कोरोना के खतरे से निपटने में गंभीरता का अभाव,प्रशासन कर रहा है सिर्फ रस्म अदायगी
रतलाम,20 मार्च (इ खबरटुडे)। पूरा देश कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां करता हुआ नजर आ रहा है लेकिन रतलाम में प्रशासन की तैयारियों में गंभीरता की बजाय महज रस्म अदायगी नजर आ रही है। सरकारी दफ्तरों को सेनेटाइज करने के लिए सेनेटाइजर का छिडकाव हो या विदेशों से आए व्यक्तियों की जांच का मामला,सभी मामलों में गंभीरता का अभाव साफ देखा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना से निपटने के नाम पर प्रशासन द्वारा अनेक कदम उठाए जाने की जानकारी दी जा रही है। शहर के तमाम मेरिज गार्डन,सिनेमाघर,बडे माल आदि बन्द कर दिए गए हैैं। हाईकोर्ट के आदेश पर न्यायालय में पक्षकारों के आने पर रोक लगा दी गई है। सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति को भी आधा करने के निर्देश जारी किए गए है।
लेकिन कई मामलों में लापरवाही स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रही है।
पिछले दो दिनों से शहर के सरकारी दफ्तरों को सेनेटाइज किया जा रहा है। पुराने कलेक्टोरेट भवन में लग रहे कार्यालयों में सेनेटाइज करने पंहुचें कर्मचारियों ने जब दरवाजों खिडकियों और फर्निचर पर सेनेटाइजर का छिडकाव किया,तो पता चला कि सेनेटाइजर में पानी की मात्रा बहुत अधिक थी। दफ्तरों के कर्मचारियों ने इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई। इसी तरह शहर के दूरस्थ इलाकों में सेनेटाइजर इत्यादि का कोई उपयोग अब तक नहीं किया गया है।
मरीजों की जांच में भी गंभीरता नहीं
कहने को तो प्रशासन ने कोरोना के लिए चौबीसों घण्टों चलने वाला कंट्रोल रुम भी स्थापित किया है,लेकिन इस कंट्रोल रुम पर दी जाने वाही सूचनाओं को कतई गंभीरता से नहीं लिया जाता। स्वास्थ्य विभाग को जनसामान्य द्वारा दी जा रही सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही देखने को नहीं मिल रही है।
स्वच्छता का अभाव
कोरोना के खतरे से पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर स्वच्छता पर अत्यधिक जोर दिया जा रहा था। लेकिन कोरोना का खतरा सिर पर आ जाने के बाद नियमित स्वच्छता में कमी नजर आ रही है। शहर के कई इलाकों में कचरे के ढेर लगे हुए हैैं। नालियां जाम हो रही है।