November 15, 2024

छात्र की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में मुख्य सचिव को भेजी

विक्रम विवि की अनियमितता की सीबीआई जाँच मांगी छात्र ने
पुनर्मूल्यांकन, पुनर्गणना को लेकर उठाये महत्वपूर्ण मुद्दे
उज्जैन,01अप्रैल(इ खबरटुडे)।विक्रम विश्वविद्यालय में हो रही वैधानिक प्रशासनिक वित्तीय अनियमितताओं की सीबीआई जाँच और म.प्र. के राज्यपाल को हटाने को लेकर एक छात्र ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।

 इस पत्र को प्रधानमंत्री कार्यालय से म.प्र. के मुख्य सचिव को भेजा गया है। शिकायतकर्ता छात्र को भी इससे सूचित किया गया है। छात्र अरुण चंद्रवंशी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए विश्वविद्यालयों पर राज्यपाल का नियंत्रण न होने संबंधी मुद्दे स्पष्ट किये थे। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया था कि किस तरह से विक्रम विश्वविद्यालय ने पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना में गड़बड़ हो रही है।
 एलएलएम में 46 में से 4 विद्यार्थियों को उत्तीर्ण
 छात्र ने स्पष्ट किया कि उसने पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना के तहत उत्तर पुस्तिकाओं का अवलोकन किया। उसे कम अंक दिये गये। उसके अनुसार म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्र. 75/सीसी/12/38 भोपाल दिनांक 16.1.12 के तहत उत्तर पुस्तिकाओं की जाँच विषय विशेषज्ञों से उसके समक्ष करवाई जाए, जिससे उसे न्याय प्राप्त हो सके। छात्र का आरोप है कि विश्वविद्यालय में हिन्दी माध्यम से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को मूल्यांकन में कम अंक प्रदान किये जाते हैं। भाषा के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। शिकायत में हालिया एलएलबी और एलएलएम के परिणाम को स्पष्ट करते हुए बताया गया कि एलएलबी में 100 अंक का प्रश्न-पत्र लिखने के बाद भी प्रश्नों के पूरे अंक नहीं दिये गये। एलएलएम में 46 में से 4 विद्यार्थियों को उत्तीर्ण किया गया।
इससे विश्व बैंक के म.प्र. सरकार के शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के कर्ज पर ही सवाल खड़ा हो रहा है। विश्वविद्यालय की प्रतिभाओं को पलायन किये जाने पर मजबूर किया जा रहा है। शिकायत में कुलपति की ज्वाइनिंग के बाद परीक्षा परिणाम कम होने जैसे मुद्दे भी रखे गये हैं। पुनर्मूल्यांकन में अंक बढऩे पर क्षति हुई उसकी राशि भी नहीं लौटाई जा रही है।
छात्र ने पुनर्मूल्यांकन, पुनरावलोकन, पुनर्गणना के पश्चात अंकों में वृद्धि को लेकर सवाल खड़े किये हैं। एसटीएफ के पत्र और संबंधित मुद्दों में जाँच का प्रश्न खड़ा किया है। पुनर्मूल्यांकन, पुनरावलोकन, पुनर्गणना के लिये छात्रों को वापस की गई राशि से संबंधित मुद्दे की जाँच एवं म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग के पत्र अनुसार कुलपति को असंतुष्ट छात्रों की अपील अंकों में वृद्धि पश्चात पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया को समाप्त किया जाने का मुद्दा भी उठाया है। शिकायत में छात्र ने अहम रूप से विश्वविद्यालय में परीक्षा विभाग एवं गोपनीय विभाग में सैकड़ों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की अस्थाई रूप से नियुक्तियां करने और इनमें से कई कर्मचारियों जो स्नातक और स्नातकोत्तर उत्तीर्ण नहीं हैं किन्तु विश्वविद्यालय के समस्त परीक्षा संबंधी कार्य कर रहे हैं, का मुद्दा भी खड़ा किया है।

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