किसानों को मण्डी में लम्बी लाईन की परेशानियों से मिलेगी राहत
राज्य शासन ने सभी जिला कलेक्टरों को दिये विस्तृत दिशा-निर्देश
रतलाम,24 मई (इ खबरटुडे)। राज्य शासन ने मंडियों में अत्याधिक उपार्जित स्कंध जमा होने के कारण जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं कि पंजीकृत किसानों को सीमित संख्या में एसएमएस के माध्यम से मण्डी में उपज बेचने के लिये बुलाया जाये। इससे स्टॉक के परिवहन की गति बढ़ेगी और किसानों को गर्मी के मौसम में मंडी में ट्रेक्टर-ट्राली की लम्बी लाइन की परेशानियों से राहत भी मिलेगी।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर कहा है कि प्रदेश में विगत 15 मार्च से आगामी 26 मई तक गेहूँ का शासकीय स्तर पर उपार्जन किया जा रहा है। इसी प्रकार चना, सरसों एवं मसूर की उपार्जन अवधि विगत 10 अप्रैल से 9 जून तक निर्धारित है। इन दिनों मंडी प्रांगणों में इन फसलों की व्यापक आवक हो रही है।
इस कारण सहकारी समिति को किसानों की उपज की खरीदी और तौल में दो से तीन दिन तक का समय लग रहा है। इस भीषण गर्मी में किसानों को ट्रेक्टर-ट्रॉली के साथ मंडियों के बाहर लम्बी लाईन में खड़ा रहना पड़ता है। इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए पंजीकृत किसानों के लिये एसएमएस की व्यवस्था उपलब्ध करवाई जा रही है।
जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि मंडी प्रांगण में स्थान की उपलब्धता सहकारी समिति की दैनिक उपार्जन क्षमता एवं उपार्जित उपज के स्टॉक के परिवहन की गति आदि का आकलन करने के बाद ही एसएमएस की संख्या तय की जाये। पंजीकृत किसानों से सहकारी समिति द्वारा उपज की खरीदी और तौल यथासंभव उसी दिन पूरी की जाये, जिस दिन किसान को उपज बेचने के लिये बुलाया गया हो।
राज्य शासन ने निर्देश दिये हैं कि जिन मंडियों में उपज रखने के लिये पर्याप्त स्थान नहीं है, उनमें से कुछ सहकारी समितियों को मंडी प्रांगण के बाहर अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थानान्तरित किया जाये। साथ ही सहकारी समितियों के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं होने पर उन्हे मंडियों द्वारा यथासंभव सहयोग प्रदान किया जाये। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर अन्य विभागों से भी आवश्यकता संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है। मंडी प्रांगणों में बेहतर कानून व्यवस्था बनाये रखने और संभावित अप्रिय स्थिति को नियंत्रित करने के लिये जिला और पुलिस प्रशासन सहित अन्य विभागों के शासकीय सेवकों की ड्यूटी तत्काल प्रभाव से लगाने के निर्देश दिये गये हैं।
जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि इस बार प्रदेश में समय पर मानसून आने की संभावना को देखते हुए चना, सरसों और मसूर को तत्परता से गोदामों तक पहुँचाना आवश्यक होगा। इन उपज का उपार्जन 9 जून तक किया जाना निर्धारित है। इसके अतिरिक्त प्री-मानसून या असमय वर्षा की संभावना पता लगते ही मंडी प्रांगण में उपार्जित तथा खुले में रखे हुए स्टॉक की सुरक्षा के लिये त्रिपाल और पन्नी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर जिला स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के लिये भी कहा गया है।