागीय समीक्षा की जाने पर मालूम हुआ कि कार्यपालन यंत्री किसी बैठक में उज्जैन गये हुए है। कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए शासन स्तर पर उनकी ओर से पत्र प्रेषित करने के निर्देश देते हुए कहा कि विभिन्न विभागों के सम्भागिय अधिकारियों को जिले में आकर विभागों की समीक्षा करनी चाहिए। उन्होने कहा कि इस संबंध में शासन के द्वारा निर्देश भी दिये जा चूके है। उल्लेखनीय हैं कि कलेक्टर ने समस्त अधिकारियों को पूर्व में ही स्पष्ट निर्देश दिये गये थे कि विभागीय प्रमुख सोमवार व मंगलवार को किसी भी स्थिति में मुख्यालय छोडकर अन्य स्थानों पर मिटिंग में नहीं जायेगे। उन्होने कहा कि इससे जिला स्तर पर होने वाली समीक्षा एवं कार्यो की प्रगति में अवरोध उत्पन्न होता है।

ई.ई.आरईएस की तकनीकी स्वीकृति क्षमता सवर्ध्दन के लिये पत्र

कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के जिला स्तरीय कार्यपालन यंत्री की तकनीकी स्वीकृति की क्षमता को बीस लाख से पचास लाख रूपये तक करने हेतु पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिये है। उल्लेखनीय हैं कि आरईएस के कार्यपालन यंत्री के पास महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यो हेतु पचास लाख रूपये तक के तकनीकी स्वीकृति प्रदान किये जाने के अधिकार प्राप्त है जबकि अन्य कार्यो में उसके पास बीस लाख रूपये तक की ही तकनीकी स्वीकृति के अधिकार है। कलेक्टर ने कहा हैं कि कार्यपालन यंत्री के पास विभागीय एवं अन्य कार्यो हेतु भी पचास लाख रूपये तक की तकनीकी स्वीकृति के अधिकार हेतु पत्र भेजा जा रहा है।

अनुकम्पा नियुक्त का प्रकरण तैयार कर भेजे

कलेक्टर ने जन संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री रामविलास सिंह से पुछा कि वे अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण में क्यों कर देरी कर रहे है। यदि यहा से नियुक्ति नहीं दी जा सकती हैं तो जहा से नियुक्ति दी जा सकती हैं वहा प्रकरण बनाकर भेजा जाये। इस कार्य में किसी भी प्रकार का विलम्ब नहीं किया जाये। बैठक में कलेक्टर ने समीक्षा करते हुए पाया कि विभाग के एक कर्मचारी की मृत्यु के उपरांत उसके पुत्र देवेन्द्र कुमार बैरवा का अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र लम्बे समय से लम्बित है।

मुख्यालय पर नहीं तो वेतन भी नहीं

कलेक्टर ने बैठक में डॉक्टर, एएनएम एवं एमपीडब्ल्यु के मुख्यालय पर नहीं रहने पर वेतन आहरित नहीं करने संबंधित निर्देश सीएमएचओ को दिये। डॉक्टर वंदना खरे ने बताया कि उनके द्वारा वेतन ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के द्वारा प्रमाणिकरण प्रस्तुत करने पर ही आहरित किया जा रहा है। कलेक्टर ने निर्देशित किया हैं कि वे स्वयं भी जाकर निरीक्षण करे और जॉच करे। उन्होने हिदायत दी हैं कि यदि खण्ड चिकित्सा अधिकारी के द्वारा गलत तरीके से प्रमाणिकरण दिया जाता हैं तो संबंधित बी.एम.ओ. का वेतन भी आहरित नहीं किया जाये।

डॉ. अरूण गुप्ता के विरूध्द विभागीय जॉच के निर्देश

बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा जानकारी दी गई कि जावरा चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर अरूण गुप्ता के द्वारा अभी भी कार्य नहीं किया जा रहा है। कलेक्टर ने डॉक्टर गुप्ता के विरूध्द विभागीय जॉच के निर्देश दिये है। डॉक्टर खरे द्वारा बताया गया कि गुप्ता वरिष्ठ चिकित्सक हैं वे विभाग में 1989 से पदस्थ है। कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि यदि डॉक्टर गुप्ता कार्य करने के इच्छुक नहीं हैं तो ऐसे निष्क्रिय चिकित्सक का चिकित्सा संबंधी पंजीयन निरस्त किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाये।

शिकायत वापस लेने वालों के कारणों की होगी जॉच

कलेक्टर ने आज सहायक आयुक्त को गोकूलसिंह धार्वे के द्वारा की गई शिकायत को वापस लिये जाने संबंधी कारणों की जॉच करने के निर्देश दिये है। अध्यापक धार्वे के द्वारा पीटीआई लस्करी के विरूध्द रिश्वत खोरी करने व कर्मचारियों को प्रताड़ित करने संबंधित शिकायत की गई थी। बाद में धार्वे द्वारा शिकायत वापसी हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया। शिकायत वापस लिये जाने के संबंध में धार्वे को सहायक आयुक्त द्वारा कारण्ा बताओं सूचना पत्र भी जारी किया गया है।

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