November 18, 2024

जेटली के बजट को सेंसेक्स ने दी 300 अंकों की सलामी, निफ्टी भी 85 अंक भागा

मुंबई, 01 फरवरी (इ खबर टुडे)। वित्त मंत्री अरुण जेटली के वार्षिक बजट स्पीच के इंतजार में जहां भारतीय शेयर बाजार ने सुबह सपाट कारोबार की शुरुआत की वहीं बजट स्पीच शुरू होते ही बाजार मजबूत होने लगा. स्पीच खत्म होते-होते सेंसेक्स 300 अंकों से अधिक की उछाल के साथ कारोबार करने लगा.अरुण जेटली की स्पीच खत्म होने के साथ ही बीएसई प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 314 अंकों की उछाल के साथ 1 फीसदी से अधिक बढ़त बनाने में कामयाब रहा. वहीं एनएसई प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी एक फीसदी से अधिक की उछाल के साथ 84 अंक बढ़कर कारोबार कर रहा है.

दिन के कारोबार में वित्त मंत्री की घोषणाओं के साथ रियल एस्टेट सेक्टर, फाइनेंस और बैंकिंग सेक्टर की कंपनियों के शेयर में खास उत्साह देखने को मिला. वहीं इस दौरान टेक्नोलॉजी, आईटी और फार्मा कंपनियों के शेयर में गिरावट दर्ज हुई.

इससे पहले शेयर बाजार ने दिन के कारोबार की शुरुआत इस संभावना के साथ की कि संसद में बजट प्रक्रिया को एक दिन के लिए टाला जा सकता है. बीएसई का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स जहां एक दिन पहले पेश हुए आर्थिक सर्वे और अमेरिका में एच1बी वीजा की खबरों के बीच लगभग 194 अंक गिरकर बंद हुआ वहीं बुधवार सेंसेक्स ने मजबूत शुरुआत करते हुए हरे निशान में दिन के कारोबार को शुरू किया.

वित्त मंत्री की बजट स्पीच से पहले शेयर बाजार सतर्क रहते हुए कारोबार कर रहा है. हरे निशान में दिन के कारोबार की शुरुआत करने के बाद पहले घंटे के दौरान बीएसई सेंसेक्स 13 अंकों की उछाल के साथ 27,669 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं एनएसई का बेंचमार्क इंचेक्स निफ्टी 4 अंको की उछाल के साथ 8,565 के स्तर पर कारोबार कर रहा है.

वहीं मंगलवार को शेयर बाजार की चाल पर डोनाल्ड ट्रंप हावी रहा. अमेरिका में एच1बी वीजा कानून में संशोधन की संभावनाओं के बीच देश की आईटी कंपनियों के शेयर्स में जोरदार गिरावट देखने को मिली. भारत की आईटी कंपनियों ने कहा कि ट्रंप द्वारा इस वीजा में न्यूनतम सैलरी को बढ़ाने के प्रस्ताव से उसके घरेलू बाजार में टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग क्षेत्र में वर्कफोर्स शॉर्टेज की समस्या से राहत नहीं मिलेगी.

गौरतलब है कि भारत की 150 बिलियन डॉलर आईटी इंडस्ट्री में टाटा कंसल्टेंसी, विप्रो और इंफोसिस जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज हुई. इन कंपनियों को उम्मीद है कि मोदी सरकार अमेरिका को आईटी क्षेत्र में ऐसे कठोर कदम उठाने से रोकने का प्रयास करेगी.

वहीं शेयर बाजार के लिए मंगलवार का दिन आर्थिक सर्वेक्षण के लिहाज से भी अच्छा नहीं रहा. सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था के सामने नोटबंदी के ऑफ्टर इफेक्ट, महंगा होता क्रूड ऑयल और वैश्विक व्यापार में बदलाव की संभावनाओं के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर संकट है. लिहाजा, शेयर बाजार को उम्मीद है कि मोदी सरकार अपने इस अहम बजट में इन सभी क्षेत्रों में अहम घोषणाएं करे जिससे घरेलू बाजार सुरक्षित और मजबूत रहे वहीं देश में ग्रोथ को नया इंधन मिले.

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