जिला चिकित्सालय में दो दर्जन विशेषज्ञ उपलब्ध लेकिन मरीजों को नहीं मिल रहा कोई फायदा
रतलाम,5 मई (इ खबरटुडे)। शहर में शुरु होने जा रहे मेडीकल कालेज के लिए नियुक्त किए गए लगभग दो दर्जन विशेषज्ञ चिकित्सक रतलाम में है,लेकिन जिला चिकित्सालय प्रशासन की हठधर्मिता के कारण सामान्य मरीजों को इन विशेषज्ञों की सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। नए आए विशेषज्ञों को जिला चिकित्सालय में सेवा देने में कई सारी अडचने पैदा की जा रही है,जिससे कि वे सेवाएं न दे सके।
रतलाम में बन रहे शासकीय मेडीकल कालेज के लिए राज्य शासन द्वारा प्राध्यापकों की नियुक्तियां की जा चुकी है। इन में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ शामिल है। मेडीकल कालेज के शुरु होने तक इन सभी विशेषज्ञों की सेवाएं जिला चिकित्सालय में लिए जाने का निर्णय शासन द्वारा किया गया था,ताकि जिला चिकित्सालय के मरीजों को इसका लाभ मिल सके। इसी के चलते मेडीकल कालेज में नियुक्त हुए सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों ने जिला चिकित्सालय में ड्ूटी करना प्रारंभ भी कर दिया था। लेकिन जिला चिकित्सालय प्रशासन और जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों के असहयोगपूर्ण रवैये के कारण ये सभी विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं देने में असमर्थ हो रहे है।
मेडीकल कालेज के सूत्रों के मुताबिक मेडीकल कालेज के लिए तीन एमडी मेडीसिन,तीन एमएस,तीन इएनटी एक्सपर्ट,शिशु रोग विशेषज्ञ,ीरोग विशेषज्ञ,अस्थिरोग विशेषज्ञ आदि ड्यूटी जाइन कर चुके है। इन सभी को जिला चिकित्सालय में नियुक्त किया गया है। जिला चिकित्सालय में नियुक्ति के बाद सभी विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय में जाने लगे थे,लेकिन जिला चिकित्सालय प्रशासन ने ड्यूटी रोस्टर इस तरह बनाया कि ये विशेषज्ञ काम ही नहीं कर पाए।
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक इन विशेषज्ञ चिकित्सकों को छ: दिन में से केवल एक ही दिन रोस्टर में रखा गया। इतना ही नहीं,जगह की कमी बताकर इन विशेषज्ञों को आज तक कक्ष भी नहीं दिए गए है,जहां कि वे मरीजों को देख सके। इसका नतीजा यह हुआ कि प्रारंभ में तो ये विशेषज्ञ चिकित्सक जिला अस्पताल में आए,लेकिन कुछ ही समय बाद सभी विशेषज्ञ नदारद हो गए।
ऐसा नहीं है कि जिला चिकित्सालय में स्थान की कमी है। नई एमसीएच यूनिट बन जाने के बाद पुरानी एमसीएच यूनिट की बिल्डिंग खाली हो चुकी है। इस भवन में नए विशेषज्ञों के लिए व्यवस्था की जा सकती है। कुछ विशेषज्ञों ने इस स्थान का सुझाव भी दिया था,लेकिन जिला चिकित्सालय प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अब स्थिति यह है कि अगर कोई विशेषज्ञ चिकित्सक जिला चिकित्सालय में आता भी है,तो उसके बैठने तक के लिए स्थान नहीं दिया जाता। ऐसे में कोई भी विशेषज्ञ सेवाएं कैसे देगा?
एमसीआई के हाल के निरीक्षण के बाद अब मेडीकल कालेज के शुरु होने में विलम्ब बढ सकता है और हो सकता है कि अब मेडीकल कालेज अगले सत्र में शुरु हो। इस तरह लगभग सवा डेढ साल तक मेडीकल कालेज के विशेषज्ञ चिकित्सक जिला चिकित्सालय के लिए उपलब्ध है। लेकिन अस्पताल से जुडे सूत्रों का कहना है कि स्थानीय चिकित्सकों को मेडीकल कालेज के विशेषज्ञों के आने से व्यावसायिक संकट नजर आने लगा है। इसी कारण से इन एसोसिएट प्रोफेसर्स की विशेषज्ञता का लाभ शहर के मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। जरुरी है कि अस्पताल प्रशासन बेकार समय काट कर रहे इन विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाओं का पूरा उपयोग करें और शहर के मरीजों को इनकी सेवाओं का लाभ दिलवाएं।