गृह मंत्रालय ने उठाया बड़ा कदम :मंगलवार से शुरू होगी भारत-बांग्लादेश सीमा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी,
नई दिल्ली,04मार्च(इ खबरटुडे)। असम में भारत-बांग्लादेश सीमा पर मंगलवार से इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस शुरू किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि घुसपैठ, हथियारों, गोला-बारूद, ड्रग्स और मवेशियों की तस्करी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। नदी के क्षेत्र वाले इस इलाके में पूरी तरह बाड़ नहीं लगाई जा सकती है, लिहाजा यह घुसपैठ के लिए काफी इस्तेमाल किया जाता है।
“स्मार्ट फेंसिंग” का संचालन असम के धुबरी जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 61 किलोमीटर के नदी खंड में किया जाएगा, जहां ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में प्रवेश करती है। कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (CIBMS) के तहत बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिकली डॉमिनेटेड QRT इंटरसेप्शन टेक्नोलॉजी (BOLD-QIT) नाम के इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह भारत-बांग्लादेश सीमा को में उस क्षेत्र को कवर करेगा, जिसमें “चार” (रेत के द्वीप) और असंख्य नदी चैनल शामिल हैं। यह सीमा की सुरक्षा को एक चुनौतीपूर्ण कार्य बनाता है, खासकर बारिश के मौसम के दौरान।
इस समस्या को दूर करने के लिए गृह मंत्रालय ने 2017 में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों की तैनाती के अलावा एक तकनीकी समाधान को लगाने का फैसला किया था। जनवरी 2018 में बीएसएफ की सूचना और प्रौद्योगिकी विंग ने BOLD-QIT को प्रोजेक्ट किया और इसे विभिन्न निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं की तकनीकी मदद के साथ रिकॉर्ड समय में पूरा किया।
यह सिस्टम कई सेंसर्स की मदद से ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के अनियंत्रित क्षेत्र में भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा मजबूत करेगा। बयान में कहा गया है कि अब पूरी ब्रह्मपुत्र नदी को माइक्रोवेव कम्युनिकेशन, ओएफसी केबल्स, डीएमआर कम्युनिकेशन, डे और नाइट सर्विलांस कैमरों और घुसपैठ का पता लगाने वाले सिस्टम से लैस किया गया है।
इन आधुनिक गैजेटेस से बीएसएफ नियंत्रण कक्ष को सीमा पर होने वाली हलचल की लाइव फीड मिलेगी। इससे अर्धसैनिक बल की क्विक रिएक्शन टीन सीमा पार करने वाले अवैध घुसपैठियों और अपराधों की किसी भी घटना को समय पर विफल कर सकेंगे।