November 15, 2024

छोटे अधिकारी नाराज कर रहे संतों को, बड़े मांग रहे क्षमा

उज्जैन,14फरवरी(इ खबरटुडे)।अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय व कोई सुस्पष्ट दृष्टिकोण न होने से साधु-संतों के बीच कई प्रकार की नाराजगी भी पनप रही है। बड़े अधिकारियों के दबाव के आगे छोटे अधिकारी संतों को सही जानकारी भी नहीं दे रहे हैं। ऐसी स्थितियों में साधु-संत व्यवस्थाओं के प्रति असंतोष जाहिर कर उखड़ भी रहे हैं।

नाराजगी के बाद निर्मल अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव से मिलने पहुंचे मेलाधिकारी
यही स्थिति निर्मल अखाड़ा में भी देखने को मिली जब राष्ट्रीय सचिव महंत बलवंतसिंह आये तो उन्होंने निर्मल अखाड़ा में आधे-अधूरे व विलम्ब से हो रहे कार्यों पर पिछले दो दिनों में नाराजगी जाहिर की। शनिवार को सुबह मेलाधिकारी लवानिया खुद निर्मल अखाड़ा पहुंचे और महंतश्री को मनाया। अब निर्मल अखाड़ा में 32ङ्ग80 की भोजनशाला की पक्की छत का निर्माण भी प्रशासकीय मद से होगा जबकि पहले उपायुक्त मिश्रा सिर्फ टीन शेड डालने की बात कह रहे थे। वहीं अखाड़े में सत्संग हाल निर्माण में भी विलम्ब हो रहा है।
पहले भी अंकपात क्षेत्र में रामादल अखाड़ों की मंशा के विपरीत भूमि आवंटन विवाद गहराया था
श्री लवानिया ने महाराजश्री को आश्वस्त कराया कि भोजनशाला हाल की पक्की छत डालेंगे न कि टीन शेड लगायेंगे। वहीं सत्संग हाल निर्माण कार्य रविवार से अखाड़े में शुरु करवा दिया जावेगा। अधिकारियों के बीच असमन्वय का यह पहला मामला नहीं है जब छोटे अधिकारियों की गलती पर बड़े अधिकारियों को संतों को मनाने पहुंचना पड़ा हो। इससे पहले भी अंकपात क्षेत्र में रामादल अखाड़ों की मंशा के विपरीत भूमि आवंटन विवाद गहराया था तथा अखाड़ा परिषद प्रमुख महंत ज्ञानदास नाराज हो इंदौर रवाना हो गये थे। बाद में सिंहस्थ प्राधिकरण अध्यक्ष डॉ. नातू व मेला अधिकारी लवानिया को इंदौर जाकर महाराजश्री को मनाना पड़ा।

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