November 9, 2024

गांव के ही दो युवकों ने मारा : कार्तिक अपहरण-हत्‍याकांड

 पिता बोले-आईएम सॉरी बेटा…हम समय पर आपके लिए पैसे नहीं जुटा पाए
इंदौर 04 दिसम्बर(इ खबरटुडे)।मेडिकल स्‍टोर संचालक के बेटे कार्तिक की मौत की सूचना डकाच्‍या पहुंची तो सन्‍नाटा छा गया। कार्तिक को गांव के ही दो युवकों ने मारा है, इस पर कोई यकीन नहीं कर रहा। गुरुवार की शाम कार्तिक मिश्रा के पिता अशोक मिश्रा व चाचा महेश्वर के शासकीय अस्पताल पहुंचे। यहां अपने बेटे के शव से लिपटकर पिता अशोक बिलख पड़े। उन्होंने कहा कि आईएम सॉरी बेटा, हम समय पर आपके लिए पैसे नहीं जुटा पाए।

चला गया हमारा दोस्त…
कार्तिक की मां को जब पति अशोक मिश्रा ने हत्या की खबर फोन पर बताई तो वह सुध-बुध खो बैठी। घर के बाहर आकर रोने लगी। रिश्तेदारों और आस-पड़ोसियों ने जैसे-तैसे उन्हें संभाला और भीतर ले गए। कार्तिक गांव के ही एक निजी स्कूल में पढ़ता था। उसके साथ पढ़ने वाले दोस्त भी शाम को हत्या के बाद घर पहुंचे। वे भी दुखी थे। उन्होंने कहा कि हमारा दोस्त चला गया। बड़ा हंसमुख था और मस्ती भी खूब करता था। हमारी क्लास में अब उसकी कमी खलेगी।
एक ही सवाल क्यों मारा..
कार्तिक के घर के बाहर गुरुवार रात सन्नाटा पसरा हुआ था, लेकिन गली में खड़े ग्रामीण घटना को लेकर चर्चा कर रहे थे। एक ही सवाल सब के दिलो-दिमाग में था कि आखिर कार्तिक को क्यों मारा। ग्रामीणों में आक्रोश कान्हा और नानू को लेकर भी था, जिन पर हत्या का शक है। ग्रामीणों का कहना है कि कान्हा मूलत: राजस्थान का है और गांव में ही नाश्ते का ठेला लगाता है। ग्रामीण डोंगरसिंह पटेल कहते हैं कि हत्यारों को कड़ी सजा मिलना चाहिए। आखिर बच्चे की क्या दुश्मनी हो सकती है।
आज गांव लाएंगे कार्तिक का शव
कार्तिक के पिता अशोक व अन्य रिश्तेदार महेश्वर में ही हैं। सुबह पोस्टमार्टम के बाद कार्तिक का शव गांव लाया जाएग। अशोक मूलत: सागर के हैं और उनकी पत्नी का मायका राऊ में है। दोनों ने प्रेम विवाह किया है। कार्तिक की एक बहन भी है।
एसपी ओपी त्रिपाठी ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने अपहरण के कुछ देर बाद ही हत्या कर दी थी। लाश महेश्वर में फेंकी। हत्या का कारण फिरौती आ रहा है, लेकिन कहानी गले नहीं उतर रही है। हम अन्य बिंदुओं पर भी जांच कर रहे हैं। हत्यारों के नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है। उनसे पूछताछ जारी है।
तीन संदिग्‍धों को दूसरे थाने भेजा
मिश्रा ने पांच लोगों पर बेटे के अपहरण करने का शक जताया था। इसके आधार पर डकाच्या में क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर, उनका भतीजा (मेडिकल संचालक), चाट का ठेला लगाने वाला, मोटर बाइंडिंग करने वाला और एक नशेड़ी को हिरासत में लिया था। डॉक्टर और भतीजे को विजय नगर थाने पर बैठाए रखा है जबकि अन्य तीन को पूछताछ के लिए दूसरे थाने पर रखा गया है।
फिर असफल रही पुलिस
कार्तिक नौवीं का छात्र था। वह रोज सत्यसाईं चौराहे पर कोचिंग क्लास में पढ़ाई करने आता था। जांच में पता चला कि कार्तिक ने कोचिंग से निकलने के बाद पिता अशोक को फोन किया- पापा मैं बस में बैठ रहा हूं। फिर वह लापता हो गया। विजय नगर थाने पर शिकायत के बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई थी। अपहरणकर्ताओं ने कार्तिक के मोबाइल से ही अशोक को फोन कर मंगलवार देर रात ढाई बजे 5 लाख की फिरौती मांगी।
अपहरणकर्ताओं ने स्र्पयों के लिए पहले मानपुर बुलाया। उसके बाद मोबाइल बंद कर लिया। बुधवार सुबह फिर अपहरणकर्ताओं ने अशोक को फोन किया। उन्‍होंने पैसे के साथ देवास आने को कहा। उसके बाद मोबाइल बंद हो गया। पुलिस ने पड़ताल की तो मोबाइल लोकेशन धामनोद की मिली। बुधवार रात से ही विजय नगर पुलिस धामनोद में डेरा डाले है लेकिन न तो पुलिस अपहरणकर्ताओं को ढूंढ सकी और न ही बच्चे को बचा पाई।
कोचिंग में भी सहम गए बच्चे
कार्तिक कैटेलाइजर कोचिंग क्लास में पढ़ता था। जब कोचिंग में उसके क्लासमेट और अन्य क्लास के साथियों से चर्चा की तो वे सहमे नजर आए। बच्चे कार्तिक के साथ हुई घटना के बाद से ही खामोश हैं। बताया जाता है कि कार्तिक बहुत ही हंसमुख और चंचल था। वह बहुत ही मिलनसार था इसलिए हादसे से कोचिंग के बच्चे भी सहम गए। कोचिंग संचालक भी इस मामले में कुछ कहने से बचते रहे।

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