कृषि भूमि का मुआवजा, उस पर जंगल कटाई का करोड़ों खर्च
पाइप डालने के मामले में भी उठ रहे हैं सवाल
उज्जैन,21 मार्च (इ खबरटुडे)।एक तरफ कृषि भूमि अधिग्रहण का मुआवजा और दूसरी तरफ सिंहस्थ क्षेत्र की ही अधिग्रहित की गई भूमि पर जंगल कटाई का करोड़ों खर्च। इस तरह की जानकारी लोक निर्माण विभाग के गलियारों से निकलकर बाहर आ रही है। इसके साथ विभागीय जानकारों के अनुसार पाइप लाइन डालने में भी गड़बड़ हुई है।
लोक निर्माण विभाग के सूत्र जानकारी दे रहे हैं कि सिंहस्थ क्षेत्र भूमि अधिग्रहण पूरी तरह से कृषि भूमि का किया गया है। कृषक को इसके लिये दो फसलों का मुआवजा भी दिया गया है। मेला क्षेत्र पड़ाव और सेटेलाइट टाउन के लिये करीब 3400 हेक्टेयर से अधिक भूमि अधिग्रहित की गई है। करोड़ों रुपया मुआवजा दिया गया है। इसके विपरीत लोक निर्माण विभाग सिंहस्थ संभाग उज्जैन के अधिकारियों ने इसी में से बड़ी भूमि पर जंगल कटाई के नाम पर बड़ी राशि खर्च होना बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सिंहस्थ मेला क्षेत्र में समतलीकरण के नाम पर बड़ा खर्च किया गया है।
कृषकों को दो फसल का मुआवजा इस शर्त पर भूमि अधिग्रहण के साथ दिया गया कि वे बोवनी नहीं करेंगे। अधिग्रहण के बाद खेत पूरी तरह खाली थे। इसके बावजूद लोनिवि के सिंहस्थ संभाग कार्यालय ने झाडिय़ां एवं पेड़ कटाई करते हुए सफाई के नाम पर बड़ा भुगतान करने की जानकारी सूत्र दे रहे हैं। राजस्व विभाग के कृषि भूमि अधिग्रहण और लोक निर्माण विभाग के जंगल कटाई, दोनों मुद्दे नया सवाल खड़ा कर रहे हैं। इससे भुगतान में लोचे की शंका बलवती हो रही है।
यही नहीं सूत्र यह भी जानकारी दे रहे हैं कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र में पाइप लाइन डाली गई है। इसमें लाखों का भुगतान ठेकेदार को किया गया। मेला क्षेत्र के करीब 570 हेक्टेयर में एक हजार डाया के पाइप डाले गये। इसका भुगतान किया गया। पाइप लाइन डालने के लिये खुदाई करना और भराई आदि का कार्य ठेकेदार को भुगतान किया जाना था। यह भुगतान नहीं किया गया। इसी से शंका खड़ी हो रही है कि पाइप कैसे और कब डाले गये?