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कैदियों का दिल भी पसीजा उत्तराचंल पीडीतों पर

जेल में बन्द सुधाकर ने उपवास रख भोजन व्यय की राशि उत्तराचंल भेजने की इजाजत मांगी
रतलाम,२६ जून(इ खबरटुडे)। उत्तरांचल में तीर्थयात्रियों पर बरसी आसमानी आफत को देखकर हर कोई द्रवित है। हर कोई किसी न किसी तरह से आपदा प्रभावितों की मदद करने की कोशिश कर रहा है। जेल में बन्द कैदी भी इससे पीछे नहीं रहना चाहते। मालंवांचल के डान के रुप में कुख्यात सुधाकर मराठा ने भी उत्तराचंल के पीडीतों के लिए एक माह तक उपवास रख कर उनकी मदद करने की अनुमति मांगी है।
अनेक अपराधों में विचाराधीन बन्दी के रुप में उज्जैन की भेरुगढ जेल में निरुध्द सुधाकर मराठा की आज रतलाम में पेशी थी। सुधाकर ने रतलाम के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी  आरसी पाल को एक आवेदन देकर कहा है कि वह उत्तरांचल के पीडीतों की सहायता के लिए एक माह तक एक समय का भोजन त्यागना चाहता है। एक समय के भोजन पर व्यय होने वाली राशि वह उत्तरांचल के पीडीतों की सहायता के लिए भेजना चाहता है। उसने मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी से इसके लिए अनुमति मांगी है।
सुधाकर ने अपने आवेदन में कहा है कि जेल में बन्द दोषसिध्द आरोपियों को तो कार्य के बदले पारिश्रमिक मिलता है,वे उस पारिश्रमिक से किसी की सहायता कर सकते है परन्तु विचाराधीन बन्दियों को कोई पारिश्रमिक नहीं मिलता। ऐसे में वह सिर्फ  अपने भोजन पर होने वाले व्यय की बचत कर पीडीतों की सहायता कर सकता है। सुधाकर के इस आवेदन पर सीजेएम ने जेल अधीक्षक का अभिमत मांगा है। जेल अधिकारियों के अभिमत के पश्चात ही इस आवेदन पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

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