May 18, 2024

कमजोर वर्ग को बैंके ज्यादा से ज्यादा वित्त पोषित करें

बैंकों की जिला स्तरीय बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश

रतलाम,15जून (इ खबरटुडे)।जिले के कमजोर तबके को बैंक शाखाएं ज्यादा से ज्यादा वित्त पोषित करें। इस वर्ग के आर्थिक उत्थान हेतु आवश्यक है कि बैंकें इसके वित्त पोषण में सकारात्मक रवैया अपनाएं। बैंकों में रखा पैसा किसी बैंकर का नहीं होकर, आम आदमी के उत्थान के लिए होता है। इसलिए शासन के विभिन्न विभागों द्वारा कमजोर वर्गों के लिए विविध योजनाओं में तैयार प्रकरणों को स्वरुचि लेकर बैंकर स्वीकृति देवें।

यह निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने आज बैंकों की जिला स्तरीय सलाहकार एवं समन्वय समिति की बैठक में दिए। सीईओ जिला पंचायत सोमेश मिश्र, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक तथा बैंकों के जिला समन्वयक बैठक में उपस्थित थे।

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बैंकर्स को निर्देशित किया कि आगामी 4 अगस्त को जिले में ब्लाकवार आयोजित होने वाले रोजगार मेलों में अधिकाधिक फायनेंस स्वरोजगार के लिए किया जाना है। बैंकर्स इन रोजगार मेलों के माध्यम से अधिकाधिक युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण प्रकरणों की स्वीकृति देंगे। अभी डेढ़ माह बाकी है, इन मेलों में लगभग 75 प्रतिशत तक लक्ष्य का वितरण किया जाना है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि बैंकर्स स्वरोजगार के जिन प्रकरणों को वापस लौटाते हैं, उसमें कारण अवश्य बताएं और संबंधित विभाग के अधिकारी को प्रकरण लौटाते वक्त रसीद अवश्य देवें।

बैठक में जिला अग्रणी बैंक की आरसेटी प्रशिक्षण शाखा द्वारा विगत दिनों प्रदान किए गए हेयर सेलून प्रशिक्षण के सम्बन्ध में अधिकारी द्वारा अवगत करवाया गया। सीईओ जिला पंचायत सोमेश मिश्र ने बैंकर्स से कहा कि इस प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए प्रशिक्षणार्थियों को बैंक शाखाएं वित्त पोषित कर आत्मनिर्भर बना सकती हैं। बैठक में राज्य शासन की मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना की जानकारी देते हुए बताया गया कि इस योजना में 50 हजार रुपए से लेकर 2 करोड रुपए तक का ऋण शासन द्वारा उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। आवेदक कृषक या उसके माता-पिता के नाम कृषि भूमि होना चाहिए, वह 10 वीं उत्तीर्ण हो, आयु 45 वर्ष से अधिक न हो।

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बैंकर्स को बताया कि इस योजना में युवा कृषकों के कस्टम हायरिंग, सीड ग्रेडिंग, सीड स्पाइरल तथा अन्य कृषि एवं स्थानीय परिस्थिय आधारित उद्यमों के लिए विभागों द्वारा प्रकरण बनवाकर बैंकों में प्रस्तुत किए जा रहे हैं। बैंकर्स अधिकाधिक प्रकरण स्वीकृत कर वितरण करें। बैठक में विभिन्न शासकीय विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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