December 24, 2024

कालोनाइजर द्वारा सरकारी नाले पर सड़क बनाने के मामले में टालमटोल का रवैया, एसडीएम की भूमिका सवालों के घेरे में

rajbag nala

रतलाम,14 फरवरी (इ खबरटुडे)। सैलाना रोड स्थित निजी कालोनी के लिए सरकारी नाले पर सड़क बनाने की अनुमति देने के गंभीर मामले में उच्चाधिकारियों के निर्देश के बावजूद अधीनस्थ अधिकारी टालमटोल का रवैया अपना रहे है। उच्चाधिकारियों के निर्देश के बावजूद अब तक कालोनाईजर को नोटिस जारी नहीं किया गया है।इस पूरे मामले में शहर एसडीएम की भूमिका सवालों के घेरे में घिरती नजर आ रही है।
उल्लेखनीय है कि सैलाना रोड स्थित राजबाग कालोनी को मुख्यसड़क से जोडने के लिए कालोनाईजर ने येनकेन प्रकारेण सरकारी नाले पर ही सड़क बनाने की अनुमति हासिल कर ली,और बेहिचक नाले को मोड कर रास्ता बनाना शुरु कर दिया। यह मामला मीडीया में उछलने के बाद कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने तहसीलदार से मौका मुआयना करवाया और नाले को मोडने तथा उस पर सड़क बनाने के आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाया गया। कलेक्टर ने पूरे मामले में गडबडी होने की आशंका को देखते हुए इस मामले में कालोनाईजर को नोटिस जारी कर जांच करने के निर्देश भी अपने अधीनस्थ  अधिकारियों को दिए थे। लेकिन इस मामले में अब तक न तो नोटिस जारी किए गए है और ना ही जांच आगे बढ सकी है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक इस पूरे मामले में शहर एसडीएम की भूमिका सवालों के घेरे में घिरती नजर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक कालोनाईजर ने नाले को मोडने और सड़क बनाने के लिए बाकायदा अनुमति प्राप्त की है। नियमों के मुताबिक शासकीय नाले को मोडने और अनुमोदित  मानचित्र के विपरित सड़क बनाने की अनुमति दी ही नहीं जा सकती। इसके बावजूद कालोनाईजर के प्रभाव में आकर उसे अनुमति प्रदान कर दी गई। अब यदि इस मामले की जांच होती है तो नियमों के उल्लंघन की जिम्मेदारी कालोनाईजर  से ज्यादा  अधिकारियों पर आएगी। यही कारण है कि अधीनस्थ अधिकारी किसी ना किसी तरह से इस मामले की जांच को लटकाना चाहते है।

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