November 8, 2024

जैविक खेती में 40 प्रतिशत से अधिक उत्पादन करने वाला राज्य बना मध्य प्रदेश

प्रदेश में कृषि उत्पादन में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज

भोपाल,31 दिसम्बर(इ खबरटुडे)।प्रदेश में इस बार कृषि उत्पादन में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। इस वर्ष 4.50 करोड़ मीट्रिक टन कृषि उत्पादन हुआ है, जो गत वर्ष 3.60 करोड़ मीट्रिक टन था। खाद्यान्न उत्पादन में भी 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले वर्ष 2.22 करोड़ मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ था, जो इस वर्ष बढ़कर3.21 करोड़ मीट्रिक टन हुआ ।

किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने एक वर्ष में हुए कार्यों का ब्यौरा देते हुए बताया कि दलहन में 20 प्रतिशत अधिक उत्पादन हुआ है। गत वर्ष 38.20 लाख मीट्रिक टन दलहन का उत्पादन हुआ था, जबकि इस वर्ष 47.48 मीट्रिक टन हुआ है। इसी तरह तिलहन उत्पादन में लगभग एक लाख मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। गेहूँ एवं धान उत्पादन में 5 प्रतिशत, मक्का में 10 और सरसों के उत्पादन में 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।
प्रदेश में जैविक खेती का क्षेत्रफल 1.60 लाख हेक्टेयर था, जो इस वर्ष बढ़कर 17.58 लाख हेक्टेयर हो गया है। यह लगभग 10 गुना है। मध्यप्रदेश जैविक खेती के उत्पादन का 40 प्रतिशत से अधिक उत्पादन करने वाला राज्य है। इसी तरह पम्प पॉवर इस वर्ष 1.36 किलोवॉट प्रति हेक्टेयर हो गया है। धान का अधिकतम उत्पादन लेने के लिये इस बार एसआरआई पद्धति से 5.48 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई करवायी गयी है। किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर 20 हजार कोनोवीडर एवं 10 हजार मार्कर वितरित किये गये।
प्रदेश में तीसरी फसल के क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है। इस वर्ष करीब 3 लाख हेक्टेयर में तीसरी फसल का उत्पादन किया गया। बुंदेलखण्ड में 2 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को कतार बोनी में लाया गया। बीज प्रतिस्थापन की दर में 27 प्रतिशत से ज्यदा वृद्धि दर्ज हुई।
श्री बिसेन ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में 36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रिज एण्ड फरो पद्धति से सोयाबीन की बोनी की गयी। साठ हजार हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई हलधर योजना में करवायी गयी है। यंत्र-दूत योजना में 200 ग्राम को विकसित किया गया। निजी क्षेत्र में 730 कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की गयी है और 510 नवीन कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना हो रही है। इसमें अधिकतम 10 लाख रुपये की अनुदान राशि दी गयी है। उन्होंने बताया कि कृषकों को सामयिक सलाह देने के लिये 992 लाख एसएमएस किये गये।
कृषकों को जागरूक बनाने और खेती-किसानी के उपकरण वितरित करने के लिये 25 मई से 15 जून तक कृषि महोत्सव मनाया गया। इस दौरान सभी विकासखण्ड में किसान रथ-यात्राएँ निकाली गयीं, विशेष शिविर लगे, कृषि संगोष्ठी, राज्य-स्तरीय किसान मेले और प्रदर्शनी लगायी गयी। महोत्सव में ढाई लाख से ज्यादा कृषि किट, पौने सात लाख उद्यानिकी किट का वितरण किया गया। विशेष शिविर लगाकर ढाई लाख पशु का टीकाकरण, 900 नयी दुग्ध उत्पादक समिति का गठन, करीब 3 लाख किसान क्रेडिट-कार्ड का वितरण और करीब 90 लाख खाता-खतौनी और एक लाख 40 हजार ऋण-पुस्तिका का वितरण किया गया।
 उद्यानिकी और वानिकी के 50 हजार पौधों का सशुल्क वितरण किया गया और 47 हजार खेत में स्थायी पम्प कनेक्शन का लाभ कृषकों को दिया गया। महोत्सव में आँगनवाड़ी में विशेष आहार के लिये किसानों ने 5049 क्विंटल अनाज दान में दिया।

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