November 22, 2024

एसईजेड की तर्ज पर विशेष जैविक कृषि प्रक्षेत्र बनाएं सरकार

भारतीय किसान संघ ने किसानों के हित में उठाई मांग

नई दिल्ली,17 जुलाई (इ खबरटुडे)। किसानों और कृषि की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार को एसईजेड(सेज) की तर्ज पर किसानी क्षेत्र में एस.ओ.ए.जेड.अर्थात विशेष जैविक कृषि क्षेत्र बनाने की पहल करना चाहिए।  इससे न सिर्फ देश में जैविक कृषि का विस्तार होगा बल्कि जैविक उत्पादों को अच्छा बाजार भी मिल सकेगा। इससे किसान और उपभोक्ता दोनों ही लाभान्वित होंगे।
यह बात भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री प्रभाकर केलकर ने एक विशेष चर्चा के दौरान कही। श्री केलकर ने बताया कि किसान संघ ने दिल्ली में विगत 13 सितम्बर 2013 को आयोजित विशाल किसान रैली की पूर्व संध्या पर माननीय राष्ट्रपति जी को किसानों का मांगपत्र दिया गया था। यह मांग उस समय भी उठाई गई थी।
श्री केलकर ने अपनी इस योजना को स्पष्ट करते हुए बताया कि देश में जैविक खेती का विस्तार और जैविक उत्पादों को अच्छा बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य को सामने रखकर यह मांग की गई है। इस योजना के मुताबिक विशेष जैविक कृषि प्रक्षेत्र में कम से कम 50 से सौ एकड खेती योग्य भूमि चाहिए। यह एक सहकारिता आधारित कार्य होगा। इसके अनुसार इस कृषि भूमि में हंकाई-जुताई,बीज आदि के साथ फसल का पूरा काम होने के बाद फसल की सफाई,प्रसंस्करण(प्रोसेसिंग),थैलियां बनाना,गोदाम की व्यवस्था,कृषि उत्पादों का बाजार तथा जैविक कृषि उत्पाद उपभोक्ताओं को देने की व्यवस्था करना आदि कार्य उस कृषि प्रक्षेत्र में होने चाहिए। संक्षेप में कहा जाए तो खेती,पैकिंग और उत्पादों की बिक्री का सारा काम एक ही स्थान पर होगा। इस योजना से किसान भाई और उपभोक्ता दोनो ही लाभान्वित होंगे।
श्री केलकर ने कहा कि इस सम्बन्ध में भारतीय किसान संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि किसानों को इस योजना को अपनाएं इसके लिए सरकार अनुदान एवं सस्ती दरों पर पूंजी उसी तरह उपलब्ध कराएं,जिस तरह कि सरकार एसईजेड के लिए सुविधाएं देती है। इस योजना से जहां किसान लाभान्वित होगा वहीं देश में जैविक कृषि का विस्तार होगा और जनता को स्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ उपलब्ध होंगे। इसके लिए यह भी आवश्यक है कि इस योजना को साकार करने के लिए अनेक किसानों को एक साथ मिलकर काम करना होगा या जिन परिवारों के पास पर्याप्त भूमि है वे आगे आकर इस योजना को साकार कर सकते हैं। श्री केलकर ने कहा कि प्रदेश सरकारों के पास बडी संख्या में कृषि फार्म होते हैं। राज्य सरकारें नमूने के तौर पर अपने राज्यों में तीन चार आदर्श उदाहरण प्रस्तुत कर सकती है।
श्री केलकर ने कहा कि गत माह भारतीय किसान संघ के एक प्रतिनिधिमण्डल की गुजरात की नवनियुक्त मुख्यमंत्री से भेंट हुई थी। जब उनके समक्ष विशेष जैविक कृषि प्रक्षेत्र की योजना रखी गई,तो उन्होने इस योजना की प्रशंसा करते हुए सहकारिता आधारित इस तरह का कृषि फार्म देखने की इच्छा भी व्यक्त की थी।
किसान संघ महामंत्री श्री केलकर ने समस्त किसान समाज से भी आग्रह किया है कि वे संसार का सर्वोत्तम कार्य खेती करते है। आज खेती विषैली एवं रासायनिक हो गई है। किसानों को इसका अपराधबोध मन में रखते हुए अधिक से अधिक विशेष जैविक कृषि प्रक्षेत्र बनाने का प्रयास करना चाहिए। ऐसा करने से स्वार्थ और परमार्थ दोनो की सिध्दी होगी। जनता को स्वास्थ्यकर पदार्थ मिलेंगे और हमारी भूमि माता भी स्वस्थ होगी। महंगी खेती की जगह कम लागत,कम पानी वाली जैविक खेती करते हुए हम अपने देश की बेहतर सेवा करने का स्वाभिमान भी प्राप्त कर सकेंगे। उन्होने देशभर के किसानों से आग्रह किया है कि यदि इस प्रकार का प्रयोग देश में कहीं भी किया जा रहा हो तो वे इसकी जानकारी अपने मोबाइल नम्बर और पते के साथ भारतीय किसान संघ के केन्द्रीय कार्यालय नई दिल्ली को सूचित करें। जिससे कि अन्य किसान इससे प्रेरणा प्राप्त कर सके।

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