September 29, 2024

साधिकार शतप्रतिषत चुनौती कक्ष में आवेदन करें

रतलाम 04 फरवरी(इ खबर टुडे)। कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने ऐसे समस्त हितग्राही जिनकों पात्रता के बाद भी लाभ नहंी मिला हैं उनसे साधिकार शतप्रतिषत चुनौती कक्ष में क्लेम करने के लिये आवेदन पत्र अथवा लिखित या मौखिक सूचना देने को कहा है ताकि उनको योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा सकें। 31 दिसम्बर 2016 की स्थिति में पात्रता रखने वाले प्रत्येक हितग्राही को लाभ दिया जाना हैं। पात्रताधारी हितग्राही यदि लाभान्वित नहीं हुआ हैं तो वह हितग्राही स्वयं या अन्य कोई व्यक्ति जो ऐसे सम्भावित पात्र हितग्राही के संबंध में चुनौती (क्लेम) प्रस्तुत करें।

चुनौती करने हेतु इसके लिये कलेक्टर कार्यालय और एसडीएम कार्यालय जावरा, आलोट एवं सैलाना में स्थापित किये गये ‘‘साधिकार-षतप्रतिषत-चुनौती कक्ष’’ में आकर मौखिक रूप से या लिखित में चुनौती प्रस्तुत कर सकते है। जिला मुख्यालय स्तर पर कलेक्टोरेट सभाकक्ष स्थापित किये गये चुनौती कक्ष में जिले का कोई भी व्यक्ति चुनौती प्रस्तुत कर सकता है।

टीकाकरण संबंधी चुनौतियों में किसी दस्तावेज की आवष्यकता नहीं
टीकाकरण संबंधी चुनौती हेतु चुनौतीकर्ता से किसी भी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत करने की या पूर्व मंे आवेदन पत्र दिये जाने की अपेेक्षा नहीं है। चुनौतीकर्ता को मात्र चुनौती आवेदन पत्र भरकर यह लिखना होगा बच्चा एक वर्ष से कम आयु का हैं एवं उसके कौन-सा टीका नहीं लगा है। इस प्रकार की चुनौती में संबंधित दायित्वाधीन शासकीय सेवक को एमसीपी कार्ड, टीकारण पंजी आदि रिकार्ड के आधार पर सिद्ध करना होगा कि चुनौतीकर्ता बच्चे को समय पर टीका लगाया गया था या टीका नहीं लगने की स्थिति में कारण दर्षाना होगा जो उसके नियंत्रण से बाहर का हो।

सूचना दाता के पास निर्धारित पहचान पत्र रहें
यदि चुनौती प्रस्तुत करने वाला व्यक्ति स्वयं सम्भावित पात्र हितग्राही नहीं हैं तो ऐसे पात्र व्यक्ति के समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करने होने एवं उसका स्वयं का फोटो पहचान पत्र (वोटर आई.डी., पेन कार्ड, आधार कार्ड आदि) भी प्रस्तुत करना होगा।
चुनौती देकर क्लेम प्राप्त करने की प्रक्रिया
लाभ नहीं मिलने पर हितग्राही या चुनौतीकर्ता को साधिकार शतप्रतिषत चुनौती कक्ष में आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन प्राप्त होने पर कक्ष में उपस्थित सहायक उस व्यक्ति को निर्धारित प्रारूप में अभिस्वीकृति हस्ताक्षर देगा। तत्पष्चात नस्ती प्रभारी अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जावेगी। प्रभारी अधिकारी आवेदन पर जवाब प्रस्तुत करेगे। ऐसा जवाब या आवष्यक होने पर अन्य परीक्षण/जाॅच कर प्रभारी अधिकारी निर्णय लेगे कि क्या चुनौती सिद्ध हुई हैं या नहीं। यदि चुनौती सिद्ध पाई जाती हैं तो संबंधित शासकीय सेवक/अधिकारी को भी चिन्हित करेगें जो इसके लिये उत्तरदायी हैं एवं जिनमें चुनौती राशि चुनौती देने वाले व्यक्ति को दी जानी है। इस आषय का स्पष्ट आदेष प्रभारी अधिकारी निर्धारित प्रारूप में जारी करेगे।

आदेष की प्रति तत्काल उस विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी को तामील कराई जावेगी। चुनौती प्राप्त होने के साथ कार्य दिवसों के भीतर प्रभारी अधिकारी द्वारा आदेष पारित करना अनिवार्य होगा। साथ ही यदि चुनौती सिद्ध होती हैं तो एक सप्ताह के भीतर ही पात्र व्यक्ति को आवष्यक लाभ/स्वीकृत दी जावेगी। यह सुनिष्चित करने का दायित्व संबंधित विभाग के जिला स्तरीय प्रमुख अधिकारी का होगा। चुनौती सिद्ध होने का आदेष प्राप्त होने पर संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी तीन कार्य दिवसों के भीतर संबंधित व्यक्ति को रूपये पाॅच सौ का ‘‘लाभ लंबित मुआवजा राषि’’ चिन्हित दायित्वाधीन शासकीय सेवक से नगद में या इलेक्ट्रानिक ट्रांसफर के माध्यम से प्रदाय करना सुनिष्चित करेगे। ‘‘लाभ लंबित मुआवजा राषि’’ के भुगतान एवं संबंधित व्यक्ति को लाभ/स्वीकृति दिये जाने का पालन प्रतिवेदन निर्धारित प्रारूप मे प्रभारी अधिकारी को आदेष पारित होने के एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करेगे। अनुविभागीय स्तर की चुनौती कक्ष हेतु प्रभारी अधिकारी संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रहेगे।

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