November 15, 2024

कहीं जुगाड़ की नाव तो कहीं बैलगाड़ी से अस्पताल पहुंचते हैं मरीज

मालवा-निमाड़,04 सितम्बर (इ खबरटुडे)।मालवा-निमाड़ के जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं के बुरे हाल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालत और भी भयावह है। स्वीकृत पदों की तुलना में आधे डॉक्टर भी नहीं हैं। दवाओं, जांचों के लिए रोगी बड़े शहरों पर निर्भर हैं। प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार की व्यवस्था नहीं है। जिला अस्पताल तक पहुंचने के लिए न ठीक रास्ते हैं और न समय पर वाहन मिल पाते हैं।

रास्ते ठीक नहीं होने से मरीज टांगाटोली, बैलगाड़ी और जुगाड़ की नाव से अस्पताल पहुंचते हैं। शव वाहन की समस्या तो सभी जिलों में है। शासन ने 4000 की आबादी पर स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था मान्य की हुई है लेकिन मंदसौर में ही 6136 लोगों पर एक स्वास्थ्य केंद्र है। यह हालत अमूमन अन्य जिलों में भी है। नईदुनिया की ग्राउंड रिपोर्ट-

मंदसौर जिला
जनसंख्या के मान से 13,39,832 लोगों पर महज 93 चिकित्सक कार्यरत हैं यानी 13978 लोगों पर मात्र एक चिकित्सक। वहीं 220 स्वास्थ्य केंद्रों के लिहाज से देखें तो 6136 लोगों पर एक अस्पताल है। सामान्य मरीज भी बड़े शहरों में रेफर हो रहे हैं। जिला अस्पताल में प्रथम श्रेणी चिकित्सक के 42 पद स्वीकृत है जबकि कार्यरत 19 हैं।

नीमच जिला
8.5 लाख से अधिक आबादी की स्वास्थ्य सेवाएं 49 डॉक्टर संभाल रहे हैं। जिले में 55 डॉक्टरों के पद रिक्त हैं।

धार जिला
कुछ गांवों में तो हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि मरीजों को बरसाती नदी में जुगाड़ की नाव से लेकर अस्पताल जाना पड़ता है। जिले की आबादी 21 लाख, स्वास्थ्य केंद्र 46, उप स्वास्थ्य केंद्र 398, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 15 हैं। मरीज इंदौर पर अधिक आश्रित हैं।

रतलाम जिला
15 लाख की आबादी के मान से जिला अस्पताल सहित 38 अस्पतालों में 7 सामुदायिक व 29 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। कर्मचारियों की कमी से अधिकांश केंद्रों पर ताले तक नहीं खुलते। ग्रामीणों को निजी नर्सिंग होम सहित झोलाछाप का सहारा लेना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों में 50 फीसद कमी है।

झाबुआ जिला
10 लाख 24 हजार 91 लोगों के लिए बड़े अस्पताल के नाम पर सिर्फ एक जिला अस्पताल ही है। पेटलावद में सिविल अस्पताल घोषित कर दिया गया, लेकिन सुविधाएं अब भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ही हैं। झाबुआ को छोड़ कहीं भी शव वाहन नहीं है।

शाजापुर जिला
10 लाख की आबादी वाले जिले के मुख्यालय में शव वाहन नहीं है। ग्रामीणों को कम से कम 3 से 5 किमी तक का सफर तय करना पड़ता है। 200 बिस्तर क्षमता के जिला अस्पताल में परेशानी फीमेल वार्ड में आ रही हैं। हर पलंग पर दो मरीज भर्ती हैं। जिले में 112 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, जबकि पदस्थ हैं सिर्फ 61।

आगर-मालवा जिला
500 गांवों व 7 नगर की 5 लाख 60 हजार आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं नाकाफी हैं। मात्र 2 एंबुलेंस हैं। चिकित्सकों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है।

बुरहानपुर जिला
जिला अस्पताल में गंभीर रोगों के उपचार की व्यवस्था नहीं है। तकनीकी कर्मचारियों की कमी सेउपकरण धूल खा रहे हैं। एम्बुलेंस भी बदहाल हैं। जिला अस्पताल में 9 डॉक्टर, 57 नर्स व 1 कपांउडर हैं।

खंडवा जिला
13 लाख से अधिक की आबादी के लिए 174 उप स्वास्थ्य केंद्र, 31 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 6 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 1 सिविल अस्पताल है। ग्रामीणों को सामुदायिक केंद्र के लिए अधिकतम 30 से 40 किमी और सिविल अस्पताल के लिए 80 से 100 किमी की दूरी तय करना पड़ रही है। 50 से अधिक ऐसे गांव हैं जहां स्वास्थ्य केंद्र नहीं हैं। प्रथम श्रेणी चिकित्सक के 22 में से 21 पद खाली हैं।

खरगोन जिला
आबादी 18 लाख है। जिला अस्पताल करीब 600 मरीज औसतन प्रतिदिन पहुंचते हैं। इसके अलावा 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 56 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 276 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं।

बड़वानी जिला
प्रथम श्रेणी चिकित्सकों के ही स्वीकृत पदों में से 70 प्रतिशत पद रिक्त हैं। 22 में से 11 जननी एक्सप्रेस बंद हैं। जिले में एक भी शव वाहन नहीं है। अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र कम्पाउंडर व नर्सों के भरोसे ही चल रहे हैं।

उज्जैन जिला
शहर में 7 मंजिल का मातृ व शिशु अस्पताल तो बना दिया, मगर डॉक्टर सहित अन्य अमले की पोस्टिंग नहीं की गई है। जिला अस्पताल के स्टाफ से यहां काम लेना पड़ रहा है। 130 डॉक्टर और कर्मचारियों की अस्पताल में कमी है। 100 करोड़ के खर्च से जिला अस्पताल के पास चरक हॉस्पिटल बनाया गया है। यहां डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट सहित अन्य अमले की पदस्थापना नहीं की गई है।

देवास जिला
16 लाख आबादी वाले जिले में 1057 गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं नाम की ही हैं। 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 25 से 30 गांव के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है।

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