जोखिम कम करने हेतु कार्य योजना के साथ पूर्व तैयारियाॅ भी रखे – कलेक्टर
आपदा प्रबंधन योजना उन्नयन के लिये बैठक आयोजित
रतलाम 18 नवम्बर (इ खबरटुडे)।कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा प्रबंधन योजना के उन्नयन और उसकी पूर्व तैयारियों के लिये बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने सभी विभागों के आला अधिकारियों को निर्देषित किया कि वे आपदाओं के आने एवं उसमें होने वाले नुकसान को कम करने के लिये विभागीय स्तर पर क्या-क्या कर सकते है, उसके लिये क्या पूर्व तैयारियाॅ की जा सकती है, तैयारियाॅ किये जाने में किन-किन संसाधनों की आवष्यकता हो सकती हैं, संसाधनों की पूर्ति के लिये किस प्रकार की कार्यवाही की आवष्यकता है।
इन सभी तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए कार्य योजना बनाये। कार्य योजना को मूर्त रूप देने के लिये आवष्यक प्रबंध करे जिससे कि आपदा के समय तुरंत प्रभावी कार्यवाही की जाकर उसके कारण होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सकें।
कलेक्टर ने आपदा प्रबंधन योजना के उन्नयन के लिये आवष्यक तथ्यात्मक जानकारी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सात दिन में उपलब्ध कराने के निर्देष सभी विभागों को दिये। आपदा के समय त्वरित समुचित कार्यवाही के लिये नियंत्रण व्यवस्था को दुरूस्थ करने के लिये प्रषासकीय मषीनरी अंतर्गत कार्य करने वाले अमले को प्रषिक्षित किये जाने हेतु भी आवष्यक प्रबंध करने के निर्देष कलेक्टर द्वारा दिये गये। उन्होने कहा कि आपदा की स्थिति मंे संबंधित विभागांे के अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जायेगी। जनधन हानि की स्थिति में ऐसे अधिकारियों जिनकी लापरवाही के कारण आपदा जैसी स्थिति निर्मित होती है, उन्हें कठोरतम दण्ड भी दिया जायेगा ताकि अन्य अधिकारियों को सबक भी मिले और बाकी अधिकारियों में संवेदनषीलता भी जागृत हो। बैठक में जिले में नलकूप खनन के लिये किये गये बोरवेल में पानी नहीं निकलने की स्थिति में उन गड्डो को खुला छोड़ दिया जाना, सड़कों के किनारे बड़े-बड़े गड्डे होना, सड़क निर्माण में शोल्डरों का उचित प्रकार से निर्मित न होना, समुचित निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण के अभाव में आगजनी की घटनाओं का होना, जीर्णषीर्ण भवनों का अचानक गिर जाना जैसी विभिन्न घटनाआंे को दृष्टिगत रखते हुए आपदा प्रबंधन हेतु कार्य योजना बनाने के निर्देष दिये गयें।
पुलिस अधीक्षक अविनाष शर्मा ने आपदा के समय संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा त्वरित रिस्पोंस नहीं मिलने पर जोखिम को कम करने में होने वाली दिक्कतों को भविष्य में दूर किये जाने संबंधी आवष्यक प्रबंध करने हेतु कहा गया। उन्होने कहा कि भविष्य के लिये कार्य योजनान्तर्गत सभी विभागों को बेहतर तरीके से तैयारियाॅ करनी चाहिए ताकि कम समय में बेहतर रिस्पोंड कर हानि को न्यूनतम किया जा सकें। इसके पूर्व आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सलाहकार अभिषेक द्वारा पावर पाईंट प्रजेंटेषन दिया जाकर जिला आपदा प्रबंधन योजना के स्वरूप, मुख्य लक्ष्य, जिले में सम्भावित खतरे, आपदा
प्रबंधन योजना का विवरण, विभागवार प्रमुख जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया।
होमगार्ड विभाग को दो लाख रूपये प्रदान करने के निर्देष
बैठक में कलेक्टर ने जिला होम गार्ड विभाग को आपदा प्रबंधन के लिये अत्यावष्यक उपकरणों की खरीदी व अन्य कार्यो हेतु तत्काल दो लाख रूपये प्रदाय करने के निर्देष प्रभारी अधीक्षक भू-अभिलेख को दिये। उन्होने कहा कि उक्त राषि से आपदा प्रबंधन हेतु जिन उपकरणों की आवष्यकता हैं उनकी खरीदी तत्काल किया जाना सुनिष्चित करें। बैठक में एडीएम डाॅ. कैलाष बुन्देला, नगर निगम आयुक्त एस.के.सिंह., डिप्टी कलेक्टर अनिल भाना, होमगार्ड कम्पाडेंट राजेन्द्रसिंह खिची, परियोजना अधिकारी शहरी अभिकरण एस.कुमार, कार्यपालन यंत्री पीएचई के.पी.वर्मा, कार्यपालन यंत्री विद्युत मण्डल शहर दधीची रेवड़िया, लोक निर्माण विभाग, सड़क विकास, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग, ऊर्जा विकास व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।