December 25, 2024

जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक में बड़ी राहत : सैनिटरी नैपकिन, राखी पर नहीं लगेगा GST, टीवी फ्रिज कूलर समेत कई चीजें सस्ती

gst meeting

नई दिल्‍ली, 21 जुलाई(इ खबरटुडे)।  जीएसटी काउंसिल की शनिवार को हुई 28 वीं बैठक में सैनिटरी नैपकिन को जीएसटी से बाहर करने का फैसला हुआ है। अब सैनिट्री नैपकिन पर जीएसटी की दर को शून्य कर दिया गया है। बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री का कार्यभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने की। बैठक बाद में वित्तमंत्री ने ट्वीट कर जानकारी दी कि बैठक में देश की 125 करोड़ की आबादी की सुविधाओं को देखते हुए फैसले लिए गए हैं। साथ ही पारदर्शिता बरतने की कोशिश की गई है। बैठक में तकरीबन 35 से ज्यादा उत्पादों पर जीएसटी रेट घटाए गए हैं।

छोटे शिल्पकारों के उत्पादों पर भी जीएसटी घटाकर शून्य फीसदी कर दिया गया है। मार्बल, लकड़ी के उत्पाद, राखी, दोना, झाड़ू आदि पर जीएसटी शून्य फीसदी कर दिया गया है। वहीं हैंडलूम की दरी, 1000 रुपये से कम की टोपी पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। इसके साथ ही 25 इंच तक का रंगीन टीवी अब सस्ता हो जाएगा। इस पर जीएसटी अब 28 से घटाकर 18 फीसदी किया गया है। वहीं किसानों के इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर, लीथियम आयन बैट्री, वैक्यूम क्लीनर, ग्राउंड, जूसर, शेवर, वाटर हीटर, इलेक्ट्रिक आयरन पर भी जीएसटी घटाया गया है। वहीं पेंट, वार्निश, फ्रिज, वाटर कूलर, आइसक्रीम फ्रीजर, टॉयलेट क्लीनर आदि पर भी जीएसटी कम किया गया है।

वहीं बांस फ्लोरिंग से बनी चीजें पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी पर लाया गया है। इथेनॉल तेल कंपनियों को बेचा जाने पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 फीसदी किया गया है। अब 1000 रुपये तक के फुटवियर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा, पहले यह सीमा 500 रुपये ही थी।

लंबे समय से हो रही थी मांग
सैनिट्री नैपकिन पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने का भारी विरोध हो रहा था। सैनिट्री नैपकिन पर जीएसटी हटना महिलाओं के लिए बेहद बड़ी राहत की बात है। कई महिला संगठन काफी समय से सैनिट्री नैपकिन पर जीएसटी घटाने या कम करने की मांग कर रहे थे।

रिटर्न प्रक्रिया में बड़ा बदलाव
अब पांच करोड़ तक से टर्नओवर का टैक्स हर महीने जमा होगा, लेकिन रिटर्न 3 महीने में 1 बार देना होगा। इससे देशके  93% कारोबारियों को फायदा होगा। वहीं सरकार ने रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म सितंबर 2019 तक के लिए स्थगित कर दिया है। साथही एक्जंप्शन लिमिट 10 से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है।

कोई टैक्स देने वाला चाहे तो एक से ज्यादा रजिस्ट्रेशन एक राज्य में ले सकते हैं लेकिन टर्नओवर एक साथ जोड़ा जाएगा। ई-कॉमर्स कारोबारियों को रजिस्ट्रेशन लेना होगा जहां उनपर टैक्स बनता है। रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने के लिए अब जिस दिन आवेदन करेंगे उसी दिन से रिटर्न की प्रक्रिया बंद हो जाएगी। पहले कारोबारियों को रिटर्न भरते रहना होता था।
ट्रांसपोर्ट सेक्टर में राहत
वाहनों के आरएफआईडी टैग को जीएसटीआई नेटवर्क से कनेक्ट किया जाएगा। ताकि इन वाहनों को दिक्कत न हो।

जीएसटी रेट में पहले भी हो चुके दो बड़े बदलाव

नवंबर 2017 की बैठक में 213 सामानों को अधिकतम 28% जीएसटी स्लैब से निकालकर 18% के स्लैब में शामिल किया. 5% जीएसटी के दायरे में शामिल 6 सामानों पर टैक्स खत्म कर दिया. फाइव स्टार होटल के रेस्त्रां को छोड़कर बाकी होटलों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया गया. जनवरी 2018 में 54 सेवाओं और 29 वस्तुओं पर टैक्स कम किया.

बता दें कि 2017-18 में जीएसटी से 7.41 लाख करोड़ रुपये आए थे. औसत मासिक कलेक्शन 89,885 करोड़ था. इस साल अप्रैल में कलेक्शन रिकॉर्ड 1.03 लाख करोड़ पहुंच गया था, लेकिन मई में घटकर 94,016 करोड़ और जून में 95,610 करोड़ रुपये पर आ गया.

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