जमीन प्राधिकरण की, लाखों कमा रहा अतिक्रामक
-मालनवासा में करीब 50 बीघा जमीन फाड़ी, अतिक्रमण कर खेती की जा रही
उज्जैन 01 जनवरी (इ खबरटुडे)। उज्जैन विकास प्राधिकरण की सम्पत्ति पर अतिक्रमण के छोटे मोटे मामले सामने आते रहे है। अतिक्रामकों से सम्पत्ति मुक्त कराने में प्राधिकरण को पसीने छूट रहे है। मालनवासा क्षेत्र में प्राधिकरण की जमीन पर अतिक्रमणकर्ता फसल उत्पादन कर लाखों रुपये कमा रहा है। प्राधिकरण इस मामले से अभी तो सिरे से अंजान बना हुआ है। करीब 50 बीघा जमीन पर अतिक्रमण की स्थिति बताई जा रही है।
उज्जैन विकास प्राधिकरण ग्राम मालनवासा अंतर्गत क्षिप्रा विहार योजना को अंजाम दे रहा है। प्राधिकरण ने तमाम प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए, मालनवासा ग्राम पंचायत अंतर्गत सैकड़ों बीघा जमीन का अपनी योजना के लिए अधिग्रहण करते हुए मुआवजा चुकता किया है।
मालनवासा में पंचक्रोशी मार्ग क्षिप्रा विहार से लगी हुई करीब 50बीघा जमीन पर जो कि विकास प्राधिकरण ने किसी समय कृषक से अधिग्रहित की थी। इस जमीन पर अतिक्रमण हो चुका है। सूत्रों का कहना है कि अतिक्रमण का यह दूसरा साल है, जब कि गेहूँ और अन्य फसल यहां बोवनी कर पैदा की जा रही है। अतिक्रमणकर्ता ने करीब 50 बीघा जमीन को ट्रेक्टर से जोतकर यहां फसल बोवनी की है। वर्तमान में यहां गेहँ की फसल खड़ी हुई है।
दुकानें भी बनाई जा रही
सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि मालनवासा गांव स्थित जमीन पर अतिक्रमण करते हुए फसल पैदा की जा रही है, वह तो है ही, उसके साथ ही स्थायी अतिक्रमण के लिए दुकानें भी निर्माण की जा रही है। करीब पौन दर्जन दुकानों का निर्माण यहां किया जा रहा है।
मल्टी के नजदीक ही इस जमीन को लेकर प्राधिकरण को सूध तक नहीं है। सूत्रों का कहना है कि अतिक्रमणकर्ता पूर्व में भी एक मंदिर की जमीन पर कालोनी काट चुका है। प्रशासन आदेश के बावजूद कालोनी के मामले में आजतक कार्यवाही नहीं कर पाया है। आदेश निकले वर्षों होने के बावजूद इस मामले में प्रशासन कदम बढ़ाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।
एक बीघा में 6 क्विंटल गेहूँ
सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में एक बीघा जमीन पर करीब 6 क्विंटल गेहूँ का उत्पादन लिया जाता है। इस मान से करीब 50 बीघा जमीन पर 300 क्विंटल गेहूँ का उत्पादन हो सकता है। गेहूँ का मण्डी में न्यूनतम मूल्य 1100 से 1400 सौ रुपये है। ऐसे में 300 क्विंटल गेहूँ अगर 1200 रूपये प्रति क्विंटल के मान से भी जोड़ा जाए तो 3 लाख 60 हजार रुपये की आय अतिक्रमणकर्ता कर रहा है।