November 13, 2024

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को राष्ट्रपति भवन में दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर, मोदी ने गले लगाया

नई दिल्ली,23 फरवरी (इ खबरटुडे)।कनाडा के प्रधानमंत्री शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन पहुंचे। यहां पीएम नरेंद्र मोदी ने उनका गले लगाकर स्वागत किया। इस दौरान मोदी ट्रूडो की पत्नी और बच्चों से भी मिले। राष्ट्रपति भवन के बाहर ट्रूडो को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने के बाद ट्रूडो करीब 11:30 बजे पीएम मोदी के साथ भी मीटिंग करेंगे।

गुरुवार को मोदी ने इस बारे में एक ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने भारत-कनाडा के रिश्तों को मजबूत करने की बात कही। एक और ट्वीट में मोदी ने कहा कि वो ट्रूडो और उनके बच्चों से मिलने के लिए उत्सुक हैं। पीएम ने ट्वीट के साथ अपने 2015 के कनाडा दौरे की फोटो भी पोस्ट की। माना जा रहा है कि मोदी और ट्रूडो मीटिंग में न्यूक्लियर डील, बिजनेस, एजुकेशन और विवादित खालिस्तान मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं। बता दें कि स्पेशल डिनर में खालिस्तान समर्थक को इन्वाइट करने की वजह से ट्रूडो का यह दौरा विवादों में आ गया है।

मोदी ने किए दो ट्वीट
-मोदी ने ट्वीट में लिखा ‘मुझे उम्मीद है कि जस्टिन ट्रूडो और उनके परिवार ने भारत दौरे का मजा लिया होगा। मैं उनके बच्चों जेवियर, एला-ग्रेस और हेड्रियन से खासतौर पर मिलना चाहता हूं। ये मेरे 2015 कनाडा दौरे की फोटो जब मैं पहली बार पीएम ट्रूडो और एला ग्रेस (ट्रूडो की पत्नी) से मिला था।
मीटिंग में किन मुद्दों पर होगी बात?
– शुक्रवार को मोदी और ट्रूडो के बीच मीटिंग में बिजनेस, डिफेंस, सिविल न्यूक्लियर डील, एनर्जी और एजुकेशन के मुद्दे पर बात हो सकती है।
– इसके अलावा कनाडा में बढ़ रहे सिख एक्स्ट्रिमिज्म और खालिस्तान का मुद्दा भी ट्रूडो और मोदी के बीच चर्चा का विषय रहेगा।
– बता दें कि ट्रूडो के सात दिन के भारत दौरे का शुक्रवार को आखिरी दिन है। वे देर रात कनाडा रवाना हो जाएंगे।

खालिस्तान सपोर्टर को डिनर पर बुलाने से हुआ विवाद
– गुरुवार को खालिस्तानी समर्थक जसपाल अटवाल को डिनर का इन्वाइट करके ट्रूडो पहले ही विवाद को हवा दे चुके हैं। हालांकि, बाद में डैमेज कंट्रोल के लिए अटवाल का इन्विटेशन कैंसल कर दिया गया था।
– कनाडा के पीएमओ ने कहा, “यह साफ कर देना अहम है कि वह (अटवाल) पीएम (ट्रूडो) के ऑफिशियल डेलिगेशन का हिस्सा नहीं था, न ही उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय ने इन्वाइट किया था।”
– वहीं ट्रूडो ने कहा, “हमने इस मसले को गंभीरता से लिया है। उसे कोई भी न्योता नहीं दिया चाहिए था। जैसे ही हमें इसकी जानकारी मिली, इन्विटेशन कैंसल कर दिया। पार्लियामेंट के एक मेंबर ने उसे पर्सनली बुलाया था।”
– ट्रूडो मंगलवार को मुंबई गए थे। यहां एक फोटो में अटवाल ट्रूडो की पत्नी सोफिया के साथ नजर आया। एक अन्य फोटो में वह ट्रूडो के मंत्री अमरजीत सोही के साथ भी दिखाई दिया।
क्यों बड़ा मुद्दा है खालिस्तान?
– कनाडा में बढ़ रहे खालिस्तान के मुद्दे पर भारत पहले ही चिंता जता चुका है। पिछले साल ओंटारियो विधानसभा में एक प्राइवेट मेंबर बिल लाया गया था जिसे ट्रूडो की पार्टी मेंबर हरिंदर मल्ही ने पेश किया था। इस बिल में 1984 सिख दंगों को नरसंहार बताया गया था।
– ट्रूडो पिछले साल 30 अप्रैल को खालसा दिवस के जश्न में शामिल हुए थे। इस फंक्शन में खालिस्तान समर्थक जरनैल सिंह भिंडरवाले और मेजर जनरल शाबेग सिंह के गुणगान किए गए थे। भारत ने इस फंक्शन में ट्रूडो के शामिल होने को गलत बताया था।
– हाल ही में कनाडा के ओंटारियो में 14 गुरुद्वारों ने भारतीय अधिकारियों की एंट्री पर बैन लगा दिया था। गुरुद्वारों ने ये कदम सिख राष्ट्र और सिख संस्थानों को समर्थन ना देने के लिए उठाया था।
– इसके अलावा कनाडा के डिफेंस मिनिस्टर हरजीत सिंह सज्जन और इन्फ्रास्ट्रक्चर मिनिस्टर अमरजीत सोही पर खालिस्तान के समर्थन का आरोप लगता रहा है। हालांकि, दोनों ही खालिस्तान से किसी भी तरह के संबंध से इनकार करते हैं।

क्या है खालिस्तान का विवाद?
– पंजाब में कुछ लोगों ने 1980 के दशक में खालिस्तान नाम से अलग देश बनाने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने भारत विरोधी हिंसक आंदोलन किए। 1984 में भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में घुसकर वहां छिपे खालिस्तान सपोर्टर्स पर कार्रवाई की। इसके बाद धीरे-धीरे यह आंदोलन खत्म हो गया।
ट्रूडो ने गुरुवार को क्या किया?
– ट्रूडो दिल्ली में हैं। वे गुरुवार सुबह परिवार के साथ यहां की जामा मस्जिद देखने पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अपने बच्चों के साथ यहां के ग्राउंड पर क्रिकेट खेला। उनके साथ टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव और अजहरुद्दीन भी थे।

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