May 18, 2024

जनता के सहयोग से संभव है परिवर्तन – प्रभारी मंत्री

प्रभारी मंत्री  सरताजसिंह व जन अभियान परिषद उपाध्यक्ष प्रदीप पाण्डे ने अमृत सागर तालाब में किया श्रमदान

रतलाम 9 जून (इ खबरटुडे)। अमृत सागर तालाब की जलकुम्भी हटाने के लिए जन भागीदारी के तहत विगत 17 मई से चल रहे अभियान के अंतर्गत आज जिला प्रभारी एवं प्रदेश के वन मंत्री सरताज सिंह व जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय ने भी जलकुम्भी हटाने के लिए श्रमदान किया। प्रभारी मंत्री श्री सिंह ने उपस्थित जनाें को अपने वार्ड,शहर व जिले के पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प भी दिलवाया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यम को संबोधित करते हुए उन्हाेंने कहा कि जनता के सहयोग से परिवर्तन लाया जा सकता है। इसका उदाहरण रतलाम के अमृत सागर तालाब से मिल रहा है। उन्हाेंने जलकुम्भी हटाने में सहयोग कर रही संस्थाआें एवं आम जनता की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज में जागरूकता आने से अनेक कार्यों को पूरा कराया जा सकता है। उन्हाेंने कहा कि सरकार के पास सीमित संसाधन एवं राशि होती है इससे जनता की समस्त अपेक्षाआें की पूर्ति नहीं की जा सकती है। इसलिए जनता को भी विकास के काम में अपनी भागीदारी देना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि मानव के कारण ही पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है और वर्षा में निरन्तर कमी आ रही है। वर्षा में निरन्तर कमी का कारण हरे वृक्षाें की कटाई भी है। अतएव आमजन को चाहिए कि वे पेड़ाें की सुरक्षा करें और नए पौधे लगाकर उन्हें वृक्ष बनाएं। मध्यप्रदेश में मेढ़ाें पर वृक्ष लगाने के लिए योजना बनाई गई है।

मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप पाण्डे ने संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्रीजी की स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने की कल्पना को साकार करने के लिए हम सबको मिलकर कार्य करना होगा। पर्यावरण की स्थिति निरन्तर बिग़ड रही है। अमृत सागर तालाब में जन अभियान परिषद के तत्वावधान में विगत 24 दिनाें से सामाजिक संस्थाआें एवं नागरिकाें द्वारा किए जा रहे जलकुम्भी हटाने के कार्य ने तालाब की तस्वीर बदल दी है। इसके लिए सभी संस्थाएं एवं नागरिक बधाई के पात्र है। उन्हाेंने बताया कि जन अभियान परिषद ने 7 हजार गांवाें में जल को लेकर समाज के साथ मिलकर काम किया है। पूर्व विधायक डा.राजेन्द्र पाण्डे ने संबोधित करते हुए कहा कि पुराने समय में पेयजल एवं अन्य व्यवस्थाआें के साथ दीर्घकालीन योजना बनाकर ही नगर बसाए जाते थे। पुराने समय की जल संरचनाआें का अब संरक्षण आवश्यक हो गया है। जल संरचनाएं उपेक्षा के कारण ही प्रदूषित हो रही है। रतलाम नगर के अमृत सागर में जन सहयोग से जलकुम्भी निकालने का काम प्रेरणादायक एवं अनुकरणीय है। महापौर शैलेन्द्र डागा ने संबोधित करते हुए कहा कि अमृत सागर तालाब के प्रदूषित होने का मुख्य कारण इसमें मिल रहा गंदा पानी है। नगर निगम सीमित संसाधनाें के चलते अमृत सागर तालाब को पूरी तरह से प्रदूषणमुक्त नहीं करा पा रहा है। इस तालाब को प्रदूषणमुक्त करने एवं सौन्दर्यीकरण के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। उन्हाेंने नगर की संस्थाआें से अनुरोध किया कि वे तालाब की साफ-सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी लेवे। नगर निगम से उन्हें 10-15 कर्मचारी उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्हाेंने बताया कि अमृत सागर बगीचे के सौन्दर्यीकरण के लिए भी रूपरेखा तैयार की जा रही है। अमृत सागर तालाब जलकुम्भी सफाई के लिए सहयोग कर रही संस्थाआें की ओर से अशोक चौटाला ने कहा कि विगत 17 मई से तालाब की जलकुम्भी सफाई का कार्य चल रहा है। विगत 24 दिनाें में लगभग 75 संस्थाआें एवं 2800 व्यक्तियाें ने श्रमदान कर जलकुम्भी हटाने में सहायता की है।

इस मौके पर प्रभारी मंत्री सरताज सिंह ने अमृत सागर बगीचे में बादाम के पौधे का रोपण भी किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय पार्षदाें सहित जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनिता राजमल जैन, कलेक्टर राजेन्द्र शर्मा,पुलिस अधीक्षक डा.रमनसिंह सिकरवार, नगर निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया,मुख्य कार्यपालन अधिकारी अर्जुनसिंह डावर, राजेश राका, जन अभियान परिषद जिला उपाध्यक्ष अभय कोठारी,जिला समन्वयक दीपक जगताप संभाग समन्वयक वरुण आचार्य भी मौजूद थे।

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