June 26, 2024

कृषि क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहित करें- कलेक्टर

कलेक्टर की अध्यक्षता में आत्मा की गवर्निंग बॉडी की बैठक संपन्न

रतलाम ,22 फरवरी(इ खबर टुडे)। सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा की गवर्निंग बॉडी की बैठक कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान की अध्यक्षता में शनिवार को संपन्न हुई। कलेक्टर ने आत्मा परियोजना के तहत संपन्न कार्यों की समीक्षा की। जिले में नवाचारों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए, साथ ही जिले के किसानों को उन किसानों के खेतों पर ले जाने के निर्देश दिए जहां पर खेती में नवाचार किए गए हो।

बैठक में उपसंचालक कृषि जी.एस. मोहनिया, परियोजना संचालक निर्भयसिंह नरगेश, उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. ए.के. राणा, उप संचालक उद्यानिकी श्री कनेल, जिला व्यापार उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक अमरसिंह मोरे, सहायक संचालक मत्स्य बी.एस. डामोर, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सर्वेश त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले के जैविक उत्पादों के प्रदर्शन एवं बिक्री हेतु स्टॉल बनाए जाएं। सैलाना बस स्टैंड मंडी एवं महू रोड स्थित मंडी में स्टाल स्थापित किए जाएंगे। बैठक में आत्मा की गवर्निंग बोर्ड के सदस्य कनीराम, श्रीमती पुष्पाबाई कैलाशचंद्र, कृपालसिंह, कन्हैयालाल,टीकमसिंह, श्रीमती सुनीता पाठक, मानसिंह कतीजा भी उपस्थित थे।

बैठक में आत्मा परियोजना के तहत पर जिले के किसानों के राज्य के बाहर, राज्य के भीतर, जिले के भीतर अध्ययन भ्रमण तथा क्षमता विकास प्रशिक्षण की जानकारी दी गई। उपरोक्त घटकों में 370 हितग्राहियों को लाभान्वित करने की जानकारी दी गई। साथ ही कृषक भ्रमण तथा प्रशिक्षण पर 11 लाख 88 हजार रुपए खर्च करने की जानकारी भी दी गई।

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि आत्मा परियोजना के तहत कृषक बंधुओं का एक दिवसीय सम्मेलन आगामी मार्च माह में रतलाम में आयोजित किया जाए। इसके साथ ही जिन घटकों में योजना व्यय कम हुआ है, उनकी पूर्ति तत्काल की जाए। किसान मेलों के आयोजन भी तत्काल करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए। परंपरागत कृषि विकास योजना अंतर्गत चयनित क्लस्टर की सूची सदस्यों को उपलब्ध कराने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए।

जिले में गेहूं तथा अन्य फसलों के उपार्जन हेतु किए जा रहे कृषक पंजीयन पर चर्चा करते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अंतिम तिथि 28 फरवरी तक अधिकाधिक किसानों का पंजीयन कराया जाए, इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार प्रसार करें।

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