खुद तबाह हो जाएगा पाकिस्तान , किसे बेचेगा ये सामान? भारत का कुछ नहीं बिगड़ेगा
नई दिल्ली,09 अगस्त(इ ख़बर टुडे)। जिस दिन भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान किया, उसी दिन से पाकिस्तान के होश उड़े हुए हैं. ऐसा लग रहा है जैसे भारत ने अपने संविधान की कोई धारा नहीं, बल्कि पाकिस्तान के संविधान की धारा हटा दी है. पाकिस्तान की तड़प और बेचैनी देखकर समझ में ये आ रहा है कि बॉर्डर पार चोट बहुत गहरी लगी है.
पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड करने का फैसला लिया है. यानी अब पाकिस्तान ना तो भारत से कोई सामान खरीदेगा और ना भारत को कोई सामान बेचेगा. दरअसल आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब पुलवामा हमले के बाद मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा छीने जाने की वजह से भारत में उसका निर्यात बहुत नीचे आ चुका है.
असल में भारत के साथ वह पहले से ही व्यापार घाटे में था और अब यह अंतर बहुत बढ़ गया था. इसके अलावा खुद भारत ने अप्रैल से एलओसी ट्रेड को बंद कर रखा है. इस वजह से पाकिस्तान बौखलाहट में व्यापारिक रिश्ते तोड़ने का दम भर रहा है. इमरान सरकार का यह कदम केवल पाकिस्तानी जनता को गुमराह करने के लिए एक हथकंडा है.
सच्चाई यह है कि भारत का पाकिस्तान के साथ नाममात्र का व्यापार होता है, भारत के कुल व्यापार का आधा परसेंट से भी कम व्यापार पाकिस्तान से होता है. पाकिस्तान से जो भी चीजें आती हैं, उन पर भारत ने 200 परसेंट की ड्यूटी लगा रखी है. यानी इसमें इमरान खान का ही घाटा है, भारत का कुछ भी नहीं जाता है.
साल 2018-19 में कारोबार
भारत और पाकिस्तान के बीच 2018-19 में करीब 18 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ. यह 2017-18 की तुलना में 1600 करोड़ रुपये ज्यादा था. इसमें भारत का पाकिस्तान को निर्यात 80 फीसदी है और आयात सिर्फ 20 फीसदी है. पूरे वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान निर्यात 7.4 फीसदी बढ़कर 2 अरब डॉलर पहुंचा.
साल 2017-18 में कारोबार
भारत पाकिस्तान के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 2017-18 में मामूली बढ़कर 2.41 अरब डॉलर रहा था, जो 2016-17 में 2.27 अरब डॉलर था. भारत ने 2017-18 में 48.85 करोड़ डॉलर का सामान पाकिस्तान से आयात किया, जबकि 1.92 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया गया.
साल 2016-17 में भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय व्यापार करीब 15,000 करोड़ रुपये रहा था. 2017-18 में यह आंकड़ा 9 फीसदी बढ़कर 16,400 करोड़ रुपये का हो गया. उसके बाद 2018-19 की दोनों देशों के बीच 10 फीसदी का व्यापार बढ़कर 18,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान पाकिस्तान से आयात 47 फीसदी घटकर 5.36 करोड़ डॉलर रहा था. भारत का निर्यात भी मार्च में करीब 32 फीसदी घटकर 17.13 करोड़ डॉलर रहा. भारत पाकिस्तान को करीब 37 फीसदी रासायनिक और 33 फीसदी टेक्सटाइल उत्पादों का निर्यात करता है. वहीं, भारत पाकिस्तान से सबसे ज्यादा 49% खनिज उत्पाद और 27% फल आयात करता है.
पाकिस्तान से भारत आता है ये सामान
भारत पाकिस्तान से कुल 19 प्रमुख उत्पादों का आयात करता है. जिसमें प्रमुख तौर पर ताजे फल, सीमेंट, ड्राई फूड, बड़े पैमाने पर खनिज एवं अयस्क, तैयार चमड़ा, अकार्बनिक रसायन, कच्चा कपास, मसाले, ऊन, रबड़ उत्पाद, अल्कोहल पेय, मेडिकल उपकरण, समुद्री सामान, प्लास्टिक और खेल का सामान है. ताजे फल में पाकिस्तान भारत को अमरूद, आम और अनानास भेजता है.
भारत पाकिस्तान को भेजता है ये सामान
भारत से पाकिस्तान चीनी, चाय, ऑयल केक, पेट्रोलियम ऑयल, कच्चा कपास, सूती धागे, टायर, रबड, डाई, रसायन समेत 14 वस्तुएं प्रमुख रूप से भेजा जाता है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर पाकिस्तान भारत से टमाटर का आयात करता है.
आंकड़ों के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच सड़क रास्ते से 138 वस्तुओं का इंपोर्ट-एक्सपोर्ट होता है. जबकि जम्मू-कश्मीर वाघा बॉर्डर से भारत-पाकिस्तान के बीच रोजाना 50-60 ट्रकों के जरिये सामानों का आना-जाना होता है.
मौजूदा समय में भारत-पाकिस्तान के बीच दो अहम ट्रेड रूट हैं, जिसमें मुंबई से कराची समुद्री रास्ते के जरिए और वाघा बॉर्डर से लैंड रूट शामिल है. इसके अलावा, पुंछ में चाकन दा बाघ और उरी में सलामाबाद के जरिए कारोबार किया जाता है. हालांकि ये दोनों रूट जम्मू-कश्मीर और पाक अधिकृत कश्मीर के बीच कारोबार के लिए अहम हैं.
एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक भारत-पाकिस्तान के बीच कारोबार अब भी बेहद कम है. पाकिस्तान के साथ व्यापार मात्र 2.67 अरब डॉलर रहा. पाकिस्तान को भारत का निर्यात मात्र 2.17 अरब डॉलर रहा. भारत के कुल निर्यात में यह मात्र 0.83 फीसदी है. वहीं, पाकिस्तान से भारत का आयात 50 करोड़ डॉलर से भी कम है. यह भारत के कुल आयात का 0.13 फीसदी है. विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच 35 अरब डॉलर से अधिक के कारोबार की संभावना है.