कांग्रेस-भाजपा दोनों विरोधी प्रत्याशी को हल्का आंक रहे
मुकाबला लोकसभा चुनाव-2014
उज्जैन 16 मार्च (इ खबरटुडे)। उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र पर आम चुनाव के लिये दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दलों की ओर से प्रत्याशी घोषित कर दिये गये हैं। प्रत्याशी घोषणा के साथ ही दोनों ही दल विरोधी प्रत्याशी को हल्का आंक रहे हैं। 39वें दिन मतदान के साथ मतदाता प्रत्याशियों का भाग्य तय करेंगे। इसके पूर्व दोनों ही दल के कार्यकर्ता और नेता जोरदार तरीके से अपने प्रत्याशी के लिये प्रचार-प्रसार में जुटेंगे।
संसदीय चुनाव के लिये हालिया स्थिति में प्रचार-प्रसार का शोर शुरु नहीं हुआ है। सिर्फ प्रत्याशियों की घोषणा के साथ कार्यकर्ताओं का जमावड़ा और मैदान संभालने के लिये तैयारियां शुरु हुई हैं। अगले कुछ दिनों में जोरदार शोर शुरु होगा। इसके साथ ही कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल अपने प्रत्याशी और उपलब्धियों को लेकर मतदाताओं के बीच पहुंचेंगे। वर्तमान परिस्थितियों में प्रत्याशी घोषणा के साथ ही दोनों ही दल एक-दूसरे के प्रत्याशी को हल्का आंक रहे हैं। कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी के रुप में सांसद प्रेमचंद गुड्डू की घोषणा किये जाने के बाद कांग्रेस खेमे से चुनाव 50-50 माना जा रहा था। भाजपा प्रत्याशी डॉ. चिंतामणी मालवीय की घोषणा के बाद कांग्रेस खेमे में इसे और हल्के में लिया जा रहा है। दूसरी ओर भाजपा खेमे में पिछली बार की हार के बावजूद इस बार हौंसले बुलंद हैं। विधानसभा चुनाव 2013 में संसदीय क्षेत्र की आठों विधानसभा पर परचम फहराने को लेकर ये हौंसले बुलंद हैं। भाजपा खेमे का मानना है कि इस बार मुकाबला नहीं के बराबर है।
2009 की स्थिति
संसदीय क्षेत्र में वर्ष 2009 में 5 विधानसभा क्षेत्र भाजपा के कब्जे में थे और 3 पर कांग्रेस काबिज थी। नगर निगम उज्जैन में कांग्रेस का बोर्ड था। भाजपा को संसदीय चुनाव में अपने ही विधानसभा क्षेत्रों से मात खाना पड़ी थी। इसके उलट तीन में से दो कांग्रेस विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा को अच्छे मत मिले थे।
2014 की स्थिति
संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा क्षेत्रों पर भारतीय जनता पार्टी का परचम लहरा रहा है। शिवराज लहर में कई दिग्गज कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी मात खा गए। नगर निगम उौन पर भाजपा का बोर्ड काबिज है। विधानसभा चुनाव में करीब 8 विधानसभा क्षेत्रों में सवा लाख मतों का अंतर सामने आया है।
भाजपा का अपना दावा
इसे मुकाबला नहीं बोल सकते हैं। हमें तो बस 24 अप्रैल का इंतजार है। ये एक तरफा मामला है। विधानसभा के परिणाम इस बात का द्योतक हैं कि मतदाता भाजपा के साथ हैं, उसके कार्यों से खुश हैं। नरेन्द्र मोदी को मतदाता प्रधानमंत्री बनाना चाहता है। पिछली बार संसदीय चुनाव में कुछ गलतफहमियां थीं, अब जनमत भाजपा के साथ है। हमारा प्रत्याशी योग्य है। प्रदेश सरकार के काम उसके साथ हैं। हमारा कार्यकर्ता उत्साह से लबरेज है। मंडल स्तर पर सम्मेलन हो चुके हैं। इंतजार है तो बस 24 अप्रैल का।
– इकबालसिंह गांधी, अध्यक्ष नगर भाजपा, उज्जैन
मुकाबला बढ़िया दिया है। हमारी जीत सुनिश्चित है। सांसद जिन मुद्दों पर जीते थे, केन्द्र की उनकी सरकार उन मुद्दों को हल नहीं कर सकी और केन्द्र की सरकार विफल रही है। उनकी ही सरकार थी और वे सांसद थे। प्रदेश की भाजपा सरकार ने वादे निभाए, वो काम कर दिखाये, जो कांग्रेस के लिये स्वप्न थे। पिछली बार कुछ मुद्दे गहरा गये। चुनावी मुद्दे पर कांग्रेस ने संसदीय क्षेत्र में जीत दर्ज की थी। कांग्रेस की सरकार में हमारा सांसद रहा। सरकारों ने काम नहीं होने दिये और उसे हमारे सांसद की विफलता बताया। अब मतदाता समझ गया है। विधानसभा में परिणाम सामने आया है।
– श्याम बंसल, अध्यक्ष जिला भाजपा,उज्जैन
कांग्रेस का अपना दावा
मुकाबला एकतरफा है। शेर के सामने मेमना वाली स्थिति है। भाजपा ने बकरा भी नहीं दिया। हमारी पदयात्रा सारे ब्लाक में शुरु हो चुकी है। प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कार्यकर्ताओं के लिये करेंगे। संसदीय चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाता है। हमारे सांसद ने 5 साल में वो विकास किया जो भाजपा 35 साल में नहीं कर सकी। मतदाता के समक्ष विकास कार्य लेकर जायेंगे।
– अनंतनारायण मीणा, अध्यक्ष शहर जिला, कांग्रेस कमेटी उज्जैन
हमारे सामने कोई मुकाबला नहीं है। जनता के सामने दोनों प्रत्याशी हैं। उनके प्रत्याशी ने कब और कहां जनसेवा की और जनता के लिये खड़े हुए ये सभी जानते हैं। हमारे प्रत्याशी जनसेवक के रुप में सामने रहे हैं। हमारे 5 साल के इतने काम हैं उन्हीं को लेकर मतदाताओं के बीच जायेंगे। विधानसभा चुनाव का कोई असर इस चुनाव पर नहीं रहेगा।
– जयसिंह दरबार, अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण उज्जैन